नई दिल्ली: पाकिस्तानी कप्तान बाबर आजम अपने देश के महान क्रिकेटर इमरान खान की उपलब्धि की बराबरी करने से महज एक मैच दूर हैं. उनका कहना है कि वह इसके लिए नर्वस होने के बजाय काफी उत्साहित हैं. पाकिस्तान की टीम रविवार को एमसीजी पर टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में इंग्लैंड से भिड़ेगी. पाकिस्तान के पास दूसरा टी20 वर्ल्ड कप खिताब जीतने का मौका है. टीम इससे पहले साल 2009 में चैंपियन बनी थी.
बाबर ने शनिवार को कहा, मैं नर्वस होने के बजाय उत्साहित ज्यादा हूं क्योंकि हमने अपने पिछले तीन मैचों में शानदार प्रदर्शन किया है. कप्तान ने कहा, इसमें कोई शक नहीं कि दबाव होता है लेकिन इसे सिर्फ आत्मविश्वास और खुद पर भरोसे से ही दबाया जा सकता है और अच्छे नतीजे के लिये यह जरूरी है कि प्रत्येक को ऐसा करना चाहिए. उन्होंने यह स्वीकार करने में हिचकिचाहट नहीं दिखायी कि शाहीन शाह अफरीदी, नसीम शाह, मोहम्मद वसीम जूनियर और हारिस रऊफ की चौकड़ी उनकी टीम की मजबूती है.
बाबर आजम ने कहा, इंग्लैंड की टीम काफी प्रतिस्पर्धी है, भारत के खिलाफ जीत से फाइनल में पहुंचना इसका सबूत है. हमारी रणनीति अपनी योजना पर अडिग रहना और अपने तेज गेंदबाजी आक्रमण को अपनी मजबूती के तौर पर इस्तेमाल करके फाइनल जीतने की होगी. बाबर के लिए 1992 की उपलब्धि की बराबरी करना सम्मान की बात होगा. 30 साल पहले इमरान खान की कप्तानी में पाकिस्तान की टीम इंग्लैंड को हराकर ही वनडे वर्ल्ड कप चैंपियन बनी थी.
उन्होंने कहा, हां, मेरा मानना है कि हम भले ही अच्छी शुरूआत नहीं कर सके हों लेकिन हमने शानदार लय से वापसी की. पिछले तीन-चार मैचों में पाकिस्तानी टीम व्यक्तिगत और टीम के स्तर पर काफी अच्छा खेली है. उन्होंने कहा, हम इस उपलब्धि के लिये बहुत मेहनत कर रहे हैं. फाइनल में पहुंचना सपने के साकार होने जैसा लगता है. बाबर और उनके सलामी जोड़ीदार मोहम्मद रिजवान पहले छह ओवर में मिले मौकों का फायदा उठाना चाएंगे.
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उन्होंने कहा, पावरप्ले में ज्यादा से ज्यादा विकेट हासिल करना मैच के लिए अहम होता है. यहां तक कि जब आप बल्लेबाजी करते हो तो आप आने वाले बल्लेबाजों के लिये अच्छी लय बनाना चाहते हो. आजम ने कहा, हम इस लय को बनाये रखने कोशिश करेंगे ताकि बेहतर प्रदर्शन करें. उन्होंने स्वीकार किया कि जब वह ग्रुप के लीग मैचों में बड़ा स्कोर नहीं बना सके तो वह काफी दबाव में थे.
आजम ने कहा, निश्चित रूप से जब आप अच्छा स्कोर नहीं बना रहे होते हो तो आप पर काफी दबाव बन जाता है. लेकिन मैं मध्यक्रम की तारीफ करना चाहूंगा, उन्होंने जिम्मेदारी उठायी और वो हासिल किया जो मैं और रिजवान नहीं कर पाये थे.