शहर की मास्टर प्लान रोड नंबर को जाम मुक्त बनाने की तैयारी है। इस पूरी रोड को सिग्नल फ्री करते हुए यहां एलिवेटेड रोड बनाई जाएगी। इसका प्लान 10 साल पहले 2012 में बनाया गया था। लेकिन फंड की कमी के चलते योजना को नहीं बनाया जा सका। अब हैवी ट्रैफिक के चलते एलिवेटड रोड बनाने पर फिर से मंथन शुरू हो गया है।
एमपी-1 रोड नोएडा को डीएनडी वाया दिल्ली को जोड़ती है। ये रोड 12-22 टी प्वाइंट तक है। वर्तमान में रजनीगंधा अंडरपास बनने के बाद डीएनडी से सेक्टर-19 रेड लाइट तक ये सिग्नल फ्री है। इसके आगे रेड लाइट है। हालांकि इन सिग्नल को हटाने के लिए यहां पांच यू टर्न बनाए गए है। इनमें से कुछ का निर्माण हो चुका है। ट्रैफिक को फ्लोट कराने के लिए सड़क का चौड़ी करण भी किया गया।
लेकिन चौड़ा मोड़ की वजह से अब भी यहां हैवी ट्रैफिक पीक आवर में जाम में फंसता है। जिसको लेकर एमपी-1 रोड का ड्रोन सर्वे कराया जाएगा। इस सर्वे से यह तय हो सकेगा कि किस जगह पर अधिक जाम की समस्या और किस जगह से एलिवेटेड को उतरा व चढ़ाया जाएगा।
बता दें कि केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान सीआरआरआई की ओर से मास्टर प्लान नंबर एक पर यातायात जाम की समस्या से निजात के लिए रंजनीगंधा चौक से आगे सेक्टर-19 से 12, 22 तिराहे तक एलिवेटेड रोड का निर्माण कराने का प्रस्ताव तैयार किया गया था। योजना को लेकर अब काम शुरू नहीं हो सका।
परिणाम नहीं मिलने पर कराया जा रहा ड्रोन सर्वे
एमपी-1 पर कई चौराहों पर रेड लाइट को समाप्त किया जा चुका है, लेकिन जिस प्रकार से परिणाम की आवश्यकता थी, वह परिणाम नोएडा प्राधिकरण को सिग्नल फ्री करने से नहीं मिल सका। क्योंकि सड़क के एक ओर औद्योगिक सेक्टर सेक्टर-3,4,5,7,8,9,10 और 11 और दूसरी ओर आवासीय सेक्टर सेक्टर-12,22,20,21,25,19 है। इसके अलावा ये रोड सीधे दिल्ली को जोड़ती है। इस रास्ते पीक आवर में जाम की समस्या विकराल रूप ले लेती है।
उद्यमियों ने उठाई मांग
नोएडा एंटरप्रिनियोर्स एसोसिएशन अध्यक्ष विपिन कुमार मल्हन ने नोएडा प्राधिकरण से कई बार मास्टर प्लान नंबर वन पर एलिवेटेड रोड बनाने की मांग की है। जिसके बाद नोएडा प्राधिकरण ने दोबारा से सड़क का सर्वे कराने का निर्णय लिया है। ऐसे में पीक आवर में कहां-कहां पर जाम लगता है। उस जाम का कारण क्या है। इसकी जानकारी हासिल करने के लिए ड्रोन सर्वे कराने का निर्णय लिया है।
पीक आवर में कराया जाएगा सर्वे
नोएडा प्राधिकरण वर्क सर्किल एक वरिष्ठ प्रबंधक डोरी लाल वर्मा ने बताया कि पीक आवर में ड्रोन सर्वे के जरिये यह पता लगाया जाएगा कि आखिर किस-किस प्वाइंट पर जाम अधिक लगता है। किस रास्ते के लिए यातायात अधिक इस रास्ते पास हो रहा है। एलिवेटेड रोड को कहां से तैयार किया जाए और कहां पर उतरा जाए। इन सभी पहलुओं की जानकारी ड्रोन सर्वे के जरिये हो सकती है।