पुलिस स्मृति दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ड्यूटी के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले प्रदेश के सात अमर शहीद पुलिसकर्मियों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने पुलिस के बलिदान को याद करते हुए पुलिस कर्मियों को मिलने वाले दो सौ रुपये साइकिल भत्ते की जगह अब 500 सौ रुपया मोटर साइकिल भत्ता देने की घोषणा की। वहीं डीजीपी ने यूपी पुलिस की कार्य प्रणाली पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पिछले साढ़े पांच सालों में पुलिस का डीएनए में बदलाव हुआ है। जिससे पुलिस की सक्रियता के चलते प्रदेश में जातीय और संप्रदायिक हिंसा नहीं हुई।
पुलिस कर्मियों का पांच लाख तक मेडीक्लेम डीजी स्तर पर होगा पास
मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने पुलिस स्मृति दिवस पर पिछले एक साल में शहीद हुए सात पुलिस कर्मियों के परिजनों को सम्मानित करते हुए कहा कि पुलिस और सरकार उनके साथ है। यूपी पुलिस की सक्रियता के चलते गुंडा और माफिया राज का अंत हो गया। पुलिस कर्मियों को मिलने वाला साइकिल भत्ता अब मोटरसाइकिल भत्ता के तौर पर दिया जाएगा। जिसमें दो सौ रुपये की जगह पांच सौ रुपये की राशि तय की गई है। इसके साथ ही पेंशन के लिए लोगों को दौड़भाग नहीं करनी करनी होगी। जिसे ई-पोर्टल पर लिंक किया जा रहा है। साथ ही मेडीक्लेम के पांच लाख तक के बिल को डीजी स्तर पर पास करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
ड्यूटी पर शहीद पुलिस कर्मियों की सहायता राशि हुई पचास लाख
डीजीपी डीएस चौहान ने पुलिस स्मृति दिवस के विषय में जानकारी देते हुए कहा कि पुलिस की कार्य प्रणाली में लगातार बदलाव हो रहा है। जिससे अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगा है। यूपी सरकार ने पुलिस ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले पुलिस कर्मी को 25 लाख की जगह 50 लाख अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। वहीं कोमा में जाने पर असाधारण पेंशन देने का निर्णय लिया है।
इन पुलिस कर्मियों ने ड्यूटी के दौरान गंवा दी थी जान
यूपी के छह जिलों में तैनात सात पुलिस कर्मियों ने ड्यूटी के दौरान अपनी जान गंवा दी थी। सीएम ने स्मृति दिवस पर उनके परिजनों को सम्मानित किया।
सब इंस्पेक्टर वीरेंद्र नाथ मिश्र, फतेहपुर
फतेहपुर के थाना सुल्तानपुर घोष में तैनात सब इंस्पेक्टर वीरेंद्र नाथ मिश्र 31 मार्च को रात 10:19 बजे वाहन चेकिंग करने निकले थे।
थाना गेट से करीब 20 मीटर की दूरी पर वाहन चेकिंग करते वक्त एक बाइक सवार को रोका, लेकिन चालक नरेन्द्र पासी ने बाइक उन पर चढ़ा दी। उसके पीछे उसके पिता प्रकाश भी बैठे थे।
पुलिस कर्मियों ने उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हथगाँव ले गए। जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था।
सब इंस्पेक्टर कादिर खां, गौतमबुद्धनगर
गौतमबुद्ध नगर के दादरी थाने पर तैनात सब इंस्पेक्टर कादिर खां 17 जुलाई को करीब दस बजे एक हत्यारोपी की तलाश में मेरठ के लिए निकले थे।
मेरठ जाते समय दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे पर सड़क दुर्घटना में गम्भीर रूप से घायल हो गये। उन्हें सुभारती अस्पताल मेरठ ले जाया गया, जहाँ डाक्टरों उन्हें मृत घोषित कर दिया।
