राजस्थान विधानसभा चुनाव-2023 में बीजेपी वोटर्स को अपने पक्ष में करने के लिए माइक्रो मैनेजमेंट फॉर्मुला अपनाएगी। बीजेपी का हर घर में मेंबर बनाने का टारगेट है। इसमें लाखों कार्यकर्ताओं की टीम आईडी कार्ड के साथ फील्ड में उतरेगी। बूथ जीता तो चुनाव जीता और मेरा बूथ सबसे मजबूत अभियान दो बड़े नारों के साथ 21 लाख 32 हजार कार्यकर्ता वोटर्स को बीजेपी के पक्ष में करने में जुटेंगे। पार्टी ने 21 लाख से ज्यादा कार्यकर्ताओं का पूरा डेटाबेस बनाकर फोटो युक्त आईडी कार्ड बनाने का प्रोसेस भी शुरू कर दिया है।
चौंकाने वाली बात यह है कि राजस्थान में तो यह अभियान का दूसरा ही स्टेज है। गुजरात में बीजेपी की जीत हुई। वहां तीसरे स्टेज पर लागू किया गया बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सीआर पाटिल फॉर्म्युला राजस्थान में भी लागू किया जा सकता है। जिसके तहत राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले 1 करोड़ से ज्यादा कार्यकर्ता फील्ड में उतारे जा सकते हैं।
राजस्थान में स्टेज-2 के तहत 52 हजार बूथ पर 21-21 कार्यकर्ताओं की बूथ कमेटी बनाई जा रही है। इनमें कुल 10 लाख 92 हजार मेम्बर होंगे। 47 हजार से ज्यादा बूथ कमेटियां बनाई भी जा चुकी हैं। इसके बाद हर बूथ पर अधिकतम 1200 वोट साधने के लिए 20-20 पन्ना प्रमुख नियुक्त करने पर पार्टी ने काम शुरू कर दिया है।
बूथ मैनेजमेंट
प्रदेश में बूथों की कुल संख्या 52 हजार
हर बूथ पर कमेटी में सदस्य 21
कुल बूथ कमेटी सदस्य 10 लाख 92 हजार
पन्ना मैनेजमेंट
एक बूथ पर वोटर संख्या 1200
1 पन्ने में वोटर की संख्या 30
पन्ने के आगे-पीछे वोटर संख्या 60
हर बूथ पर पन्ना प्रमुख 20
हर पन्ना प्रमुख को वोटर का जिम्मा 60
52000 बूथों पर पन्ना प्रमुख 10 लाख 40 हजार
थर्ड स्टेज पर 1 करोड़ 4 लाख पन्ना कमेटी मेम्बर बनेंगे
राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी तीसरी स्टेज के माइक्रो मैनेजमेंट लेवल पर गई। तो हर पन्ने पर 11 पन्ना कमेटी सदस्य (1 पन्ना प्रमुख और 10 पन्ना कमेटी मेम्बर) बनाए जाएंगे। कुल 1 करोड़ 4 लाख पन्ना कमेटी मेम्बर बनेंगे। ये बहुत बड़ा आंकड़ा होगा।
गुजरात के सीआर पाटिल मॉडल पर फोकस क्यों ?
गुजरात में बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सीआर पाटिल इसी माइक्रो मैनेजमेंट से लगातार चुनाव जीतते आए हैं। प्रदेश अध्यक्ष बनने से पहले पाटिल ने नवसारी में इस मॉडल का इस्तेमाल किया और 2019 के लोकसभा चुनाव में 6.89 लाख वोटों के साथ अब तक की सबसे बड़े अंतर के साथ जीत हासिल की। नवसारी सीट से 3 बार के लोकसभा सांसद पाटिल ने जुलाई 2020 में गुजरात भाजपा प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त होने के बाद दो चुनावी टेस्ट पास कर अपनी और इस मॉडल की कामयाबी पहले ही साबित कर चुके हैं। नवम्बर 2020 में बीजेपी ने सभी 8 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भी जीत हासिल की थी। जिसके बाद 2021 के स्थानीय निकाय चुनाव में भी जीत मिली। उसी फॉर्म्यूले को गुजरात विधानसभा चुनाव होने के बाद में राजस्थान में भी लागू करने की तैयारी बीजेपी कर रही है। चंद्रकांत रघुनाथ पाटिल का मानना है कि लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत दिलवाने वाले पन्ना प्रमुख मॉडल का विस्तार कर बनाए गए नए मॉडल में 5 सदस्यों वाली पन्ना कमेटियां शामिल हैं। जो वोटर लिस्ट के 30 वोटर वाले एक चुनावी पन्ने के की इंचार्ज हैं।
गुजरात में बीजेपी बना चुकी 82 लाख पन्ना कमेटी मेम्बर
बीजेपी गुजरात में 82 लाख पन्ना समिति सदस्य बना चुकी है। वहां नए मॉडल में 5 कार्यकर्ताओं की 1 पन्ना समिति बनाई गई है, जो एक चुनावी पन्ने के 30 वोटर्स के इंचार्ज हैं। राजस्थान में 60 वोटर्स पर एक पन्ना प्रमुख है। इसलिए पन्ना कमेटी मेम्बर गुजरात से डबल यानी 5 की जगह 10 तैनात होंगे। इन पन्ना कमेटी मेम्बर्स को सबसे पहले अपने ही परिवार के सदस्यों को बीजेपी को वोट देने के लिए राजी करने का काम सौंपा जाएगा। प्रदेश के लगभग हर परिवार में बीजेपी अपना एक सदस्य इस फॉर्म्यूले पर बनाना चाहती है।
पन्ना कमेटी मेम्बर्स को क्या होगा टारगेट ?
