भारतीय जनता पार्टी वैसे तो लखीमपुर की गोला गोकर्णनाथ विस सीट के उपचुनाव को बड़े मार्जिन से जीत चुकी है। मगर मैनपुरी लोकसभा सीट और रामपुर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव भाजपा की नई टीम के लिए किसी टेस्ट जैसे होंगे। पार्टी सपा के गढ़ माने जाने वाले मैनपुरी व रामपुर में कमल खिलाने के लिए जिताऊ कैंडिडेट की तलाश हो रही है।
रामपुर की सीट पर वैट एंड वॉच की नीति पर सपा
सपा ने मैनपुरी सीट पर प्रत्याशी मैदान में उतार दिया है। मगर रामपुर सीट पर पार्टी अभी वेट एंड वाच की नीति पर है। बात सत्ताधारी दल भाजपा की करें तो 2 लोकसभा सीटों पर उपचुनाव जीत चुकी है। आजमगढ़ में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के विधानसभा सदस्य चुने जाने के बाद उप चुनाव हुए थे।
रामपुर में आजम खान के विधानसभा सदस्य चुने जाने से हुए उपचुनाव में दोनों सीटों पर भगवा खिल चुका है। मगर इस बार की सूरत-ए-हाल अलग है।
मैनपुरी व रामपुर उपचुनाव को लेकर पार्टी में मंथन
नेताजी मुलायम सिंह यादव के निधन के कारण मैनपुरी में उपचुनाव हो रहा है। तो आजम की सदस्यता चली जाने के कारण रामपुर में चुनाव है। दोनों ही जगह भाजपा कमल खिलाने की कवायद में है। पार्टी में शीर्ष स्तर पर प्रत्याशी को लेकर मंथन चल रहा है।
नेताओं के मेल मुलाकात के बाद प्रत्याशी बनाए जाने को लेकर अटकले भी खूब हैं। मगर भाजपा में प्रत्याशी का चयन राज्य के बजाय केंद्रीय नेतृत्व करेगा। ऐसे में शनिवार को पार्टी कोर कमेटी की बैठक के बाद प्रत्याशियों के नाम पैनल के जरिए भेज सकती है।
नई बीजेपी की टीम के लिए किसी परीक्षा से कम नहीं चुनाव
इस बार के उपचुनाव यूपी भाजपा के नए अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह के लिए किसी परीक्षा से कम नहीं होंगे। आजमगढ़ व रामपुर लोकसभा उप चुनाव तक पार्टी के महामंत्री संगठन सुनील बंसल का प्रबंधन काम कर रहा था।
वैसे भाजपा की दोनों सीटों पर जिताऊ प्रत्याशी की तलाश पूरी होते ही नामों का ऐलान हो सकता है। नामांकन से ही पार्टी लीड लेने की कोशिश जरूर करेगी। बहरहाल भाजपा के बड़े नेता भी प्रत्याशी को लेकर अभी चुप्पी साधे हैं।