कानपुर के हिंसा के बाद PFI कनेक्शन सामने आई। मंगलवार को NIA की टीम ने दलेलपुरवा में 3 जगह पर छापामारी की। 2 संदिग्ध हिरासत में लिए गए हैं। कहा जा रहा है कि जहां पर NIA की टीमें दस्तावेज खंगाल रही हैं। वो सभी PFI के दफ्तर हैं। फिलहाल लोकल थानों की पुलिस इस मामले में कुछ कहने से बच रही है। NIA के अधिकारियों के मुताबिक जांच खत्म होने के बाद ही आधिकारिक तौर पर कुछ कहा जाएगा। यहां ये भी अहम है कि टेरर फंडिंग के मामले में NIA लगातार PFI के सदस्य रहे लोगों पर शिकंजा कस रहा है। सूचना आ रही है कि आजमगढ़ में भी NIA की टीमें छापामारी कर रही है।
5 लोगों के बारे में जुटाई जानकारी
टीम ने PFI से जुड़े रहे 5 लोगों के बारे में जानकारी जुटाई है। लोकल पुलिस पहले से PFI से जुड़े लोगों के बारे में ब्योरा जुटा रही है। इसी सिलसिले में अनवरगंज थाने की पुलिस दलेलपुरवा में स्थित बेबी कंपाउंड में पहुंची। जहां पुलिस ने 2 लोगों के बारे में जानकारी की है। यह दोनों को संदिग्ध मानते हुए हिरासत में लिया गया है।
कानपुर हिंसा में हुआ था खुलासा
बता दें कि हाल ही में जुमे की नमाज के दिन कानपुर के बेकनगंज इलाके में पुलिस हिंसा हुई थी। इस मामले में PFI कनेक्शन सामने आया था। कानपुर में एमएमए जौहर फैंस एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हाशमी सहित कुछ स्थानीय नेताओं ने जुमे की नमाज के दिन बंद बुलाया था। पैगंबर मोहम्मद के अपमान के खिलाफ जुलूस निकाला गया था। दुकानें बंद कराने के प्रयास के दौरान दो समुदायों के लोग आपस में भिड़ गए। एक-दूसरे पर पथराव और बम फेंके जाने के बाद वहां कुछ इलाकों में हिंसा हुई थी जिसमें कई लोग घायल हुए थे।
इनपुट के आधार पर की गई कार्रवाई
कानपुर हिंसा में PFI कनेक्शन सामने आने के बाद ही खुफिया एजेंसियां सक्रिय हुई थी। शहर में ताबड़तोड़ कई बार छापेमारी भी की गई। कई संदिग्ध हिरासत में भी लिए गए थे। इसी कड़ी में अब सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि बीती रात NIA की 3 सदस्यीय टीम ने कानपुर में डेरा डाला हुआ है।
टीम को कुछ इनपुट मिले थे। जिनके आधार पर बाबूपुरवा के दलेलपुरवा में छापेमारी की गई।
आतंकियों ने कई बार किए धमाके
कानपुर में PFI के अलावा कई आतंकी संगठनों के भी कनेक्शन सामने आ चुके हैं। इसके साथ ही कई बार आतंकी हमले भी हुए हैं। कई आरोपी दबोचे भी गए। 1995 में घंटाघर चौराहे पर साइकिल पर झोले में भरे बमों में धमाका हुआ था। 2001 में आर्यनगर चौराहे पर एक मकान के बाहर लगे मौरंग में कुकर बम फटने बाद के शहर में आतंकी संगठनों के कदम रखने के संकेत मिले थे। ATS ने प्रतिबंधित संगठन सिमी से जुड़े कई लोगों को पकड़कर जेल भेजा था।
राजीव नगर ब्लॉस्ट ने देश को हिलाया
2006 में राजीव नगर, कल्याणपुर में एक मकान में विस्फोट हुआ जिसमें कई लोग मारे गए थे। इस घटना से देश की सरकार हिल गई थी। एटीएस ने बिठूर, सचेंडी, बाबूपुरवा समेत कई स्थानों से आईएसआई एजेंटों को गिरफ्तार किया। 2009 में कौशलपुरी स्थित हनुमान पार्क के पास एक मकान में विस्फोट हुआ थे जिसमें एक बच्ची की जान गई थी। 2011 में रावतपुर से किदवई नगर जा रहे टेंपो में टिफिन बम फटा था। यह मामला भी अभी तक नहीं खुला है।
शहर में दबोचे गए आईएसआई एजेंट
12 साल पहले आईएसआईएस एजेंट मुन्ना पाकिस्तानी बाबूपुरवा से पकड़ा गया। 11 सितंबर 2009 को सचेंडी से आईएसआई एजेंट इम्तियाज गिरफ्तार हुआ था। 27 सितंबर 2009 को बिठूर से आईएसआई एजेंट मोहम्मद वकास, 18 सितंबर 2011 को रांची के दुर्वा में रहने वाला आईएसआई एजेंट फैसल रहमान रेलबाजार से पकड़ा गया था। आरोप था कि फैसल देश की गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तान को भेजता था। इसके अलावा, जुलाई 2012 में सेंट्रल स्टेशन से फिरोज नाम का आतंकी और अप्रैल 2014 में पटना में हुए विस्फोट के मामले में संदिग्ध आतंकी को पनकी स्टेशन से एटीएस ने पकड़ा था।