मथुरा में भाई दूज के पर्व पर विश्राम घाट पर भाई बहन यम फांस से मुक्ति के लिए स्नान कर रहे हैं। मान्यता है कि विश्राम घाट पर भाई दूज के दिन भाई बहन के एक साथ स्नान करने से यम फांस से मुक्ति मिलती है। दिवाली के बाद भाई दूज यम द्वितीया पर यमुना स्नान का महत्व है। पुराणों में वर्णित है कि भगवान कृष्ण ने यहां कंस वध के बाद विश्राम किया था।
वहीं, प्रशासन ने स्नान के दौरान सुरक्षा के लिए 2 ASP, 4 CO, 20 इंस्पेक्टर, 100 SI, 500 कॉन्स्टेबल तैनात किए है। नगर निगम ने सुरक्षा के लिए नदी में 55 नाव और 20 गोताखोर भी लगाए हैं।
भाई दूज पर्व पर मुहूर्त
भैया दूज पर्व पर बहन द्वारा भाई के तिलक करने की परंपरा भी है। पंडित अजय तैलंग के अनुसार भाई दूज पर्व पर तिलक करने का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 7 मिनट से 12 बजकर 46 मिनट तक है। भाई दूज पर्व को रक्षा बंधन पर्व की तरह भाई बहन के आपसे प्रेम और स्नेह का प्रतीक माना जाता है। इस दिन बहन अपने भाई के तिलक और आरती करती हैं और लंबी उम्र की कामना करती हैं। ऐसा करने से उनके जीवन में सुख,समृद्धि और खुशहाली आती है।
इस वजह से कहते हैं यम द्वितीया
भाई दूज पर्व को यम द्वितीया पर्व भी कहा जाता है। मान्यता के अनुसार सूर्य की पत्नी संध्या के दो संतान थी यम और यमुना। सूर्य के तेज को न सह सकने के कारण संध्या ने छाया का वेश बनाया और वो उत्तरी ध्रुव पर जा कर रहने लगीं। वहीं, यमुना जी पृथ्वी पर आ कर रहने लगीं और भगवान कृष्ण का इंतजार करने लगीं।
यहीं पर यमराज भाई दूज के दिन अपनी बहन से मिलने आए। यहां यमुना जी ने भाई का खूब सत्कार किया। जिससे प्रसन्न होकर यमराज ने यमुना जी से वरदान मांगने को कहा। इस पर यमुना जी ने कहा कि भाई दूज के दिन जो भी भाई बहन यहां साथ में स्नान करें उन्हें यम फांस से और नर्क से मुक्ति मिले। इस पर यमराज ने बहन यमुना को वरदान दिया। तभी से भाई दूज पर्व को यम द्वितीया पर्व भी कहा जाने लगा।
मथुरा के विश्राम घाट पर करते हैं स्नान भाई दूज के दिन यमुना में स्नान करने की मान्यता मथुरा के विश्राम घाट पर है। यहां द्वापर में भगवान कृष्ण ने कंस का वध करके विश्राम किया था। इसके साथ ही यमुना जी और यमराज जी का मंदिर भी यहीं है। धर्मराज के बहन यमुना जी के आंचल में इस पवित्र घाट पर भाई बहन साथ में स्नान करते हैं।
नगर निगम ने की व्यवस्थाएं
यम द्वितीया स्नान को लेकर मथुरा वृंदावन नगर निगम ने व्यापक व्यवस्था की हैं। यहां नगर निगम ने महिलाओं के कपड़े बदलने के लिए 7 चेंजिंग रूम बनाए हैं। यमुना पार श्रद्धालुओं के लिए 4 अस्थाई शौचालय के अलावा खोया पाया केंद्र ,4 कैंप, स्नान के दौरान कोई हादसा न हो इसके लिए यमुना के दोनों तरफ बैरिकेडिंग की गई है। 55 नाव लगातार यमुना में चल रही हैं वहीं 20 गोताखोर भी तैनात किए गए हैं।