ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी से जुड़े दो मामलों में आज वाराणसी की अलग-अलग कोर्ट में सुनवाई होगी। पहली सुनवाई सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी और उनके भाई अकबरुद्दीन ओवैसी के अलावा 2000 अज्ञात लोगों पर FIR दर्ज करने की मांग पर होनी है। वाराणसी के एसीजेएम-5th उज्ज्वल उपाध्याय की कोर्ट इस पैर आज आदेश सुनाएगी।
इस केस में 15 अक्टूबर को सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने 17 अक्टूबर के लिए अपना आदेश सुरक्षित कर लिया था।
दूसरा केस: 13 लोग बनना चाहते हैं पक्षकार, वादिनी महिलाओं का इनकार
ज्ञानवापी-मां श्रृंगार गौरी केस में पक्षकार बनने के लिए 13 लोगों ने जिला जज की कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया है। श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा करने की इजाजत देने के लिए जिन महिलाओं ने याचिका डाली थी, उन्होंने किसी को भी पक्षकार बनाने से इनकार कर दिया है। वादिनी यानी याचिका डालने वाली महिलाओं में शामिल सीता साहू, मंजू व्यास, रेखा पाठक और लक्ष्मी देवी ने कहा कि उन्हें इस केस में किसी को भी पक्षकार बनाने की जरूरत नहीं है। केस में सुनवाई के लिए वह पर्याप्त हैं। आज जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश इस मामले में आदेश सुनाएंगे।कथित शिवलिंग पर अखिलेश-ओवैसी की बयानबाजी पर विवाद
हिंदू पक्ष की ओर से सिविल कोर्ट के एडवोकेट हरिशंकर पांडेय ने कोर्ट में कहा था, "ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग ठोस को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी और उनके भाई द्वारा आपत्तिजनक बयानबाजी की गई है। उन्होंने हिंदुओं के धार्मिक मामलों और स्वयंभू आदि विश्वेश्वर के खिलाफ अपमानजनक बातें कही हैं। इन नेताओं की बातें जन भावनाओं के खिलाफ हैं। इस पूरे मामले की साजिश में अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी, शहर काजी और शहर के उलेमा भी शामिल हैं। इन सभी के आचरण से हिंदू समाज मर्माहत है। इसलिए सभी आरोपियों के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने सहित अन्य आरोपों के तहत मुकदमा दर्ज कर विवेचना की जाए। इस मामले में दोनों पक्ष की बहस पूरी हो चुकी है।
ये 13 लोग बनना चाहते हैं पक्षकार
जिन 13 लोगों ने मां श्रृंगार गौरी केस में जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था, उनमें कोतवालपुरा के चंद्रशेखर पांडेय, काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत कुलपति तिवारी, लोहता के मुख्तार अहमद अंसारी, हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता, जैतपुरा के देवेंद्र कुमार पाठक, भेलूपुर के अरुण पाठक, क्षेत्रीय ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष अजय कुमार शर्मा, दी सेंट्रल आफ साइंस इंडियन फिलाॅस्फी, नई दिल्ली के चेयरमैन प्रभु नारायण, लहंगपुरा शिवपुर के विजय शंकर रस्तोगी, ज्ञानवापी मुक्ति मोर्चा के चेयरमैन शिवकुमार शुक्ला, विनायक कोल्हुआ के रुद्र विक्रम सिंह, गाजियाबाद के गोविंदपुरम निवासी निखिल उपाध्याय, गंगा सेवा अभियान के आल इंडिया चीफ राकेश चंद्र पांडेय, सुंदरपुर के संतोष कुमार सिंह के नाम शामिल हैं।
कार्बन डेटिंग की मांग खारिज
जिला अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद में मिले कथित शिवलिंग के कार्बन डेटिंग की मांग को खारिज कर दिया था। जिला जज डॉ. अजय कुमार विश्वेश ने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि शिवलिंग हिंदुओं के लिए पूजनीय है। कोर्ट ने कार्बन डेटिंग के साथ ही अन्य वैज्ञानिक तकनीकी जैसे ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार की जांच की मांग को खारिज कर दिया था।
कोर्ट ने कहा था कि शिवलिंग की संरचना, प्रकृति और आयु का निर्धारण कराने से शिवलिंग को नुकसान पहुंच सकता है। हिंदू पक्ष की वादिनी महिलाओं मंजू व्यास, रेखा पाठक, लक्ष्मी देवी, सीता साहू की ओर से प्रार्थना पत्र दाखिल कर कथित शिवलिंग के कार्बन डेटिंग की मांग की गई थी