भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी आज सीकर आए। झुंझुनू में होने जा रही भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में शामिल होने से पहले वह सीकर के नवलगढ़ रोड पर पार्टी कार्यकर्ता दयाराम महरिया के घर पर रुके। इस दौरान दोनों मीडिया से भी रूबरू हुए।
कांग्रेस ने किया राजस्थान की राजनीति का इतिहास कलंकित
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि झुंझुनू में प्रदेश की कार्यसमिति की बैठक होगी। इसमें प्रदेश के 500 चुनिंदा नेता शामिल हो रहे हैं जिनमें विधायक और सांसद भी शामिल हैं। सभी मिशन 2023 और 2024 पर चर्चा करेंगे क्योंकि राजस्थान में बीते चार साल का कालखंड राजनीति में कलंकित इतिहास जैसा है। राजस्थान जो शांतिपूर्ण प्रदेश था वह आज अपराध की राजधानी है। 8.15 लाख मुकदमे इस बात की बानगी पेश करते हैं। एक साल में 6337 रेप की घटनाएं, हर दिन 7 हत्याएं, हर 12 किलोमीटर पर कोई ना कोई अधिकारी या कर्मचारी ट्रैप होता है।
युवाओं और किसानों के साथ धोखा
पूनिया ने कहा कि राजस्थान में 70 लाख युवाओं के साथ खिलवाड़ हुआ। लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सदन में केवल 1 लाख की बात कही। 69 लाख युवाओं के भविष्य के साथ तब चोट हुई जब रीट में चीट हुई। राजस्थान में इस समय सभी माफियाओं में नकल माफिया सबसे प्रबल है। जिसने युवाओं के सपने तोड़े हैं। आज राजस्थान के 60 लाख किसान 1.20 लाख हजार करोड़ कर्जमाफी का इंतजार कर रहे हैं। 9 हजार किसानों की जमीन नीलाम हो गई।
कार्यसमिति बैठक में जनआक्रोश और मिशन 23 व 24 पर चर्चा
पूनिया ने कहा कि 100 में से 36 मार्क्स आने पर कोई स्टूडेंट पास होता है लेकिन इस सरकार को वह भी नही दिए जा सकते। 17 दिसंबर को जब सरकार 4 साल का उत्सव मनाएगी तो भाजपा राजस्थान में काला दिवस मनाएगी। झुंझुनूं में होने जा रही कार्यसमिति की बैठक में इस पर विस्तृत चर्चा होगी। पूनिया बोले - इस कार्यसमिति की बैठक के दो मुख्य मुद्दे रहेंगे। एक तो मिशन 2023 और 2024। दूसरा जान आक्रोश आंदोलन।
राजे पार्टी की नेता - अपने हिसाब से पार्टी को टाइम देती हैं
पूनिया ने कहा कि राजनीति में व्यक्ति की कोई भी हैसियत हो और भूमिका हो। और खास तौर पर भारतीय जनता पार्टी का चरित्र है कि पार्टी के लोग हमेशा लोकहित की बात सोचते हैं और करते हैं। वसुंधरा राजे पार्टी की नेता हैं। जैसा उनको समय उपलब्धता के हिसाब से उचित लगता है वह समय देती है।
2002 में सीकर से शुरू हुआ EWS आरक्षण आंदोलन
घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने साल 2002 में सीकर के रामलीला मैदान से आंदोलन की शुरुआत कर सवर्ण जातियों को आरक्षण दिलाने के लिए जो फार्मूला दिया था उस फार्मूले के आधार पर संविधान संशोधन किया। उस संविधान संशोधन को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार करके अभूतपूर्व और ऐतिहासिक निर्णय दिया। इसके लिए सीकर के लोग और रामलीला मैदान बधाई का पात्र है क्योंकि जिस समय यह आंदोलन शुरू हुआ था तब जातियों में फूट का वातावरण था। सामाजिक समरसता के लिए हमने एक नया फार्मूला दिया जिसमें अन्य वर्गों के आरक्षण में कोई छेड़छाड़ न कर वांछित जातियों को आरक्षण दिया जाए।
इसके बाद हिंदुस्तान में पहली बार विधि मंत्री होने के नाते विधानसभा में पारित किया। और इसे 9वीं अनुसूची में शामिल करने की बात की। उस समय मनमोहन सिंह सरकार थी जिन्होंने इस बिल को नौवीं अनुसूची में नहीं डाला। इसके बाद नरेंद्र मोदी ने संविधान संशोधन लाकर इसे पारित करवाया। हिंदुस्तान में अब आरक्षण सर्वजन हिताय हो गया है। जिसका उद्गम स्थल सीकर के रामलीला मैदान में हुई पहली रैली है। पार्टी के बाकी नेताओं की वापसी की बात पर तिवाड़ी ने कहा कि मैं भी पार्टी में था। भूल से उधर घूम कर आ गया। बाकी लोगों के बारे में अध्यक्ष ही तय करेंगे।