अखिलेश सरकार में मुख्य सचिव रहे दीपक सिंघल से इनकम टैक्स की टीम पूछताछ करेगी। इनकम टैक्स के सूत्र बताते हैं कि बीते दिनों ऑपरेशन बाबू साहब की छापेमारी में दीपक सिंघल का भी नाम सामने आया है। ऑपरेशन बाबू साहब पार्ट-2 छापेमारी के दौरान कई कारोबारियों से पूछताछ हुई। जिसमें कोलकाता के कारोबारी ने दीपक सिंघल का नाम यूपी में ट्रांसफर पोस्टिंग और धांधली में लिया है। अगले 1 सप्ताह में इनकम टैक्स दीपक सिंघल से पूछताछ कर सकती है।
ऑपरेशन बाबू साहेब पार्ट -2 में कर रही जांच
केन्द्रीय जांच एजेंसी इनकम टैक्स ने एक बार फिर से 31 अगस्त को एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए 22 लोकेशन पर बीते 22 सितंबर को छापेमारी की थी। इनकम टैक्स के एक वरिष्ठ सूत्र अधिकारी के मुताबिक इस ऑपरेशन को ऑपरेशन बाबू साहेब पार्ट -2 का नाम दिया है। इस ऑपरेशन बाबू साहेब के अंतर्गत कई विभाग में कार्यरत उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई को अंजाम दिया गया, जो सरकारी फंड का दुरूपयोग करके व्यक्तिगत फायदा लेते हैं और घोटाले कि बुनियाद तैयार करते हैं। जिसके बाद उसी कड़ी में उससे जुड़े कई सीनियर और जूनियर अधिकारी और कर्मचारी द्वारा फर्जीवाड़े को अंजाम दिया जाता है।
इस ऑपरेशन के तहत फिलहाल 22 लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन की शुरुआत की गई थी। ऑपरेशन बाबू साहेब पार्ट 2 में छापेमारी के बाद कई कारोबारी और बिचौलियों से इनकम टैक्स की टीम अलग-अलग जगह पर पूछताछ कर रही है। इस पूछताछ में उत्तर प्रदेश से जुड़े नौकरशाहों का भी नाम सामने आया है।
दो साल पहले हुई थी धोखाधड़ी की एफआईआर
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव दीपक सिंघल और उनके दामाद के खिलाफ दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने ढाई करोड़ रुपए की धोखाधड़ी और साजिश करने का केस 2020 में दर्ज किया गया था। यह कार्रवाई दिल्ली के रोहिणी सेक्टर-13 निवासी संजय अग्रवाल की शिकायत पर हुई है।
संजय का आरोप है कि दीपक सिंघल ने अपने दामाद के साथ मिलकर कागज सप्लाई का टेंडर दिलाने के लिए जालसाज़ी की थी। सितंबर 2016 में उत्तर प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी दीपक सिंघल बनाए गए थे।
यूपी के विभिन्न विभागों में टेंडर का दिया था ऑफर
संजय अग्रवाल ने EOW को दी तहरीर में आरोप लगाया था कि साल 2017 में उत्तर प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी रहे दीपक सिंघल के दामाद दीपक अग्रवाल से उनकी मुलाकात हुई थी। दामाद दीपक अग्रवाल ने उनसे कहा कि आप कागज के कारोबारी हैं।
आपको उत्तर प्रदेश के विभिन्न विभागों में सप्लाई किए जा रहे स्टेशनरी का टेंडर मैं दिला दूंगा। दीपक अग्रवाल ने विश्वास दिलाने के लिए मेरी मुलाकात अपने ससुर दीपक सिंघल से साल 2017 में उत्तर प्रदेश मुख्य सचिव के कार्यालय में कराई थी। मुलाकात के दौरान दीपक सिंघल ने मुझे टेंडर दिलाने का भरोसा दिया था। इसके बाद दामाद ने ढाई करोड़ रुपए टोकन मनी मुझसे ले लिया। कुछ दिन बीते ही थे वह मुझसे टालमटोल करना शुरू कर दिया था।
लंबे तक कई जिलों और विभागों में तैनात रहे दीपक सिंघल
मूलरूप से सहारनपुर के रहने वाले दीपक सिंघल को साल 2016 में उत्तर का चीफ सेक्रेटरी बनाया गया था। 1982 बैच के अफसर दीपक की छवि तेज तर्रार और कामकाजी अफसर की हुआ करती थी।
रिवर फ्रंट की जांच में भी दीपक सिंघल का नाम
सीबीआई ने यूपी सरकार से पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन और दीपक सिंघल के खिलाफ जांच की इजाजत मांगी है। दोनों पूर्व अफसरों पर गड़बड़ियों की अनदेखी का आरोप लगा है। रिवरफ्रंट निर्माण के समय आलोक रंजन मुख्य सचिव और दीपक सिंघल सिंचाई विभाग के प्रमुख सचिव थे। बाद में दीपक सिंघल प्रदेश के मुख्य सचिव बने थे।
गोमती रिवरफ्रंट के निर्माण के दौरान चैनेलाइजेशन और रबर डैम के बारे में जानकारी हासिल करने दीपक सिंघल और आलोक रंजन ने कई देशों की यात्रा की थी। इतना ही नहीं, अलोक रंजन रिवरफ्रंट का काम निपटाने के लिए बनी टास्क फोर्स के अध्यक्ष भी थे। आलोक रंजन ने टास्क फोर्स की 23 बैठकें की थी। दीपक सिंघल ने 20 से 25 दौरे किए थे। आरोप है कि बैठकों और दौरों में दोनों अफसरों को कोई गड़बड़ी क्यों नहीं दिखाई दी।
गोमती रिवरफ्रंट अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट बताया जाता है। जानकारी के अनुसार यह घोटाला करीब 1400 करोड़ से ज्यादा का माना जा रहा। 2017 में योगी सरकार आने के बाद गोमती रिवरफ्रंट घोटाले की जांच शुरू की गई थी। प्रारंभिक जांच के बाद इस मामले को सीबीआई के हवाले कर दिया गया। 30 नवंबर 2017 को सीबीआई ने पहली एफआईआर दर्ज की गई थी। इसमें 189 लोगों को आरोपी बनाया है, जिसमें पब्लिक सर्वेंट और प्राइवेट लोग शामिल हैं। आरोप है कि गोमती रिवर चैनलाइजेशन प्रोजेक्ट और गोमती रिवर फ्रंट डेवेलपमेंट में सिंचाई विभाग की तरफ से अनियमितता बरती गई थी।