दीपावली से पहले एनसीआर की आबोहवा बिगड़ने लगी है। दिल्ली-एनसीआर के शहर पूरे देश और उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा पॉल्यूटेड हैं। प्रदूषण की रोकथाम के लिए कहने को ग्रैप सिस्टम लागू है, लेकिन इसका कहीं कोई पालन नहीं हो रहा। वाहन, कंस्ट्रक्शन, फैक्ट्रियां, सड़कें हर कोई वायु प्रदूषण फैला रहा है। सुबह- शाम आसमान में धुंध जैसी स्थिति है। अगर यही हालात रहे तो दिवाली तक आते-आते प्रदूषण का स्तर कई गुना और बढ़ जाएगा।
हापुड़, मुजफ्फरनगर, मेरठ सबसे ज्यादा प्रदूषित
केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा जारी देश के 177 शहरों की सूची में मंगलवार को हापुड़ जिला सबसे प्रदूषित रहा। यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स AQI 299 दर्ज किया गया। जबकि दूसरे नंबर पर मेरठ और मुजफ्फरनगर सबसे प्रदूषित शहर पाए गए। इन दोनों शहरों का AQI 298 रहा। कुल मिलाकर एनसीआर के सारे शहर फिलहाल POOR श्रेणी में हैं। देश के सर्वाधिक तीन प्रदूषित शहर पश्चिमी UP के हैं।
दिवाली तक AQI 400 पार पहुंचने के आसार
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि पिछले कई दिनों से हवा की गति रुकी हुई है। इस वजह से प्रदूषण में लगातार वृद्धि हो रही है। अगर कुछ दिन और हवाएं नहीं चली तो प्रदूषण की स्थिति विकट हो सकती है। आशंका है कि दिल्लीNCR के शहरों का एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 पार पहुंच सकता है।
प्रदूषण के 5 प्रमुख कारण
खुले में कूड़ा फेंका जा रहा और कहीं-कहीं उसमें आग भी लगाई जा रही है।
निर्माण कार्यों को ढका नही जा रहा, इससे दिनभर धूल उड़ती रहती है।
प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों पर ऐसे समय में भी कोई कंट्रोल नहीं किया गया है।
सड़कें टूटी पड़ी हैं, गहरे गड्ढे हैं, इनसे धूल उड़ती है।
न दिन में कई बार सड़कें साफ हो रहीं और न ही लगातार पानी का छिड़काव सड़कों, पेड़ पौधों पर हो रहा।