नियामक आयोग में मंगलवार को पहली बार बिजली कंपनियों के सभी एमडी को लाइन हाजिर होना पड़ा। आदेश के बाद भी उपभोक्ताओं का पैसा नहीं देने पर आयोग ने सभी प्रबंध निदेशकों को खुद मौजूद रहकर शपथ पत्र देने की बात कही थी। मौजूदा समय कॉर्पोरेशन के पांच एमडी आईएसएस है। ऐसे में एक साथ 5 आईएएस पहली बार पेश हुए थे।
दरअसल, कास्ट डेटा बुक के मानक के विपरित उपभोक्ताओं से कनेक्शन का पैसा ज्यादा लिया गया था। उसके खिलाफ उपभोक्ता परिषद ने आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। पता चला कि प्रदेश में कई जगह उपभोक्ताओं से करोड़ों रुपए अधिक वसूले गए है।
चार करोड़ रुपए अधिक वसूली की बात कबूला
बिजली कंपनियों ने 21 अक्टूबर को आयोग से कहा था कि 2 करोड़ 27 लाख रुपए की अधिक वसूली हुई थी। लेकिन मंगलवार को जो शपथ पत्र दिया गया तो उसमें बताया गया कि 4 करोड़ 1 लाख 22 हजार 506 रुपए की अधिक वसूली की गई है।
यह पैसा उपभोक्ताओं को वापस करना था। आदेश के बाद भी एक रुपए इंजीनियरों ने वापस नहीं किए गए। इसके बाद नियामक आयोग ने सभी कंपनियों के प्रबंध निदेशकों को तलब कर लिया था।
मध्यांचल में हुई सबसे ज्यादा वसूली
पूर्वांचल के प्रबंध निदेशक शंभू कुमार ने बताया कि उनके यहां 37 लाख 49 हजार 686 रुपए की अधिक वसूली हुई है। कैस्को कंपनी के एमडी अनिल धींगरा ने बताया कि उनके यहां 60 हजार कि अधिक वसूली की गई है जिसे वापस कर दिया गया।
पश्चिमांचल के एमडी अरविंद मल्लप्पा बंगाली ने कहा उनकी बिजली कंपनी में केवल 84 उपभोक्ता से 36 लाख 12 हजार 820 की अधिक वसूली की गई है। दक्षिणांचल केएमडी अमित किशोर ने उनके यहां 40 हजार 802 कि अधिक वसूली की गई है जिसे जल्द वापस किया जाएगा।
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक भवानी सिंह खंगरोत ने बताया कि उनके यहां 1546 विद्युत उपभोक्ताओं से 3 करोड 27 लाख अधिक वसूली की गई है। इसको वापस करने का आदेश जारी कर दिया गया है।
कहां कितनी अधिक वसूली हुई
सामान स्टॉक इश्यू रेट कॉस्ट डाटा बुक का रेट
25 केवीए ट्रांसफार्मर 74,198 रुपए 57,780 रुपए
100 केवीए ट्रांसफार्मर 1,84,241 रुपए 1,36,710 रुपए
250 केवीए ट्रांसफार्मर 5,62,835 रुपए 3,93,067 रुपए
400 केवीए ट्रांसफार्मर 9,17,889 रुपए 6,19,236 रुपए
8.5 मीटर पीसीसी पोल 2862 रुपए 2721 रुपए
33 केवी केबिल प्रति मीटर 1589 रुपए 1173 रुपए
कंडक्टर प्रति किलो 1,08225 रुपए 79,000 रुपए
अंबेडकरनगर में 25% अतिरिक्त वसूली
अंबेडकरनगर में कई कॉलोनियों में ऐसे ही कनेक्शन देने के नाम पर 25% अधिक वसूली की गई है। यहां बिजली उपभोक्ताओं ने अविकसित कॉलोनी में लीगल कनेक्शन लेने के लिए अप्लाई किया।
उपभोक्ताओं का जो एस्टीमेट बना, वो इंटर्नल स्टॉक इश्यू रेट के आधार पर बनाया गया। ये एस्टीमेट कॉस्ट डाटा बुक के हिसाब से होना चाहिए था। इससे बाद में पता चला कि जो पूरा बिल है, वह कॉस्ट डाटा बुक से करीब 25% अधिक है।
क्या कहता है नियम
मौजूदा समय नई कॉलोनियों में बिजली सप्लाई की व्यवस्था नहीं रहती है। अब यहां कनेक्शन लेने के लिए ट्रांसफार्मर से लेकर पोल तक का पैसा उपभोक्ताओं को खुद देना पड़ता है। इसके लिए जेई और एसडीओ की तरफ से एक सर्वे कराकर बजट दिया जाता है।
यह बजट कॉस्ट डाटा बुक में तय रेट से ज्यादा नहीं होना चाहिए। अब पावर कॉर्पोरेशन ने एक आदेश जारी किया, जिसमें इंटर्नल स्टाक इश्यू रेट के आधार पर एस्टीमेट बनाया जाने लगा। ये आदेश जून मे जारी किया गया। इंटर्नल स्टाक इश्यू रेट में बिजली का सामान कॉस्ट डाटा बुक से करीब 27 से 35% तक अधिक है।