लखनऊ: विकास प्राधिकरण सोमवार को याजदान बिल्डिंग के खिलाफ कार्रवाई करेगा। मुंबई से आई विशेष टीम याजदान बिल्डिंग को जमींदोज करेगी। हालांकि इसका विरोध भी शुरू हो गया है। रविवार को बुलडोजर से यजदान अपार्टमेंट की चहारदीवारी को तोड़ा गया। सोमवार को यहां छठे तल पर पोकलैंड मशीन चढ़ाई जाएगी।
यह बिल्डिंग सपा नेता फहद याजदान की है। प्रयाग नारायण रोड पर नजूल की जमीन पर इसका निर्माण साल 2015 में किया गया था। यहां LDA अफसरों ने नजूल की भूमि पर बन रहे अपार्टमेंट का निर्माण भी होने दिया था। यहां तक कि अपार्टमेंट का मानचित्र स्वीकृत कर दिया था। शिकायत के बाद अपनी नौकरी बचाने के लिए वर्ष 2016 में LDA ने अपार्टमेंट को सील करा दिया। बाद में बिल्डर से 75 लाख रुपए शमन मानचित्र का भी जमा करा लिया गया। मानचित्र स्वीकृत होने के कारण इस प्रोजेक्ट को यूपी रेरा में भी पंजीकृत कर लिया गया।
खरीदार परेशान, हमको क्यों मिल रही सजा
यहां चार फ्लैटों में खरीदार रह रहे थे। पुलिस ने उनको भी बाहर निकाल दिया है। यहां रहने वाले फैजल का कहना है कि हमने तो रेरा में प्रोजेक्ट पंजीकृत होने पर ही अपनी जीवन भर की कमाई यहां लगा दी। कुछ लोगों ने कर्जा भी लिया। इसमें LDA के अधिकारी भी दोषी हैं।
सात मंजिला इमारत में बनाए 40 फ्लैट
पिछले दो साल से यह अवैध निर्माण चल रहा था। 2 बार बिल्डिंग को प्राधिकरण ने सील भी किया था, फिर भी निर्माण कार्य चलता रहा। बिल्डर ने देखते ही देखते सात मंजिला इमारत तैयार कर लिया। इसमें करीब 40 फ्लैट तैयार किए गए हैं। बताया जा रहा है कि इसके 80% फ्लैट बिक चुके हैं। इसमें 50 से 70 लाख रुपए में सौदा हुआ है। बताया जा रहा है कि इसकी कीमत 15 करोड़ रुपए से ज्यादा है।
सूत्रों का कहना है कि अधिकारियों को निर्माण के दौरान लगातार पैसा पहुंचता रहा। इसकी वजह से कार्रवाई नहीं हुई, लेकिन अब शासन स्तर से दबाव बन गया है तो कार्रवाई हो रही है। LDA में कार्यरत एक बाबू ने बताया कि इसमें LDA के लोगों को करीब एक करोड़ रुपए से ज्यादा का पैसा ब्लैक मनी के तौर पर दिया गया है। इसकी वजह से यह निर्माण होता रहा। पिछले दिनों एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें 800 स्क्वायर फीट के मकान के लिए करीब पांच लाख रुपए की डिमांड थी। ऐसे में इस निर्माण में एक करोड़ से ज्यादा पैसा LDA को गया है