मलयालम अभिनेता अक्षय 25 अपनी फ्रेंड नीरजा और डॉग वीरेन संग बुलेट से भारत भ्रमण पर निकले हैं। गुरुवार को अभिनेता बुलेट से ताजमहल पहुंचे। इस दौरान उन्होंने डॉग की सेफ्टी का पूरा ख्याल रखा है। डॉग के सिर पर हेलमेट और आंखों पर चश्मा लगाया है। वहीं, ताजमहल पहुंचने पर पर्यटक डॉग की तस्वीर अपने कैमरे में कैद करते दिखाई दिए।
कोच्चि के रहने वाले अभिनेता अक्षय ने बताया कि वे बाइक से लेह-लद्दाख जाने के लिए निकले हैं। गुरुवार को आगरा में ताजमहल देखने आए। उनके साथ उनका डॉग वीरेने भी है। वीरेन को उन्होंने चार साल पहले लिया था। तब से वह उनके साथ है और परिवार का सदस्य के रूप में रहता है। वो जहां भी जाते हैं उसे साथ लेकर जाते हैं।
अक्षय मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में अभिनेता हैं। उन्हें घूमने का शौक है। दो साल पहले भी वो भारत भ्रमण पर निकले थे, लेकिन कोरोना के चलते उन्हें बीच रास्ते से वापस लौटना पड़ा था।
कोच्चि से शुरू किया है सफर
अभिनेता अक्षय 25 अपनी फ्रेंड नीरजा के साथ ताजमहल पहुंचे। उनकी बाइक पर उनके साथ उनकी दिल्ली निवासी फ्रेंड नीरजा थी। साथ में आगे एक डॉग भी बैठा था। सबसे खास बात ये थी कि डॉग भी एक बाइक राइडर की तरह हेलमेट और चश्मा लगाए हुए था। जिसने भी डॉग को हेलमेट और चश्मे में देखा वो हैरान रह गया। बहुत से पर्यटकों ने डॉग के साथ सेल्फी भी ली।
खुद बनाया हेलमेट
अक्षय ने बताया कि यात्रा के लिए उन्होंने अपना और अपनी फ्रेंड की सेफ्टी के लिए सभी जरूर सामान लिया। अब उन्हें अपने डॉग की सेफ्टी का भी ख्याल रखना था। बाजार में कई जगह ट्राई किया, लेकिन डॉग के हिसाब से कोई हेलमेट नहीं मिला।
इस पर उन्होंने अपने पुराने हेलमेट को ही मॉडिफाइड कर डॉग के लिए तैयार किया। बाइक पर चलते समय आंखों में तेज हवा और धूल न जाए इसके लिए चश्मा भी लिया। पूरे रास्ते डॉग बाइक पर आगे ही बैठा रहता है। डॉग को उन्होंने एक बेल्ट से अपने साथ बांध रखा है, जिससे ब्रेक लगने पर वो गिरे नहीं।
डॉग के साथ ट्रैवल में होती है परेशानी
अक्षय ने बताया कि डॉग के साथ ट्रैवल में वैसे तो कोई परेशानी नहीं है, लेकिन वो अपने डॉग के साथ ताजमहल में नहीं जा पाए। ऐसे में उन्होंने केरल के एक पर्यटक से रिक्वेस्ट की। एक घंटे के लिए उन्होंने डॉग को अपने साथ रखा।
इसके अलावा होटल में भी डॉग को साथ रखने के लिए मना कर दिया जाता है। ऐसे में उन्हें परेशानी होती है। इसके लिए वो अपने दोस्तों की मदद लेते हैं। जहां पर उनका दोस्त नहीं होता, वहां पर ढाबे पर रुकते हैं।