राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र NCR में इस बार पटाखे नहीं बिकेंगे। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का पुराना ऑर्डर है कि एयर क्वालिटी इंडेक्स AQI जिन शहरों में 200 के पार चला जाए, वहां पटाखा बिक्री पर प्रतिबंध रहे। NCR के ज्यादातर शहरों का AQI 200 पार चल रहा है। बेहद कम आसार है कि आखिरी के एक या दो दिन भी ग्रीन पटाखों की बिक्री के लिए अस्थायी लाइसेंस दिए जाएं।
बुलंदशहर-हापुड़ में आदेश जारी, गाजियाबाद-मेरठ में नए लाइसेंस नहीं
बुलंदशहर और हापुड़ जिले में DM ने पटाखा ब्रिक्री के प्रतिबंध के बाबत लिखित आदेश जारी कर दिया है। गाजियाबाद में भी बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए पटाखा बिक्री के लिए अस्थायी लाइसेंस नहीं दिए गए हैं। मेरठ जिला प्रशासन का कहना है कि पटाखा बिक्री पर पहले से रोक है, कोई नया आदेश नहीं आया है। केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड CPCB की टीम ने गुरुवार को गाजियाबाद के बाजारों का दौरा करके देखा कि प्रदूषण के क्या कारक हैं और कहीं पटाखों की बिक्री तो नहीं हो रही।
जहां ग्रैप लागू, वहां जिला प्रशासन बनाएगा नियम-कायदे
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से सिर्फ ग्रीन पटाखा बिक्री की छूट है, लेकिन जहां पर ग्रैंडेड रिस्पांस एक्शन प्लान ग्रैप लागू है, वहां अपने स्तर पर नियम लागू करने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन को मिली है। दिल्ली-एनसीआर में एक अक्टूबर से ग्रैप लागू है। इसलिए मेरठ मंडल के किसी जिले में फिलहाल ग्रीन पटाखा बिक्री की अनुमति भी नहीं दी गई है।
पटाखा बिक्री की याचिका दिल्ली हाईकोर्ट ने की खारिज
दिल्ली हाईकोर्ट ने पटाखा बिक्री से जुड़ी एक याचिका गुरुवार को ही खारिज की है। इस याचिका में दो व्यापारियों ने सिर्फ ग्रीन पटाखे खरीदने-बेचने और भंडारण की अनुमति देने का आग्रह हाईकोर्ट से किया था। चूंकि ऐसे मामलों की याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन हैं, इसलिए दिल्ली हाईकोर्ट ने ये याचिका खारिज कर दी।
प्रदूषित शहरों में गाजियाबाद तीसरे नंबर पर
केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के शुक्रवार सुबह 10 बजे जारी आंकड़ों के अनुसार, गाजियाबाद देश के प्रदूषित शहरों की सूची में सुबह ही तीसरे नंबर पर पहुंच गया। यहां की एयर क्वालिटी 292 दर्ज की गई है। प्रदूषित शहरों में सीवान पहले और कैथर दूसरे नंबर पर है। नोएडा, बुलंदशहर, ग्रेटर नोएडा में भी प्रदूषण का स्तर सुबह 10 बजे ही पूअर श्रेणी में आ गया है।
प्रदूषण फैलाने में दो बिल्डरों पर 10 लाख जुर्माना
गाजियाबाद में प्रदूषण नियंत्रण कंट्रोल बोर्ड ने राजनगर एक्सटेंशन के एसवीपी बिल्डर और हिमालय बिल्डर पर पांच-पांच लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। इन दोनों की कंस्ट्रक्शन साइट पर लगातार धूल उड़ रही थी। अफसरों ने निरीक्षण में प्रदूषण होता पाया और जुर्माना लगा दिया। सिद्धार्थ विहार में लगातार उड़ रही धूल की रोकथाम के लिए पीसीबी ने आवास-विकास को सड़क निर्माण पूरा करने के लिए कहा है।