राजस्थान के आधे मंत्री अगले दो माह गुजरात चुनाव के लिए प्रचार करेंगे। इसमें राजस्थान में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल और कामकाज का भी प्रचार किया जाएगा। इसी के बीच, गुजरात ने रिकाॅर्ड समय में 100% घरों तक नल कनेक्शन पहुंचा दिया है, जबकि केंद्रीय जल शक्ति मंत्री और राजस्थान सरकार के बीच चल रही खींचतान के कारण प्रदेश 30% लक्ष्य ही हासिल कर पाया है। गांवों के 70 फीसदी घरों को दूर से पानी का इंतजाम करना पड़ रहा है। पूरे देश में राजस्थान की हर घर नल कनेक्शन में जनता जल योजना के तहत दिसंबर तक 29वीं और अब 30वीं रैंक है। यानी सबसे पीछे।
राजस्थान में 2022 से 2024 तक 82 लाख घरों को नल कनेक्शन से जोड़ने का लक्ष्य रखा था। लेकिन अब भी करीब 55 लाख घर सीधे नल कनेक्शन से जोड़े जाने बाकी हैं। देखना यह है कि कांग्रेस के मंत्री गुजरात में जाएंगे और वहां बीजेपी यदि पानी के मुद्दे पर घेरेगी तो जवाब क्या देंगे? 2019 में जब जनता जल योजना के तहत सर्वे हुआ कि कितने घरों को नल से जोड़ा गया। तब राजस्थान में केवल 11.11 प्रतिशत घर ही नल से जुड़े थे। अब आंकड़ा 30 प्रतिशत यानी करीब 27 लाख कनेक्शन तक पहुंचने की ओर है, लेकिन देश में यह सबसे कम है।
16 हजार गांवों के लिए योजना तक नहीं
प्रदेश के करीब 52 हजार गांवों में से 36 हजार गांवों के लिए योजना बनाकर लोगों को वर्षों से सांत्वना दी जा रही है, लेकिन 16 हजार गांव तो ऐसे हैं जिनके लिए कोई योजना ही नहीं बनी है। दूसरी ओर जलदाय व अन्य विभागों के इंजीनियर अब तक 87 लाख परिवारों के लिए हर घर नल कनेक्शन की योजनाएं तैयार होने के दावे कर रहे हैं।
13 जिलों की ईआरसीपी पर भी ग्रहण
पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों से जुड़ी पिछली भाजपा सरकार की ईआरसीपी पर भी 7 साल से खींचतान ही चल रही है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री, राजस्थान के सीएम और एमपी सरकार आपस में विरोधी बयान देते रहे हैं। सीएम बीजेपी से आह्वान करते रहे हैं, लेकिन 37,247 करोड़ का यह प्रोजेक्ट अटकने से हजारों घर पानी से वंचित हैं।
8 प्रदेशों में 100 फीसदी लक्ष्य पूरा
गोवा, हरियाणा, तेलंगाना, अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह, पुड्डुच्चेरी, दादर एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव में हर ग्रामीण घर में नल से जलापूर्ति हो रही है। गुजरात में 100% का स्तर अब पहुंचा। पंजाब में (99%), हिमाचल प्रदेश (92.4%), और बिहार (90%) घर नल से जुड़े हैं।