मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव को लेकर अखिलेश यादव ने पार्टी के कुछ अहम लोगों के साथ रणनीति तैयार की है। करीब 2 घंटे तक पार्टी के महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव के आवास पर मैनपुरी और इटावा के नेताओं से चर्चा हुई। ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि आने वाले चुनाव में इस सीट पर यादव बनाम ओबीसी प्रत्याशी लड़ने वाले हैं। इस बैठक में पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव और तेज प्रताप यादव भी मौजूद रहे। बीजेपी के लिए ये चुनाव इसलिए भी अहम है, क्योंकि सपा के गढ़ यानी मैनपुरी में कभी कमल पर लड़ने वाले प्रत्याशी खाता तक नहीं खोल सके हैं।
अब आपको मैनपुरी लोकसभा की 5 विधानसभा सीटों के बारे में बताते हैं
मैनपुरी में करहल, किशनी, भोगांव और सदर विधानसभा सीट आती है। लोकसभा की पांचवीं विधानसभा सीट इटावा की जसवंतनगर है। यहां से शिवपाल सिंह यादव 6 बार के विधायक हैं। माना जा रहा है कि यहां से सपा को ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं है।
शिवपाल की नाराजगी से बिगड़ सकती है राजनीति
सूत्र बताते हैं कि सपा परिवार में रविवार को हुई बैठक में तेज प्रताप यादव को प्रत्याशी बनाने पर सहमति लगभग बन गई थी। लेकिन शिवपाल को साथ लाने पर बात नहीं बनी। इसी के बाद प्रसपा अध्यक्ष की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई है।
गोरखपुर में मंगलवार को उन्होंने कहा,अखिलेश यादव चापलूसों से घिरे हैं। साफ है कि मुलायम के न रहने के बाद अखिलेश व शिवपाल में नजदीकी की संभावनाएं भी अब इस तरह की बयानबाजी से धूमिल होती दिख रही हैं।
अब आपको मैनपुरी सीट पर मुलायम सिंह यादव का जादू पढ़वाते हैं
5 बाद मैनपुरी से चुनाव लड़े, सभी जीते
सपा के गठन के बाद से अब तक मैनपुरी लोकसभा सीट पर कुल नौ लोकसभा चुनाव हुए। प्रत्याशी कोई भी रहा हो, पर्दे के पीछे हमेशा नेताजी ही रहे। हर चुनाव में उनका जादू चला। उनके जादू के दम पर ही सपा कभी भी लोकसभा चुनाव नहीं हारी। हर चुनाव में पार्टी प्रत्याशी ने जीत दर्ज की।
नेताजी मुलायम सिंह यादव अपने जीवन में सात बार सांसद चुने गए। मैनपुरी से उन्होंने पांच लोकसभा चुनाव लड़े और हर चुनाव को जीता। मैनपुरी के मतदाताओं ने अपने नेता को पांच बार संसद पहुंचाया। धरतीपुत्र की धरती पर सपा प्रत्याशियों ने हर बार बड़े अंतर से जीत दर्ज की।
बीजेपी की प्रत्याशी कोर कमेटी की बैठक में अगले 48 घंटे में होंगे तय
सीएम आवास पर आयोजित बैठक में भूपेंद्र चौधरी और धर्मपाल सिंह ने मुख्यमंत्री के साथ मैनपुरी और रामपुर उप चुनाव की तैयारी को लेकर बातचीत की। माना जा रहा है कि कोर कमेटी अगले 48 घंटे में प्रत्याशी का ऐलान कर देगी। चुनाव को लेकर फिल्ड सर्वे के अनुसार ही प्रत्याशी तय होंगे।
वहीं बीजेपी ने मैनपुरी लोक सभा सीट पर पूर्व सांसद रघुराज सिंह शाक्य, विधायक ममतेश शाक्य, राहुल राठौर, तृप्ति शाक्य, प्रेम सिंह शाक्य समेत कई नामों पर पार्टी में चर्चा चल रही है। फिलहाल बीजेपी में मुलायम खानदान की छोटी बहू अपर्णा यादव को मैनपुरी लोकसभा सीट उतारने का विचार चल रहा है।
रामपुर में फिर एक बार पसमांदा मुसलमान, शाक्य यादव वोट के बराबर
मैनपुरी में भाजपा के साथ संघ परिवार और वैचारिक संगठनों को भी सक्रिय कर दिया गया है। जबकि रामपुर में अल्पसंख्यक मोर्चा को सक्रिय किया है। लोक सभा में सपा से चुनाव मुकाबले के लिए भाजपा शाक्य समाज के उम्मीदवार पर दांव लगा सकती है। मैनपुरी में यादव और शाक्य मतदाताओं की संख्या बराबर है।
मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद हो रहे चुनाव में यादव और मुस्लिम वोट एक तरफा सपा को जा सकता है। लिहाजा शाक्य समाज को टिकट देकर भाजपा शाक्य सहित अन्य जातियों को साधकर मुकाबले को मजबूत बनाना चाहती है। हालांकि मैनपुरी और रामपुर चुनाव पर केंद्रीय नेतृत्व की भी पूरी नजर है। दोनों सीटों पर प्रत्याशी चयन में केंद्रीय नेतृत्व भी फीडबैक ले रहा है। इसके अलावा रामपुर विस क्षेत्र में भाजपा ने मुस्लिम मतदाताओं को साधने के लिए 12 नवंबर को मुस्लिम लाभार्थी सम्मेलन का आयोजन रखा है।
13 को होगा पसमांदा सम्मेलन
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने बताया कि 13 नवंबर को बरेली में पसमांदा समाज का सम्मेलन आयोजन किया जा रहा है। वहीं रामपुर विधानसभा सीट पर बीजेपी नॉन यादव ओबीसी यानी शाक्य या अन्य किसी ओबीसी जाति के उम्मीदवार को उतार सकती है। बीजेपी पार्टी सूत्रों की मानें तो पसमांदा मुसलमान को भी भाजपा अपना उम्मीदवार रामपुर विधानसभा सीट पर बना सकती है।