उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में बीते 2 दिन से गोवंश से भरे कंटेनर पलटने और उनमें गोवंश की मौत के बाद जागी हरदोई पुलिस ने गोवध करने वाले बदमाशों के खिलाफ गोकशी करने वाले तस्करों के खिलाफ अभियान चलाकर गोकशी करने के आरोप में 14 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से राजस्थान का मुख्य मास्टरमाइंड है जबकि बाकी लखनऊ, हरदोई ,शाहजहांपुर और लखीमपुर खीरी के बदमाश शामिल हैं। इनमें से कईयों पर गोवध निवारण अधिनियम के मामले दर्ज हैं। वही गोवंश से भरे कंटेनर लगातार दो दिन पलटने और उसमें गोवंश की मौत के बाद पूरे मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में एसपी ने एक कोतवाल और एक चौकी इंचार्ज को भी निलंबित किया है। पुलिस ने पकड़े गए बदमाशों के पास से एक स्कॉर्पियो कार , तीन बाइक और एक डीसीएम वाहन के अलावा नगद रुपए और अवैध शस्त्र भी बरामद किए हैं।
हरदोई की कछौना और बघौली पुलिस के कब्जे में खड़े 14 लोग गोकशी करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए हैं। पुलिस के मुताबिक इनका मुख्य सरगना राजस्थान के कोटा जिले का मोहर सिंह पुत्र गोपी है जो अपने कुछ साथियों और महिलाओं के साथ जिले- जिले में डेरा डालता है और ग्रामीण इलाकों में गायों को चराने की बात कहकर आवारा और घुमंतू गायों को अपने कब्जे में कर लेता है। जिसके बाद इसके लखनऊ के मलिहाबाद और रहीमाबाद के कुछ साथी और हरदोई और लखीमपुर खीरी शाहजहांपुर के कुछ साथी मिलकर इन गोवंश को कंटेनर के जरिए बिहार और पश्चिम बंगाल तस्करी करके भेजते है। पुलिस के मुताबिक पिछले 2 दिन से हरदोई के मल्लावां और कासिमपुर इलाके में गोवंश से भरा कंटेनर पलटने की घटना सामने आने के बाद पुलिस की कई टीमें इन गोकशी करने वाले आरोपियों की तलाश में लगाई गई थी। जिन्होंने इन 14 लोगों को गोकशी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। इनके पास से एक स्कॉर्पियो कार 3 बाइक एक डीसीएम वाहन और नगद रुपए भी बरामद हुए हैं. पुलिस के मुताबिक पकड़े गए बदमाशों में कई बदमाशों पर गोवध अधिनियम के तमाम मामले कई जिलों में दर्ज हैं। एसपी ने बताया कि गोकशी रोकने में असफल रहने को लेकर कोतवाल मल्लावां और चौकी इंचार्ज गौसगंज को निलंबित भी किया गया है। पुलिस के मुताबिक अभी इस मामले में इन गोवंश की गोकशी के लिए खरीदने वाले और इनको कंटेनर उपलब्ध कराने वालों के अलावा कुछ उन महिलाओं की भी तलाश है जो समूह बनाकर ग्रामीण इलाकों से इन गायों को ले जाने में सफल रहती थी और उसके बाद इन गायों को गोकशी करने के लिए बाहर पश्चिम बंगाल और बिहार भेज दिया जाता था।