बेगूसराय, एक ओर युवा जहां नौकरी की तलाश में शहर दर शहर भटक रहे रहे हैं तो वहीं कुछ युवा नौकरी को छोड़ आत्मनिर्भर बनकर लाखों रुपए कमा रहे हैं. यह बात बिहार के बेगूसराय जिले के सिंघौल में रहने वाले कुणाल कुमार झा पर सटीक बैठती है. कुणाल ने मल्टी नेशनल कंपनी ऊषा मार्टिन की नौकरी छोड़कर कुछ बेहतर करने की चाह में मोती उत्पादन शुरू किया है. जबकि कुणाल के इस आत्मनिर्भरता वाले कदम से उनके पिता रामचंद्र झा काफी खुश हैं.
कुणाल कुमार झा की मानें तो वर्तमान दौर में पारम्परिक खेती से इतर अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए नए प्रयोग भी जरूरी हो गए हैं. इसी प्रयोग में मोती उत्पादन को आप शामिल कर सकते हैं. इसके साथ उन्होंने कहा कि कुछ हटकर और अलग करने की चाह मोती उत्पादन अच्छा विकल्प बन कर उभरा है. इसका उत्पादन कर लाखों में आमदनी प्राप्त कर सकते हैं.कुणाल झा करते हैं डिजायनर मोती तैयार
News 18 लोकल से बातचीत में कुणाल झा ने बताया कि जापान की टेक्नोलॉजी से एक छोटी सी सर्जरी कर भगवान राम और भगवान कृष्ण के आकार का सांचा डालते हैं. इस सांचे से डिजाइन वाला मोती तैयार होता है. वहीं समुंदर में सीप के अंदर बालू के कण जाने के कारण गोल मोती तैयार होता है. जबकि इन दिनों कुणाल मनचाहा मोती तैयार कर रहे हैं जिसकी बाजार में भी काफी डिमांड है .
एक हजार सीप से शुरू किया मोती उत्पादन का काम
युवा कुणाल झा बताते हैं कि आजकल के युवा आठ से दस हजार की नौकरी के लिए बड़े शहर जाते हैं. ऐसे में हमने सोचा छोटी सी पूंजी लगाकर छोटे सी जगह में अच्छा मुनाफा कैसे कमाया जाए तो हमने इस टेक्नोलॉजी के बारे में जानकारी प्राप्त की और फिर इसका उत्पादन शुरू किया. उन्होंने बताया कि जन सहयोग चैरिटेबल ट्रस्ट के द्वारा जानकारी मिली है. इसके बाद 1000 सीप के साथ अपना उत्पादन शुरू किया. साथ ही कुणाल ने कहा कि उन्हें नौकरी छोड़ने का कोई गम नहीं बल्कि वह आत्मनिर्भर बनकर खुश हैं. बता दें कि कुणाल अपनी नौकरी के दौरान करीब 18 हजार रुपए महीना कमा रहे थे.
सीप पालन के दौरान इन बातों का रखें ख्याल
कुणाल के मुताबिक न्यूनतम 1000 सीप के साथ शुरुआत की जा सकती है.इसके लिए 10 वर्ग फीट का एक टैंक या गड्ढा खोदना होगा. इसकी ऊंचाई कम से कम चार फीट होनी चाहिए. ऐसा करने पर सीप की लागत 50 हजार के आसपास आएगी. जबकि टैंक बनाने में भी 50 हजार की लागत आएगी. कुल मिलाकर देखा जाए तो शुरुआती लागत एक लाख रुपए है. कुणाल सालाना 3 लाख की कमाई कर रहे हैं.
मोती तैयार होने में लगभग 10 माह का लगता है समय युवा कुणाल झा के मुताबिक मोती एक प्राकृतिक रत्न है जो सीप से पैदा होता है. बाहरी कणों के सीप के अंदर प्रवेश करने से मोती का निर्माण होता है. मोती तैयार होने में लगभग 10 माह का समय लग जाता है. मोती की गुणवत्ता के अनुसार उसकी कीमत तय होती है. एक सामान्य मोती की कीमत 500 से 1500 रुपए तक होती है. जबकि डिजायनर मोती के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार में 10 हजार रुपए तक मिल सकते हैं.