राजस्थान में ग्रामीण स्तर तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए गहलोत सरकार सबसे बड़ा काम करने जा रही है। पहली बार सभी 33 जिलों की 11307 ग्राम पंचायतों की स्क्रूटनी की जाएगी। इसमें ऐसी ग्राम पंचायतें चिह्नित की जाएंगी, जिनमें आज तक कोई स्वास्थ्य केंद्र नहीं है। अफसरों के अनुसार, करीब 1300 ग्राम पंचायतें अब तक चिह्नित कर ली हैं, जिनमें एक भी स्वास्थ्य केंद्र नहीं खुला। कई ग्राम पंचायतें पिछले 4 साल में नई बनी, उनमें भी हेल्थ इंफ्रा स्ट्रक्चर खड़ा करना है।
सरकार की मंशा है कि 2023 के अंत तक एक भी पंचायत नहीं रहे, जिसमें अस्पताल नहीं हो। इस पर करीब 1100 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। प्रदेश का हेल्थ स्कीम बजट सीएम ने बढ़ाकर 3500 करोड़ रुपए सालाना कर दिया है, लेकिन पिछले 3 साल से 20% इंफ्रा ग्रोथ को इस बार 40% तक बढ़ाया जा सकता है। अभी प्रदेश में 11 हजार उप स्वास्थ्य केंद्र, पीएचसी, सीएचसी, उप जिला और जिला अस्पताल हैं। इनकी संख्या करीब 17 हजार की जानी है।
कई बड़ी पंचायतें, इनमें कम से कम 6 स्वास्थ्य केंद्र की जरूरत
प्रदेश में 11307 ग्राम पंचायतों में 1,07,707 वार्ड पंच हैं। कई ग्राम पंचायतें ऐसी हैं, जिनमें 10 हजार से भी अधिक आबादी है। उनमें एक ही जगह छह स्वास्थ्य केंद्र चाहिए लेकिन बड़े गांवों में भी एक ही उपचार केंद्र है। ऐसे गांवों में उप स्वास्थ्य केंद्र, पीएचसी, सीएचसी सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी।
सीएम ने 11 हजार पीएचसी-सीएचसी की घोषणा की थी, 70% काम बाकी
सीएम अशोक गहलोत ने पिछले बजट में 11 हजार पीएचसी, सीएचसी सब सेंटर को हैल्थ एंड वैलनेस सेंटर में विकसित करने, इसके लिए 11 हजार सीएचओ की भर्ती की घोषणा की थी। इसका 70% काम बाकी है। इसी बजट में 1 हजार नए उप स्वास्थ्य केंद्र खोलने की घोषणा की थी। पिछले 3 साल में 500 से अधिक सब सेंटर को पीएचसी में, 300 से अधिक पीएचसी को सीएचसी में क्रमोन्नत करने की घोषणा की गई। 2021-22 के बजट में 30 नए पीएचसी और 50 पीएचसी को सीएचसी में बदलने की घोषणा की गई। जिन ग्राम पंचायतों में 2 या अधिक स्वास्थ्य केंद्र, पीएचसी, सीएचसी हैं, उनकी सूची बनाई जा रही है। इसके बाद ऐसी पंचायतों की स्क्रूटनी होगी, जिनमें एक भी नहीं है। अंत में सीएम सरकार के 4 वर्ष पूरे होने या अगले बजट में घोषणा करेंगे।
सीएम ने 11 हजार पीएचसी-सीएचसी की घोषणा की थी, 70% काम बाकी
सीएम अशोक गहलोत ने पिछले बजट में 11 हजार पीएचसी, सीएचसी सब सेंटर को हैल्थ एंड वैलनेस सेंटर में विकसित करने, इसके लिए 11 हजार सीएचओ की भर्ती की घोषणा की थी। इसका 70% काम बाकी है। इसी बजट में 1 हजार नए उप स्वास्थ्य केंद्र खोलने की घोषणा की थी। पिछले 3 साल में 500 से अधिक सब सेंटर को पीएचसी में, 300 से अधिक पीएचसी को सीएचसी में क्रमोन्नत करने की घोषणा की गई। 2021-22 के बजट में 30 नए पीएचसी और 50 पीएचसी को सीएचसी में बदलने की घोषणा की गई।