वॉशिंगटन: यूक्रेन-रूस जंग के बीच ईरानी ड्रोन के आत्मघाती हमलों ने यूक्रेन सहित पश्चिमी देशों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं. राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के मुताबिक यूक्रेन की राजधानी कीव पर कामिकेज़ ड्रोन से हमले हो रहे हैं. क्रीमिया के ब्रिज पर हुए आतंकी हमले के बाद से रूस इन ड्रोन की मदद से यूक्रेन के सैन्य अड्डों, बिजली घरों और सरकारी दफ्तरों को निशाना बना रहा है. ड्रोन के आत्मघाती हमलों से बचने के लिए यूक्रेन अमेरिका और कई पश्चिमी देशों से एयर डिफेंस सिस्टम की मांग कर चुका है.
अमेरिका ने कहा- क्रीमिया में ईरान ड्रोन के साथ मौजूद
संयुक्त राज्य अमेरिका ने गुरुवार को कहा कि ईरानी सैन्य प्रशिक्षकों को रूसी बलों की सहायता के लिए क्रीमिया भेजा गया था. रूस के सैनिकों को प्रशिक्षण देने के बाद अब यूक्रेन में एक के बाद एक ड्रोन अटैक शुरू हो गए हैं. रूस ईरान के कामिकेज़ ड्रोन के अलावा शहीद-136 भी इस्तेमाल कर रहा है.
इमरजेंसी मीटिंग के बाद शुरू हुए ड्रोन हमले
रूस की शक्तिशाली सुरक्षा परिषद मीटिंग में राष्ट्रपति पुतिन ने केर्च स्ट्रेट ब्रिज पर हुए धमाके और आगे की रणनीति पर चर्चा करते हुए यूक्रेनी ऊर्जा, सैन्य और संचार सुविधाओं को अपनी ताकतवर मिसाइलों से ध्वस्त करने का प्रस्ताव पास कर दिया था. क्रेमलिन की आधिकारिक न्यूज़ ब्रीफिंग में कहा गया कि रूस जल्द ही यूक्रेन को इन हमलों के लिए मुंहतोड़ जवाब देगा.
मीटिंग के दौरान बेहद सख्त दिख रहे पुतिन ने कहा कि फोरेंसिक और अन्य विशेषज्ञ डेटा से पता चला है कि 8 अक्टूबर का विस्फोट रूस के नागरिक और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को नष्ट करने के उद्देश्य से आतंकवाद का एक कार्य था. पुतिन ने यह भी स्पष्ट किया कि यूक्रेनी विशेष सेवाएं इन हमलों के पीछे हैं. सुरक्षा परिषद में कहा गया कि कीव शासन लंबे समय से आतंकवादी तरीकों का उपयोग कर रहा है, जिसमें यूक्रेन और रूस दोनों में सार्वजनिक हस्तियों, पत्रकारों और वैज्ञानिकों की हत्याएं शामिल हैं. यूरोप के सबसे बड़े जापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर मिसाइल और तोपखाने के हमलों के लिए भी रूस ने यूक्रेन को जिम्मेदार ठहराया है.