30 अक्टूबर 2022, शिक्षक भर्ती की मांग कर रहे अभ्यर्थियों ने ट्विटर पर दो हैशटैग ट्रेंड करवाए। पहला #UPneed_primary_teachers और दूसरा #97000_नईशिक्षकभर्ती_दो था। इन दोनों हैशटैग के जरिए करीब 4 लाख ट्वीट किए गए। इसका असर यह हुआ कि यूपी सरकार ने शिक्षा विभाग से खाली पदों का ब्योरा मांगा है।
सरकार की इस पहल के बाद छात्रों का एक हिस्सा खुश है, उसे उम्मीद है कि जल्द ही भर्ती आएगी। लेकिन एक हिस्सा ऐसे भी है जिसे विभाग पर भरोसा नहीं है। उसका कहना है लड़के धरना नहीं करें इसलिए इसलिए ऐसी न्यूज लोगों के बीच निकाल दी जाती है। छात्रों को ऐसा क्यों लगता है? नई भर्ती की कब तक उम्मीद है? कितने पद खाली हैं? आइए सिलसिलेवार तरीके से सब जानते हैं।
भर्ती का ऐलान पहले भी हुआ पर विज्ञापन नहीं निकला24 दिसंबर 2021 को उस वक्त के शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने 17000 शिक्षक भर्ती का ऐलान कर दिया। ऐलान के 14 दिन बाद ही आचार संहिता लग गई। चुनाव बीत गया। दोबारा सरकार बन गई। शिक्षा मंत्री बदल गए। लेकिन अब उस भर्ती का कोई जिक्र नहीं होता।
सिर्फ कोर्ट के आदेश से हुई है यूपी में शिक्षक भर्तियां
017 के बाद यूपी में दो बार शिक्षक भर्ती हुई। दोनों ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश से हुई। 25 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने 1 लाख 70 हजार शिक्षा मित्रों के समायोजन को असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया। इसमें करीब 30 हजार टेट पास थे इसलिए वह सहायक अध्यापक बने रहे। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि जल्द 1 लाख 37 हजार पदों पर जल्द भर्ती की जाए। सरकार ने पहले 68,500 और फिर 69000 पदों पर भर्ती की। इसके अलावा कोई भर्ती नहीं हुई।
सरकार के पास खाली पदों का ब्योरा पहले से ही मौजूदसरकार के पास शिक्षकों की कुल संख्या, स्कूलों की संख्या, वहां पढ़ा रहे अध्यापकों की संख्या और खाली पदों की संख्या पता है। पिछले साल कोर्ट में सरकार ने बताया था कि यूपी में कुल 73,711 पद खाली हैं। इसमें 52,317 पद प्रिसिंपल के हैं। सहायक अध्यापक कार्यवाहक प्रिसिंपल की भूमिका में हैं।
इन दो भर्तियों के बाद यूपी में शिक्षकों के खाली पदों को लेकर कई दावें हैं। इसे तीन प्वाइंट में समझिए।
केंद्र के अनुसार यूपी में 1 लाख से ज्यादा पद खालीजून 2021, उस वक्त के केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने लोकसभा में देश भर में शिक्षकों की कमी को लेकर आंकड़े रखे। उन्होंने बताया कि देशभर में 10 लाख 60 हजार 139 शिक्षकों के पद खाली हैं। इनमें 2 लाख 17 हजार 481 पद खाली होने की बात कही गई। जून 2021 के बाद यूपी में 69 हजार शिक्षक भर्ती पूरी हुई। ऐसे में अगर खाली पड़े पदों की संख्या घटाएं तो अब भी 1.48 लाख पद खाली हैं। ध्यान रहे कि 69 हजार भर्ती में 60% नियुक्ति पत्र जून 2021 से पहले बांटा जा चुका था।
यूपी सरकार ने कोर्ट में कहा 73,711 पद खालीजून 2021 में ही सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट जमा किया। सरकार की तरफ से कहा गया कि यूपी में इस वक्त 73,711 पद खाली हैं। 51,112 पदों पर जल्द ही भर्ती की जाएगी। प्रदेश की परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने 28 नवंबर 2021 को यूपी टेट करवाने का प्रस्ताव भेज दिया। उस वक्त कहा गया था कि अक्टूबर 2021 में भर्ती का ऐलान होगा। अब 2022 का भी अक्टूबर बीत गया लेकिन भर्ती का ऐलान नहीं हुआ।
