न्यूयॉर्क: रूस-यूक्रेन युद्ध ने लगभग 140 लाख लोगों को पलायन करने के लिए मजबूर कर दिया है. इससे दुनिया भर में शरणार्थियों और विस्थापित लोगों की संख्या में 10 करोड़ 30 लाख से अधिक की वृद्धि हुई है. संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी के प्रमुख UN Refugee Chief ने बुधवार को यह जानकारी दी. शरणार्थियों के लिए यूएन के उच्चायुक्त फिलिपो ग्रैंडी Filippo Grandi ने परिषद को बताया कि यूक्रेन अत्यंत कठिन परिस्थितियों में दुनिया की सबसे कठोर सर्दियों में से एक का सामना करने जा रहा है. इसमें नागरिकों के लिए बुनियादी ढांचों का निरंतर विनाश भी शामिल है.
मानवीय संगठनों ने हाल ही में अपनी ओर से प्रतिक्रिया को बढ़ावा दिया है. ग्रैंडी ने कहा कि बहुत कुछ किया जाना चाहिए, जिसकी शुरुआत इस संवेदनहीन युद्ध की समाप्ति से होनी चाहिए. ग्रैंडी ने कहा कि उनकी एजेंसी यूक्रेन के अंदर और बाहर दोनों जगह भारी संख्या में लोगों की आवाजाही को लेकर तैयारी कर रही है. अपनी व्यापक ब्रीफिंग में ग्रैंडी ने संयुक्त राष्ट्र के सबसे शक्तिशाली निकाय के सदस्यों से कहा कि यूक्रेन लगातार सुर्खियां बटोर रहा है, लेकिन उनकी एजेंसी ने पिछले 12 महीनों में दुनिया भर में संघर्षों से उत्पन्न 37 आपात स्थितियों का जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि फिर भी अन्य संकट समान अंतरराष्ट्रीय ध्यान, आक्रोश, संसाधन, कार्रवाई में विफल रहे हैं.
ग्रैंडी ने वर्ष की पहली छमाही में विस्थापित हुए 850,000 से अधिक इथियोपियाई लोगों की ओर इशारा किया और कहा कि उस देश के उत्तरी टाइग्रे क्षेत्र में संघर्ष में हालिया वृद्धि का नागरिकों पर और भी अधिक विनाशकारी प्रभाव पड़ा है. ग्रैंडी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी म्यांमार में भी है, जहां देश के सैन्य शासकों के खिलीाफ सशस्त्र प्रतिरोध हो रहा है और अनुमानित रूप से 500,000 लोग विस्थापित हुए हैं.