पाकिस्तान में मलाला पर हुए हमले के 10 वर्षों बाद भी नहीं बदले हालात, स्कूल वैन पर हुए हमले में दो छात्राओं समेत तीन की मौत

पाकिस्तान में मलाला पर हुए हमले के 10 वर्षों बाद भी नहीं बदले हालात, स्कूल वैन पर हुए हमले में दो छात्राओं समेत तीन की मौत

पाकिस्तान में नोबल पुरस्कार विजेता मलाला युसुफजई को स्कूल जाने पर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान द्वारा किए गए हमले को नौ अक्टूबर को 10 वर्ष पूरे हुए है। इसके एक दिन बाद ही पाकिस्तान में फिर वहीं घटना दोहराई गई है। सोमवार को ऐसा ही एक और हमला हुआ, जिसमें वैन ड्राइवर और दो छात्राओं की मौत हो गई। 

इस्लामाबाद के स्वात के चार बार इलाके में मोटरसाइकिल पर सवार अज्ञात लोगों ने स्कूल वैन पर हमला किया। इस हमले की पुष्टि स्वात जिला पुलिस अधिकारी डीपीओ जाहिद मारवत ने भी की है। उन्होंने कहा कि गुली बाग इलाके के नॉलेज सिटी के बाहर घटना को अंजाम दिया गया। जिस समय ये हमला हुआ तब स्कूल वैन में 15 छात्र थे। वहीं हमले के बाद विरोध के रूप में मंगलवार को स्कूल बंद किए जाने का फैसला किया गया है।


इस हमले में कुछ छात्र भी घायल हुए थे, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हालांकि बच्चों की हालत अब खतरे से बाहर है। वहीं घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने मामले की पड़ताल की और कहा कि हमलावरों का टारगेट स्कूल वैन नहीं थी। हमलावरों के निशाने पर ड्राइवर था। 


सरकार ने दिए जांच के आदेश

स्थानीय मीडिया के मुताबिक हमले पर संज्ञान लेने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री महमूद खान ने हमले का संज्ञान लिया और इस हमले की निंदा की। उन्होंने पुलिस को जांच रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। हमले के बाद विधायक मोहसिन डावर ने कहा कि स्वात के लोग आतंकवाद का विरोध करते रहे है। आतंकवाद के हवाले फिर से लोग हो रहे है। बता दें कि इस हमले की निंदा पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने भी की है। मानवाधिकार आयोग ने मांग की कि इस घटना के लिए सुरक्षा बलों को जिम्मेदार ठहराना चाहिए। अपराधियों को भी तत्काल गिरफ्तार किया जाना चाहिए।


शुरू हुआ विरोध

स्कूली वैन पर हुए इस हमले के बाद निजी स्कूलों के सैकड़ों छात्र और शिक्षकों ने घटना के विरोध में प्रदर्शन किया। छात्रों और शिक्षकों ने इलाके में शांति की मांग करते हुए कानून व्यवस्था बनाए रखने की मांग की।


वर्ष 2012 में हुआ था मलाला पर हमला

ये पहला मौका नहीं है जब लड़कियों की शिक्षा को रोकने के प्रयास किए गए हो। इससे पहले वर्ष 2012 में तालिबानियों ने मलाला युसूफजई पर भी हमला किया था। उनके सिग में गोली मारकर उनके स्कूल जाने के इरादों को तोड़ने की कोशिश की थी। ये हमला इतना घातक था कि उन्हें लंबे समय तक इलाज कराना पड़ा। ब्रिटेन में लंबे इलाज के बाद वो ठीक हो सकी।


 4g960b
x01mp3rx0z@mailto.plus, 11 December 2022

 y83nsj
yhfee@chitthi.in, 10 June 2023

Leave a Reply

Required fields are marked *