समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान की विधायक की सदस्यता रद्द करने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। आजम खान के वकील पी चिदंबरम ने कहा कि निचली अदालत के फैसले के बाद अगले ही दिन सीट खाली घोषित कर दी गई। और 10 नवंबर को उपचुनाव की तारीख तय कर दी गई है। हाईकोर्ट में 2 दिनों की छुट्टी है इसलिए वहां पर सुनवाई में समय लग सकता है। आज ही इस पूरे मामले में सुनवाई की जाए। सुप्रीम कोर्ट ने आज ही सुनवाई का भरोसा देते हुए याचिका स्वीकार कर ली है।
तीन साल की हुए है सजा
27 अक्टूबर को हेट स्पीच मामले में सपा विधायक और पूर्व मंत्री आजम खान को दोषी करार देते हुए 3 साल की सजा सुनाई गई है। यह सजा रामपुर की MP/MLA कोर्ट ने सुनाई है। कोर्ट ने उन पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। 3 साल की सजा होने के बाद आजम की विधायकी जाना तय हो गया है। इस समय आजम खान रामपुर शहर विधानसभा से विधायक हैं।
2019 में वीडियो मॉनिटरिंग टीम ने लिखवाया था मुकदमा
साल 2019 में थाना मिलक में वीडियो मॉनिटरिंग टीम के प्रभारी अनिल कुमार चौहान प्रभारी ने हेट स्पीच मामले में मुकदमा दर्ज करवाया था। यह मामला MP/MLA कोर्ट/एसीजेएम प्रथम निशांत मान की अदालत में चल रहा था।
आजम के पास आगे हैं ये विकल्प
सजा का ऐलान होने के बाद कानूनी तौर पर सपा नेता आजम खान के सामने ऊपरी अदालत में जाने का विकल्प मौजूद है। सुप्रीम कोर्ट के जाने-माने अधिवक्ता असगर खान बताते हैं कि रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने जो सजा सुनाई है, उसमें उसी अदालत को जमानत देने का अधिकार भी है। अगर सजा 3 साल से अधिक होती, तो जमानत ऊपरी अदालत से मिलती।
अधिवक्ता प्रमोद तिवारी का कहना है कि अब वे आजम खान इस फैसले के खिलाफ सेशन कोर्ट में जा सकते हैं। वहां उन्हें 30 दिन के अंदर याचिका लगानी होगी। अगर वहां से भी उन्हें राहत नहीं मिलती, तो हाईकोर्ट जा सकते हैं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प भी खुला है।