हेड कांस्टेबल मुनील कुमार चौबे, प्रयागराज
प्रयागराज के सरायइनायत थाने पर तैनात हेड कांस्टेबल मुनील कुमार चौबे 17 जनवरी को सहसों चौराहे पर ड्यूटी कर रहे थे।
इस दौरान एक पिकप ने उन्हें टक्कर मार दी। गंभीर रूप से घायल मुनील को स्वरूप रानी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई।
कांस्टेबल सर्वेश कुमार, गौतमबुद्धनगर
गौतमबुद्धनगर के यातायात सिपाही सर्वेश कुमार 10 मार्च की कन्टेनर डिपो पर ड्यूटी लगी थी। डियूटी पर जाते समय सर्वेश कुमार की बाइक में ट्रक ने टक्कर मार दी।
उन्हें गंभीर हालत में कैलाश हास्पिटल ग्रेटर नोयडा ले जाया गया। जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
कांस्टेबल ललित कुमार, गाजियाबाद
गाजियाबाद की 27 जनवरी को छिजारसी , कानूनी यू-टर्न पर ड्यूटी लगी थी। वहां जाते वक्त उनकी बुलेट पर किसी वाहन ने चिरंजीव बिहार, डी ब्लाक शास्त्रीनगर कट के पास टक्कर मार दी।
दुर्घटना में घायल ललित कुमार को पीआरवी यशोदा अस्पताल नेहरूनगर ले गई। जहां उनकी मौत हो गई।
कांस्टेबल मनीष कुमार, बागपत
बागपत थाना में तैनात सिपाही मनीष कुमार को 14 अक्टूबर 2021 को बुलंदशहर हरिओम शर्मा को कोर्ट का सम्मन देने जा रहे थे। पिलखुआ में विभोर पब्लिक स्कूल के सामने ओवरब्रिज पर रोडवेज बस ने सिपाही को टक्कर मार दी। जिससे उनकी मौत हो गई।
कांस्टेबल सुमित कुमार, मुजफ्फरनगर
मुजफ्फर नगर के नई मंडी थाना में तैनात सिपाही सुमित कुमार 28 दिसंबर 2021 को रेप और हत्या के प्रयास के आरोपी देवा मलिक और रजनीश तोमर की तलाश में करनाल, हरियाणा पुलिस टीम के साथ गए थे।
सिपाही ने आरोपियों के कार से ग्राम जडौली से ग्राम मोदीपुर करनाल की तरफ भागे पर पीछा किया। इस दौरान पुलिस की कार की एक पेड़ से टक्कर हो गई।
जिसमें पुलिस टीम के सिपाही सोनवीर, राहुल कुमार, सुनील कुमार, दीपक कुमार और देवेन्द्र घायल हो गए। वहीं सिपाही सुमित कुमार की मौत हो गई।
21 अक्टूबर को मनाया जाता है पुलिस स्मृति दिवस
कर्तव्यपालन के दौरान संवेदनशीलता, समर्पण और त्याग का अप्रतिम उदाहरण प्रस्तुत करने वाले शहीद पुलिस कार्मिकों की स्मृति में प्रतिवर्ष 21 अक्टूबर पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है।
इस दिन हम उन वीर शहीद पुलिसजनों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जिन्होंने राष्ट्र व समाज की रक्षा में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते प्राणों की आहुति दी है।
21 अक्टूबर 1959 को भारत की उत्तरी सीमा लद्दाख के हिमाच्छादित जनहीन क्षेत्र में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के 10 जवान नियमित गश्त पर निकले थे।
जिन पर रायफलों और मोर्टारों से लैस चीनी सैनिकों ने छलपूर्वक एम्बुश लगाकर अचानक हमला कर दिया। चीनी सैनिकों से मुकाबला करने के दौरान सभी बहादुर जवान शहीद हो गए थे।
इन्हीं वीर जवानों के बलिदान को याद करते हुए कर्तव्यपथ पर प्राणोत्सर्ग करने वाले जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करने हेतु पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है।