लखनऊ: मेट्रो के विज्ञापन से कमाई पर नगर निगम की नजर पड़ी है। लखनऊ मेट्रो कॉर्पोरेशन को नगर निगम ने 15089880 रुपए का नोटिस भेजा है। अब इसके बाद दोनों ही विभाग में विवाद बढ़ने की संभावना बढ़ गई है। बड़ी बात यह है कि यह नोटिस सीधे नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह के कमल से दी गई है। अभी तक ऐसी नोटिए प्रचार प्रभारी या मुख्य कर अधिकारी के यहां दिया जाता था। बताया जा रहा है कि इसके बाद नगर निगम सभी मेट्रो स्टेशन का सर्वे कराने जा रहा है। उसका कमर्शल हाउस टैक्स वसूला जाएगा। इस दौरान ट्रांसपोर्ट नगर से लेकर मुंशीपुलिया स्टेशन तक अब हाउस टैक्स देना पड़ सकता है।
मेट्रो रूट पर रहता अंधेरा
दरअसल, मेट्रो रुट पर अक्सर अंधेरा रहता है। इसको लेकर सवाल खड़े होने लगे थे। दोनों विभाग इसके लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराते रहे है। ऐसे में अब नगर निगम की तरफ से यह नोटिस दी गई है। नगर निगम पहले से ही 300 करोड़ रुपए के घाटे में चल रहा है। ऐसे में जहां से भी अपना पैसा मिले उसको अधिकारी निकालने में लग गए है। सबसे ज्यादा वसूली हाउस टैक्स और प्रचार से ही होती है। नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने इसको अधिकारियों को भी निर्देश दे रखा है कि हाउस टैक्स वसूली में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।
ठेकेदारों का रहता सबसे बकाया
सबसे ज्यादा बकाया ठेकेदारों का है। 1000 से ज्यादा ठेकेदारों के पैसे बाकी है। इसमें कई ऐसे है जिनका 8 साल से बकाया है। उसके अलावा रिटायर कर्मचारियों के एरियल और पेंशन का बकाया भी नगर निगम को देना है।