उत्तर प्रदेश के महानगरों में डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। इलाहाबाद की हाईकोर्ट की बेंच के बाद लखनऊ की बेंच में डेंगू के लिए जनहित याचिका दाखिल की गई है। याचिकाकर्ता आशीष कुमार मिश्रा ने डेंगू के प्रकोप को लेकर चिंता जताते हुए हाईकोर्ट को दखल देने की मांग की है। हाईकोर्ट ने पूरे मामले में सरकार से 24 घंटे में रिपोर्ट पेश करते हुए सुनवाई के आदेश दिए। डेंगू को लेकर हाई कोर्ट लखनऊ बेंच शुक्रवार को सुनवाई करेगी।
अस्पताल, दवाओं, बेड की मांगी रिपोर्ट
याचिकाकर्ता आशीष कुमार मिश्रा के द्वारा यह बात कही गई है कि मौजूदा हालात में डेंगू की वजह से लोगों को बहुत ही दिक्कत है उठानी पड़ रही है। याचिकाकर्ता हाईकोर्ट से दखल देने की मांग करते हुए या लिखा है यूपी के चीफ सेक्रेट्री, स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव और लखनऊ के सीएमओ और नगर निगम डेंगू और चिकनगुनिया को संभालने में फेल है।
सेंट्रल गवर्नमेंट के हॉस्पिटल में भी होगा इलाज
नगर निगम के द्वारा डेंगू के बचाव कार्य के लिए कोई भी उचित प्रबंध नहीं किया जा रहा है यहां तक कि राज्य में हॉस्पिटलों में डेंगू को लेकर बढ़ रहे मरीजों की वजह से ब्लड प्लेटलेट्स की भी कमी है। हाईकोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए सेंट्रल गवर्नमेंट के हॉस्पिटलों में भी सुविधाएं बढ़ाई जाने के आदेश दिए हैं। सरकार के वकील ने याचिकाकर्ता का जवाब देते हुए कहा है कि केंद्र सरकार के हॉस्पिटल जैसे रेलवे को भी डेंगू और चिकनगुनिया के मरीजों के बचाव के लिए शामिल किया जा रहा है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट चीफ जस्टिस ने मांगी है रिपोर्ट
इधर हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस जेजे मुनीर की डिवीजन बेंच ने गुरुवार इस मामले में सुनवाई करते हुए साफ तौर पर कहा है कि सरकारी आंकड़े और इंतजाम दोनों ही जमीनी हकीकत से काफी दूर है। अफसरों को आंकड़ों की बाजीगरी के बजाय ग्राउंड पर ऐसे काम करने चाहिए जो लोगों को नजर भी आए।
हाई कोर्ट ने प्रयागराज के डीएम-सीएमओ और नगर आयुक्त समेत कई अफसरों को 4 नवंबर को कोर्ट में व्यक्तिगत तौर पर पेश होकर ग्राउंड रिपोर्ट सौंपने को कहा है। अगर हाई कोर्ट उस दिन भी सरकारी अमले के कदमों से संतुष्ट नहीं हुआ तो कुछ वकीलों को कोर्ट कमिश्नर के तौर पर नियुक्त कर हकीकत का पता लगाने के लिए कह सकता है।
जनहित याचिका में हो रही सुनवाई
हाई कोर्ट ने साथ ही डीएम और सीएमओ समेत तमाम अफसरों को 4 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से तलब भी किया गया। वरिष्ठ अधिवक्ता और हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राधाकांत ओझा ने कहा कि शहर में डेंगू महामारी का रूप ले रहा है, डेंगू से अब तक 4 से 5 अधिवक्ताओं की मौत हो चुकी है जबकि 100 से अधिक अधिवक्ता डेंगू से प्रभावित हैउन्होंने अदालत से कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर जमीनी हकीकत का पता लगाने की मांग की है।
3 नवंबर तक यूपी में 7 हजार रिपोर्ट हुए
अफसरों की माने तो अब तक यूपी में डेंगू के 7 हजार 134 रिपोर्ट हुए है। जबकि प्रयागराज में छह, बाराबंकी, बरेली और लखनऊ में एक-एक मौतें दर्ज हुई हैं। इस बार लखनऊ और आसपास का इलाका ज्यादा डेंगू की चपेट में है। जबकि पिछले साल यहां ऐसी स्थिति देखने को नहीं मिली थी। हालांकि अब तक सबसे ज्यादा मरीज प्रयागराज में मिले हैं। प्रदेश में अब तक 16 जिले ऐसे हैं, जिनमें 100 से अधिक डेंगू रोगी जांच में सामने आ चुके हैं।