बरेली-अलीगढ़ एक्सप्रेस स्पेशल में 23 साल की लड़की की गैंगरेप के बाद हत्या कर दी गई। 29 जून को हुई इस वारदात में जीआरपी 4 दिन पहले चार आरोपियों को जेल भेज चुकी है। इनमें एक जीआरपी का सिपाही भी है। लेकिन, जिस तरीके से जीआरपी ने आरोपियों को गुपचुप ढंग से जेल भेजकर केस का ऑन रिकॉर्ड खुलासा किया, उससे कई सवाल उठ रहे हैं। GRP ने इस खुलासे को इस कदर गोपनीय रखा कि पीड़ित परिवार को भी इसकी भनक नहीं लगने दी।
परिजनों के शक, संदेह और CDR के आधार पर आरोपी पकड़े गए
हालात ये हैं कि इस घटना के खुलासे को लेकर जीआरपी अधिकारी अब कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। एसपी जीआरपी अपर्णा गुप्ता का कहना है कि आरोपियों को परिजनों के शक, संदेह और सीडीआर से मिले इविडेंस के आधार पर गिरफ्तार किया गया है। जब तक डीएनए की रिपोर्ट नहीं आ जाए, तब तक वे इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं बता सकेंगी।
दूसरी तरफ अगर जीआरपी के रिकॉर्ड की बात करें तो विवेचना में जीआरपी इन चारों अभियुक्तों को आईपीसी 302 और 376 का मुल्जिम दिखाकर गिरफ्तार कर चुकी है। अधिकारियों का रवैया बता रहा है कि जीआरपी इस केस की कड़ियों को जोड़ने में अभी तक पूरी तरह से नाकाम है।
हमें मीडिया रिपोर्ट से पता चला कि खुलासा हो गया है: भाई
मृतका के भाई ने दैनिक भास्कर से कहा, जीआरपी ने जिस ढंग से खुलासा किया है, वो हमारे गले नहीं उतर रहा है। खुलासे के बारे में जीआरपी ने हमें कोई जानकारी नहीं दी। हमें इसकी जानकारी मीडिया में आई खबरों से हुई। इसके बाद मैंने जब कॉल किया तो इंस्पेक्टर साहब जीआरपी चंदौसी इंस्पेक्टर ने स्वीकार किया कि हां चार आरोपी जेल भेजे गए हैं।
साहब बोले- बताएंगे, अभी धीरज रखो
मृतका के भाई ने कहा- जब मैंने साहब से पूछा कि खुलासे में क्या-क्या बातें पता चली हैं तो उन्होंने मुझे कुछ नहीं बताया। बस इतना कहा कि जल्द ही सब बता देंगे अभी धीरज रखो। बोले- आरोपियों का डीएनए सैंपल जांच के लिए भेजा गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद पूरी बात बताएंगे।
मृतका के भाई का कहना है कि जीआरपी ने 3 अक्टूबर की रात को ही आरोपियों को पकड़ लिया था। 4 अक्टूबर को उन्हें जेल भेज दिया गया। लेकिन, उन्हें इसके बारे में कुछ नहीं बताया गया। उन्हें इसकी जानकारी 7 अक्टूबर को तब हुई जब ये मामला मीडिया में आया।
29 जून को दिव्यांग कोच में मिली थी बॉडी
अलीगढ़ के गांधी पार्क थाना क्षेत्र में रहने वाली 23 साल की युवती बरेली की एक निजी मार्केटिंग कंपनी में काम करती थी। 29 जून की तड़के करीब साढ़े चार बजे वो अपने घर जाने के लिए बरेली रेलवे स्टेशन से बरेली-अलीगढ़ एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन में सवार हुई थी।
उसी दिन सुबह 7 बजे जब ये ट्रेन संभल जिले के चंदौसी रेलवे स्टेशन पर पहुंची तो वहां दिव्यांग कोच में युवती का शव बर्थ पर पड़ा मिला था। उसके गले में दुपट्टा कसा हुआ था। करीब 10 दिन पहले आई स्लाइड रिपोर्ट से साबित हो चुका है कि गला घोंटकर हत्या किए जाने से पहले युवती के साथ रेप किया गया था।
GRP सिपाही समेत 4 गए हैं जेल
ट्रेन में हुई गैंगरेप और मर्डर की इस सनसनीखेज वारदात में जीआरपी चंदौसी ने 4 अक्टूबर को जीआरपी सिपाही नीरज कुमार, एसआर राजपूत, बरेली के यूट्यूबर इश्तियाक और अवधेश को जेल भेजा है। सिपाही नीरज मूल रूप से मुरादाबाद का रहने वाला है। घटना के वक्त वो बरेली जीआरपी में तैनात था और युवती के कई महीनों से संपर्क में था। उसके ऑफिस भी आता जाता था।
SR राजपूत उर्फ शीशराम शाहजहांपुर का रहने वाला है और वारदात के तीन महीने पहले तक बरेली में उसी कंपनी में काम करता था जिसमें युवती काम करती थी। अवधेश अलीगढ़ का रहने वाला है और बरेली में उस कंपनी का ब्रांच हेड था जिसमें युवती काम करती थी। चौथा आरोपी यूट्यूबर इश्तियाक युवती का दोस्त था।
DNA सैंपल भेजे हैं जांच को
गिरफ्तार किए गए चारों आरोपियों को सोमवार को चंदौसी में सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया था। कोर्ट से अनुमति लेने के बाद जीआरपी सिपाही समेत चारों आरोपियों के डीएनए सैंपल लिए गए। मंगलवार को जीआरपी ने मृतका के माता पिता को बहजोई बुलाया और उन दोनों के भी ब्लड सैंपल डीएनए टेस्ट के लिए कलेक्ट कराए गए। ये सैंपल अब जांच के लिए डीएनए लैब भेजे गए हैं।