पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया में छठ पर्व को लेकर जिला प्रशासन ने अपनी तैयारी पूरी कर ली हैं. प्रशासन की ओर से छह छठ घाटों को डेंजर जोन में शामिल किया गया है. इसके लिए अलग से गोताखोर और एसडीआरएफ टीम लगाई गई हैं. इन छठ घाट में सौरा नदी सिटी काली मंदिर, कप्तान पुल सौरा नदी, चुनापुर बक्सा घाट रहमत नगर कोसी नदी, सार्वजनिक छठ धाम समिति महावीर चौक नदी कसबा, बेलौरी काली घाट और मरंगा नदी किनारे बने घाट शामिल हैं.
इसके अलावा लोक आस्था के महापर्व छठ के मौके पर पूर्णिया जिला प्रशासन की तरफ से आम लोगों की मदद के लिए आपातकालीन नंबर 06454-242319 जारी किया है. साथ ही जिला आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से आम लोगों से सावधानी बरतने की अपील के साथ कहा गया कि अगर कोई भी अप्रिय घटना होती है, तो इस नंबर पर तत्काल जानकारी दें. यह फोन नंबर 24×7 की तर्ज पर काम करेगा.
सुरक्षित छठ पर्व मनाने को लेकर दिया गया निर्देश
क्या करें- निर्धारित मार्गों पर ही चलें, यत्र तत्र गाड़ी को पार्क ना करें. बच्चों एवं बुजुर्गों को अपने घर का पता और फोन नंबर अवश्य लिख कर दें. छठ पर्व के दौरान घाटों पर साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें. किसी भी समस्या होने पर प्रशासनिक सहयोग ले और दिए हुए हेल्पलाइन नंबर 06454-242319 पर संपर्क करें.
क्या ना करें- बैरिकेडिंग को पार ना करें, खतरनाक घाटों पर या गहरे पानी में ना जाएं. इसके अलावा छठ पूजा क्षेत्र में कहीं भी आतिशबाजी ना करें, अफवाहें ना फैलाएं और ना उन पर विश्वास करें.
इन बातों का रखा जाएगा खास ख्याल
जिला प्रशासन द्वारा छह खतरनाक घाटों की बैरिकेडिंग करने के साथ मार्गों का चिंहिकरण एवं सांकेतिककरण करने, घाटों की अच्छी प्रकार से साफ सफाई ,घाटों पर साफ और शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, छठ पर्व में तैनात विभिन्न महत्वपूर्ण एजेंसियों के पदाधिकारी व कर्मचारियों के पहचान के लिए अलग-अलग रंग के जैकेट की व्यवस्था का आदेश दिया गया है. वहीं, आतिशबाजी पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध, अग्नि शमन की गाड़ियों की तैनाती, अस्पताल में आकस्मिक स्थिति में निपटने की व्यवस्था, छठ घाट जाने के लिए मार्गों और घाटों पर समुचित प्रकाश की व्यवस्था के साथ बिजली के जर्जर तारों को बदल दिया जाए. वहीं, विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित हो, पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम के माध्यम से भीड़ का नियंत्रण एवं अन्य सूचनाओं का प्रसारण हो, सभी हित धारकों के बीच समन्वय स्थापित करें. नहाए खाए के दिन से ही निजी नावों के परिचालन पर रोक लग जाएगी. इसके अलसवा छठ पूजा समितियों के स्वयंसेवकों को छठ पर्व के प्रबंधन में लिया जाएगा.