सभी पन्ना कमेटी मेम्बर्स को चुनाव में अपने परिवारों से बीजेपी के पक्ष में कम से कम 3 वोट डलवाने होंगे। अगर ऐसा हुआ, तो 1 करोड़ 4 लाख पन्ना कमेटी मेम्बर 3 करोड़ 12 लाख वोट चुनाव में डलवाने में कामयाब हो जाएंगे। यह 150 से 170 सीटों की जीट में बदल जाएगा। पन्ना कमेटी मेम्बर्स को मजबूती बनाने के लिए बीजेपी उन्हें आईडी कार्ड देगी। उन्हें केंद्र सरकार की जन कल्याण की स्कीम्स समझाएगी। पीएम मोदी के चेहरे पर वोट के लिए लाभार्थियों की समझाइश करने के लिए उन्हें पन्ने का इंचार्ज बनाया जाएगा। इन पन्ना कमेटी मेंबर्स का पूरा डेटाबेस पार्टी के पास रहेगा। जिसमें उनका नाम, फोन नम्बर, पता, फोटो और परिवार की जानकारी, वार्ड नम्बर जैसी जानकारियां मौजूद रहेंगी।
कौन बनाएगा पन्ना कमेटी ?
बीजेपी के सबसे सीनियर लीडर्स से लेकर कार्यकर्ता तक सभी पन्ना प्रमुख होते हैं। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी एक पन्ना प्रमुख हैं। प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया भी पन्ना प्रमुख हैं। हर पन्ना प्रमुख अपने पन्ने का हेड होता है। पन्ना प्रमुख अपने पन्ने के लिए पन्ना कमेटी मेंम्बर्स की नियुक्ति करेगा। पन्ना प्रमुख इस बात का ख्याल रखेगा कि जो लोग बीजेपी को वोट नहीं देते हैं। ऐसे लोगों और उनके घरों की पहचान की जाए। उनमें से पन्ना कमेटी मेम्बर बनाया जाए, ताकि वो अपने परिवार के दूसरे मेम्बर्स के वोट भी बीजेपी में डायवर्ट कर सके।
बीजेपी के पन्ना प्रमुख अभियान के प्रदेश संयोजक श्रवण बगड़ी ने बताया कि बूथ मजबूत करने का काम चल रहा है। 52 हजार बूथ में से 47-48 हजार बूथ पर कमेटियां बन चुकी हैं। हर बूथ पर फोटो युक्त बूथ समिति बन रही है। राजस्थान में पन्ना प्रमुख का भी काम चल रहा। 60 वोट पर पन्ना प्रमुख बन रहा है। फिर हर पन्ने की कमेटी बनाई जाएगी। बीजेपी का मेन काम हर व्यक्ति और घर तक बीजेपी का कार्यकर्ता पहुंचाना है। 2023 में बीजेपी इसी बेस पर परचम फहराएगी। राजस्थान में एक बार कांग्रेस, एक बार बीजेपी की सत्ता का चलन ख़त्म कर अजेय बीजेपी बनाने के लिए यह अभियान चलाया जा रहा है।
माइक्रो मैनेजमेंट क्यों ?
साल 2018 विधानसभा चुनाव में राजस्थान सरकार बनाने वाली कांग्रेस को 40.64 प्रतिशत वोट मिले थे। वहीं बीजेपी को 39.08 प्रतिशत वोट मिले थे। ऐसे में दोनों के वोट प्रतिशत में ज्यादा अंतर नहीं था।बीजेपी का एनालिसिस है कि हर बूथ पर 3 वोट एक्सट्रा मिल जाते, तो कांग्रेस सत्ता में नहीं आ पाती। इसलिए साल-2023 के विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। प्रदेश के सभी 1100 मंडलों पर बीजेपी ने पिछले दिनों एक साथ मंडल कार्यसमिति की बैठकें भी की हैं। खुद पार्टी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने अपने विधानसभा क्षेत्र आमेर के रामपुरा डाबड़ी में बैठक ली थी।