सरकार ने शिक्षकों की संख्या सरप्लस बताईकेंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने 3 अक्टूबर 2021 को एक रिपोर्ट जारी की। बताया कि यूपी में सहायक अध्यापकों की संख्या सरप्लस है। रिपोर्ट के अनुसार यूपी में 1.58 लाख स्कूल हैं। इस वक्त 3.79 लाख शिक्षक हैं। 1.40 लाख शिक्षामित्र हैं। कुल शिक्षकों की संख्या हुई 5 लाख 19 हजार। स्कूलों में छात्रों की नामांकन संख्या 1.76 करोड़ है। प्राइमरी स्कूल में शिक्षक अनुपात 30:1 यानी 30 छात्र पर एक शिक्षक हैं। ऐसे में कुल छात्रों का अनुपात निकालने पर 79,568 शिक्षक सरप्लस हुए।
हर साल 2.42 लाख छात्रा/छात्राएं बीटीसी कर रहे, 20 लाख टेट पासयूपी में हर साल 2 लाख 42 हजार छात्र ग्रेजुएशन करने के बाद बीटीसी में एडमिशन ले रहे हैं। इसमें 10 हजार छात्र सरकारी कॉलेज से ट्रेनिंग लेते हैं बाकी के 2.30 लाख छात्र प्राइवेट कॉलेजों से बीटीसी ट्रेनिंग लेते हैं। यहां की फीस सलाना 60 हजार से अधिक है। ट्रेनिंग पूरी करने के बाद इनके पास सरकारी नौकरी के रूप में सिर्फ बेसिक शिक्षा विभाग में ही मौका होता है।
बीटीसी और बीएड पूरा करके टीचर एजिबिलिटी टेस्ट यानी टेट पास करने वाले अभ्यर्थियों की संख्या करीब बीस लाख पहुंच चुकी है। सभी भर्ती का इंतजार कर रहे हैं।
शिक्षा मंत्री ने शिक्षा मित्रों को भी शिक्षक मानापहलाः 7 मई 2022 को शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा था, अभी नई शिक्षक भर्ती की कोई चर्चा नहीं है, आगे जैसे ही जरूरत लगेगी, भर्ती की जाएगी।
दूसराः 19 से 23 सितंबर 2022 तक चले मानसून सत्र में सपा विधायक ने शिक्षकों की कमी का मुद्दा उठाया तब संदीप सिंह ने आंकड़े गिनाते हुए कहा, हमारे पास इस वक्त 6,28,915 शिक्षक हैं।
इसमें संदीप सिंह ने 1 लाख 47 हजार शिक्षामित्रों को और 26 हजार अनुदेशक अध्यापकों को भी जोड़ लिया। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक नहीं मानते हुए इनके समायोजन को रद्द किया था।
अब प्रयागराज के तीन स्कूलों से समझिए शिक्षकों की कमी
उदाहरण 1: प्रयागराज में उच्च प्राथमिक विद्यालय कांशीराम आवास योजना में 1 से 8 तक के 177 बच्चे हैं। उन्हें पढ़ाने का जिम्मा एक शिक्षक पर है।
उदाहरण 2: उच्च प्राथमिक विद्यालय राजापुर में 151 और प्राथमिक विद्यालय गयासुद्दीनपुर में 106 बच्चे हैं। इन्हें भी पढ़ाने के लिए एक मात्र टीचर हैं।
उदाहरण 3: प्रयागराज के ही पुराने लूकरगंज में 45 बच्चे, कटघर में 27 और बक्शी बाजार के स्कूल में 12 बच्चे रजिस्टर्ड हैं। लेकिन यहां एक भी टीचर नहीं है। दूसरे स्कूल से शिक्षक आकर पढ़ाते हैं।
लड़के क्या कहते हैं?बीटीसी संयुक्त प्रशिक्षु मोर्चा के अध्यक्ष रजत सिंह कहते हैं, अगर जल्द शिक्षक भर्ती नहीं निकाली गई तो लखनऊ की धरती पर 21 लाख प्रशिक्षितों का सैलाब उतरेगा।
मयंक शुक्ला ट्वीट में लिखते हैं, बेसिक विभाग में छात्रों का नामांकन बढ़ रहा है। लेकिन शिक्षकों की संख्या 3 साल से बढ़ने के बजाय कम हो रही है।
मयंक पटेल ने लिखा, 2018 में कहा था कि 51 हजार पद भरे जाएंगे, तब से प्रति वर्ष हजारों शिक्षक रिटायर होते हैं, आज एक लाख से भी ज्यादा पद हैं लेकिन भर्ती नहीं है।