सिडनी: टी20 वर्ल्ड के सेमीफाइनल से पहले ही ऑस्ट्रेलिया का सफर खत्म होने से टीम के राष्ट्रीय कोच जॉर्ज बेली ने निराशा जताई. इसके साथ ही उन्होंने बाएं हाथ के तेज गेंदबाज मिशेल स्टार्क को अफगानिस्तान के खिलाफ एक निर्णायक मैच से बाहर करने को लेकर भी अपनी बात रखी.
कोच बेली ने इस कदम को और स्पष्ट करने का प्रयास करते हुए कहा कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि घायल कप्तान एरॉन फिंच की जगह लेने वाले कैमरन ग्रीन, ने ऑस्ट्रेलिया को एक और मध्य ओवर का विकल्प दिया और वे डैथ गेंदबाजी को मजबूत करना चाहते थे.
बेली ने कहा, हर बार जब ऑस्ट्रेलियाई टीम एक बड़े टूर्नामेंट या सीरीज में जाती है, उम्मीदें काफी ज्यादा होती है. हम यहां से सेमीफाइनल में नहीं जाने से निराश हैं. स्टार्क को लेकर वह एक रणनीतिक और मैच-अप से जुड़ा फैसला था. लोग इस पर प्रतिक्रिया दे सकते हैं और वह दे रहे हैं. हालांकि बेली ने स्वीकार किया कि न्यूजीलैंड से पहले मैच में मिली 89 रनों की हार ने टीम को काफी पीछे कर दिया था.
सहायक कोच डेनियल वेटोरी ने कहा था कि बेहतर होता अगर बल्लेबाज हार के अंतर को कम करने पर ध्यान देते. इस पर पूर्व कप्तान बेली ने कहा, नेट रन रेट से पीछे रहने का मतलब था कि बहुत सी चीजें शायद हमारे नियंत्रण से बाहर थीं. इसके बाद हर मैच में आप रन-रेट को बेहतर करने का प्रयास करते हैं लेकिन यहां अन्य टीमों को श्रेय दिया जाना चाहिए. यहीं पर गलती हो गई, वह पहला मैच हम इस तरह हार गए. आप सोचना चाहते हैं कि अगर बल्लेबाजी क्रम किसी तरह 140-150 तक पहुंच जाता तो बात कुछ और होती.
सिडनी में 5 नवंबर को इंग्लैंड ने बेन स्टोक्स नाबाद 42 रन के अनुभव की बदौलत सुपर-12 के ग्रुप एक के महत्वपूर्ण मैच में श्रीलंका को चार विकेट से हराकर टी20 विश्व कप के सेमीफाइनल में प्रवेश किया, जिससे मेजबान और गत चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया का अभियान ग्रुप चरण में ही समाप्त हो गया. एशेज की दो प्रतिद्वंद्वी टीमों ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच सुपर 12 का मुकाबला बारिश की भेंट चढ़ गया था. इससे ऑस्ट्रेलिया का अभियान ग्रुप चरण में सात अंक पर खत्म हुआ क्योंकि उनकी उम्मीदें श्रीलंका की इंग्लैंड पर जीत पर टिकी थीं.