चीन ने फिर भरी युद्ध की हुंकार! जंग के लिए सेना रहे तैयार; जिनपिंग के बयान से मची खलबली

चीन ने फिर भरी युद्ध की हुंकार! जंग के लिए सेना रहे तैयार; जिनपिंग के बयान से मची खलबली

बीजिंग: यूक्रेन-रूस जंग और भारत के साथ जारी सीमा विवाद के बीच चीन ने एक बार फिर से जंग की हुंकार भरी है और अपनी सेना पीएलए यानी पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी को युद्ध के लिए तैयार रहने को कहा है. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के सामने अस्थिरता का खतरा बढ़ने की बात कहते हुए पीपुल्स लिबरेशन आर्मी पीएलए को युद्ध लड़ने और जीतने के लिए तैयारी बनाये रखने तथा क्षमता बढ़ाने के वास्ते अपनी समस्त ऊर्जा लगाने का आदेश दिया.


69 वर्षीय शी जिनपिंग ने रिकॉर्ड तीसरी बार पांच साल के लिए सेना का नेतृत्व संभाला है. उन्हें पिछले महीने यहां कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना सीपीसी की कांग्रेस में अभूतपूर्व तरीके से पांच साल के तीसरे कार्यकाल के लिए पुन: सीपीसी का महासचिव और केंद्रीय सैन्य आयोग सीएमसी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। सीपीसी, पीएलए की सर्वोच्च कमान है. पार्टी अध्यक्ष, सेना प्रमुख और देश के राष्ट्रपति के तीन सबसे शक्तिशाली पदों पर आसीन जिनपिंग पार्टी संस्थापक माओत्से तुंग के बाद एकमात्र ऐसे नेता हैं जो 10 साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद भी पद पर रहेंगे.


जिनपिंग ने मंगलवार को सीएमसी के संयुक्त अभियान कमान केंद्र का निरीक्षण किया जो सीपीसी केंद्रीय समिति की रणनीतिक कमान तथा सीएमसी को अहम सहयोग प्रदान करती है. सरकारी मीडिया की खबर के अनुसार कमान केंद्र पहुंचने के बाद राष्ट्रपति को अधिकारियों ने यहां के बारे में जानकारी दी. बीस लाख से अधिक अधिकारियों और जवानों वाली दुनिया की सबसे बड़ी सेना को अपने नये कार्यकाल में पहले संबोधन में जिनपिंग  ने कहा कि दुनिया ऐसे बदलावों से गुजर रही है जो पिछली एक सदी में नहीं देखे गये. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा बढ़ती अस्थिरता एवं अनिश्चितता के खतरे का सामना कर रही है और सेना के सामने कठिन कार्य है.


समाचार एजेंसी शिन्हुआ की खबर के अनुसार, उन्होंने कहा कि पूरी सेना को अपनी सारी ऊर्जा युद्ध की तैयारी के लिए, युद्ध लड़ने तथा जीतने की क्षमता बढ़ाने के लिए एवं प्रभावी तरीके से अपने मिशनों व कार्यों को पूरा करने के लिए काम करने में लगा देनी चाहिए. खबर के मुताबिक जिनपिंग ने कहा कि राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और विकास के हितों की दृढ़ता से सुरक्षा करें और पार्टी तथा जनता द्वारा दिये गये अनेक कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा करें.


राष्ट्रपति ने अपने भाषण में किसी देश विशेष का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका यह बयान संसाधन संपन्न हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की आक्रामक सैन्य गतिविधियों को लेकर बढ़ती अंतरराष्ट्रीय चिंता के बीच आया है. उधर चीन और भारत की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में लंबे समय से गतिरोध जारी है. चीन विवादित दक्षिण चीन सागर के लगभग पूरे क्षेत्र पर अपना दावा करता है, वहीं ताइवान, फिलीपीन, ब्रूनेई, मलेशिया और वियतनाम दक्षिण चीन सागर के हिस्सों पर अपने-अपने दावे रखते हैं.


बीजिंग ने दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीप तथा सैन्य परिसर बनाये हैं. उसका पूर्वी चीन सागर में जापान के साथ क्षेत्रीय विवाद भी है. जिनपिंग ने कहा कि सैन्य नेतृत्व को 2027 तक पीएलए को विश्वस्तरीय सशस्त्र बल बनाने के लक्ष्य को पूरा करने पर ध्यान देना चाहिए जिसका मोटा-मोटा अर्थ इसे अमेरिकी सशस्त्र बलों के समकक्ष बनाने से लगाया जा रहा है.


 hvygur
yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

Leave a Reply

Required fields are marked *