कांग्रेस में सचिन पायलट और अशोक गहलोत के खेमों के बीच चल रही खींचतान के बीच अब मंत्रियों में भी विवाद सामने आ रहे हैं। ब्यूरोक्रेसी के कामकाज को लेकर अब गहलोत सरकार के दो मंत्रियों के बीच पलटवार शुरू हो गया है।
खाद्य मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास के अफरशाही के बेकाबू होने और एसीआर भरने का अधिकार मुख्यमंत्री की जगह मंत्रियों को देने के बयान पर महेश जोशी ने कहा कि मेरे विभाग में मुझे सारे अधिकार है। इस पर खाचरियावास ने यहां तक कह दिया कि महेश जोशी झूठ बोल रहे हैं, गुलामी करने का ही ठेका ले लिया है तो लीजिए।
खाचरियावास ने जोशी पर निशाना साधते हुए कहा- महेश जोशी सबसे पावरफुल मंत्री होंगे। वे तो यह साफ बताएं कि IAS की एसीआर लिख रहे हैं क्या? अगर लिख रहे हैं तो इसका मतलब मुख्यमंत्री सचिवालय उनके साथ खड़ा है। यह सवाल व्यवस्था का है। महेश जोशी झूठ बोल रहे हैं। इधर उधर की बात क्यों कर रहे हैं। चलती तो मेरी भी आपसे ज्यादा हैं जो लड़ने और मरने की ताकत रखता है उस प्रतापसिंह को समझा रहे हैं क्या आप? जनता तय करेगी कि किसकी चलती है। मैंने एसीआर भरने का अधिकार मंत्रियों को देने का मुद्दा उठाया, मेरे मुद्दे का कोई खंडन करेगा तो बात सुनेगा।
बेवजह गुलामी नहीं करनी चाहिए
खाचरियावास ने कहा- कोई मंत्री यह कहे कि मेरी एसीआर लिखने की इच्छा नहीं है तो मैं भी देखना चाहता हूं, ऐसा कौन मंत्री कह रहा है। कल एक मंत्री जोशी कह रहे थे कि हमारे सब काम हो रहे हैं। वे तो काम हमारे भी हो रहे हैं। आप ही ज्यादा पावरफुल नहीं हैं। मेरे से ज्यादा पावरफुल हैं क्या? मुझे लड़ना आता है और मरना भी आता है। मुझे समझा रहे हैं।
महेश जोशी एसीआर नहीं लिख रहे हैं। झूठ बोल रहे हैं। कल दिव्या मदेरणा का बयान देखा उन्होंने कहा कि मंत्री को ही एसीआर लिखनी चाहिए। इसमें बुरा मानने की क्या बात है? जिस विभाग का मंत्री होगा वही एसीआर लिखेगा। आप खुलकर बोलिए न। बेवजह गुलामी नहीं करनी चाहिए। आपने अगर गुलामी का ठेका ही ले लिया है तो लीजिए ना।
रोज सरकार के गीत गाता हूं
खाचरियावास ने कहा- मैंने व्यवस्था का विरोध किया है। सीएम के साथ खड़ा रहा हूं और अब भी खड़ा हूं। मैं हक के लिए लड़ूंगा। मैं ही रोज सरकार के गीत गाता हूं। जिस दिन सरकार पर संकट आया, मैं फ्रंट पर आकर लड़ा और आगे भी लड़ूंगा।
अफसर को छोड़ूंगा नहीं, कार्रवाई होगी
प्रतापसिंह ने कहा- जो नेता अपने अधिकार के लिए नहीं लड़ सकता, वह दूसरे को अधिकार कभी नहीं दिला सकता। जो नेता चुपचाप जुल्म सहता रहे, अन्याय सहता रहे और उसका विरोध नहीं करे, उसे राजनीति छोड़ देनी चाहिए। ऐसे नेता को राजनीति में नहीं रहना चाहिए।
मैं यह कभी बर्दाश्त नहीं कर सकता कि कोई अफसर जनता का नुकसान करे और सरकार के आदेशों को न मानें। मुझे आदेश लागू करवाने आते हैं। जो अफसर विभाग छोड़कर चला गया और गलती कर गया उसे छोड़ने वाला नहीं हूं। कार्रवाई होगी, बच नहीं सकता। बिना काम किए भाग जाए, मंत्री को सफाई नहीं दे, ऐसे अफसराें के खिलाफ एक्शन होगा, छोड़ेंगे नहीं।
सचिन पायलट का मौन टूटने के साथ ही एक बार फिर राजस्थान में सियासी तूफान ने दस्तक दे दी है। वैसे, पिछले तीन-चार दिन से बगावती हवा चलनी शुरू हो गई थी। पायलट के बयान के साथ ही बवंडर आ गया है।
ये तूफान क्या करेगा? क्या हवा के झोंके की तरह होगा? या तबाही मचाएगा? हालांकि, राजनीतिक पंडित तो इसे चक्रवाती तूफान मानने से इनकार कर रहे हैं।
हां, लेकिन इतना तय है कि नवंबर का महीना शुरू हो गया है और मौसम में ज्यों-ज्यों सर्दी बढ़ेगी, त्यों-त्यों राजनीतिक पारा चढ़ेगा। किसी को गर्मी के मारे पसीने छूटेंगे, तो कई बदहजमी के शिकार होंगे।
खाद्य मंत्री प्रतापसिंह खाचरियाचास ने राजस्थान में ब्यूरोक्रेसी के हावी होने को लेकर खुलकर नाराजगी जताई है। खाचरियावास ने सीएम के प्रमुख सचिव कुलदीप रांका और खाद्य विभाग से ट्रांसफर किए गए सचिव को निशाने पर लेते हुए कार्रवाई की मांग उठाई है। खाचरियावास ने सीएम गहलोत को चिट्ठी लिखकर नाराजगी जताई है। उधर कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा ने खाचरियावास की बात का समर्थन करते हुए ब्यूरोक्रेसी को निशाने पर लिया है।
प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा- हमारा 46 हजार टन गेहूं लैप्स हो गया। यह महीने भर पहले की बात है। मैंने बैठक बुलाकर अफसरों को डांटा। मैंने सख्त आदेश दिए। जिस तरह आईएएस अफसर काम कर रहे हैं। वह सही नहीं है। जिन अफसरों ने जनता का गेहूं लैप्स करवा दिया, ऐसे अफसर के खिलाफ कार्रवाई के लिए मैंने सीएम को लिखा है