कानपुर नगर निगम ने पिटबुल और रॉटविलर जैसे नस्ल के कुत्तों पर बैन लगा दिया है। इसके बाद अब इन कुत्तों के मालिक इनको सड़कों पर छोड़कर जा रहे हैं। पेट लवर्स NGO के मुताबिक, पिछले 15 दिनों में 20 से ज्यादा ऐसे कुत्ते सड़कों पर मिले हैं। ऐसे में लग्जरी लाइफ से एकदम सड़क पर आने से इन कुत्तों के हिंसक होने की आशंका है।
दरअसल, लखनऊ में पालतू पिटबुल ने खाना देने गई वृद्धा को नोंच नोंचकर मार डाला था। गाजियाबाद में भी पिटबुल के हमले में एक बच्चे के चेहरे पर 200 से ज्यादा टांके लगे थे। इन घटनाओं के बाद कानपुर नगर निगम ने सितंबर के आखिरी हफ्ते में पिटबुल रॉटविलर पालने पर बैन लगा दिया था। इसके अलावा रजिस्ट्रेशन के नियम भी सख्त किए थे।
नगर निगम की सख्ती और इन नस्ल के कुत्तों के हमले के डर के चलते मालिक अब पिटबुल-रॉटविलर को घर से हटा रहे हैं। चुपचाप सड़कों पर कार से दूर ले जाकर इनको छोड़ रहे हैं, ताकि यह लौट न सके। बैन के बाद कुत्तों के लिए काम करने वाली स्ट्रे एड संस्था के संचालक रॉनी तिवारी बताते हैं, बैन के बाद रोजाना 2 से 3 कुत्तों के सड़कों पर छोड़े जाने की सूचनाएं पहुंच रही हैं। रॉनी तिवारी कहते हैं, "पिटबुल द्वारा हिंसा किए जाने की घटना के बाद लोग पिटबुल, रॉटविलर के अलावा अन्य हिंसक ब्रीड के कुत्तों को भी सड़कों पर छोड़कर जा रहे हैं। ये बेहद गलत है। अब तक 18 पिटबुल और रॉटविलर सड़कों पर आवारा घूमते हुए रेस्क्यू किए जा चुके हैं।
खाना पानी नहीं मिल रहा हो सकते हैं ज्यादा खतरनाक
रॉनी ने बताया, सड़कों पर छोड़े जा रहे हैं इन कुत्तों को खाने तक को नहीं मिल रहा है। गली के कुत्ते इनको नोंच रहे हैं। पालतू कुत्तों को एकदम से सड़कों पर छोड़ देना उनकी मौत को दावत देने के बराबर है। ये कुछ भी नहीं खा सकते हैं, इन्हें जो इनका मालिक खिलाता है, ये वही खाते हैं। ये खाना खुद से नहीं खा पाएंगे।
सिर्फ यही नहीं, खाना-पानी न मिलने से इनके हिंसक होने का भी खतरा है। क्योंकि अभी तक ये सभी डॉग्स लग्जरी लाइफ जीते रहे हैं। एकदम से सड़क पर छोड़ने से वह खुद को इसके लिए तैयार नहीं कर पाएंगे। हालांकि, अभी तक ऐसी खबरें सामने नहीं आई है कि इन खतरनाक कुत्तों ने किसी को नुकसान पहुंचाया हो। लेकिन, अब इनको न तो कोई खाना पूछने वाला है और न ही पानी देने वाला। ऐसे में ज्यादा हिंसक होकर कभी भी बड़ी घटना कर सकते हैं।
पेट लवर्स नगर निगम का कर रहे विरोध
पेट लवर्स ने 3 दिन पहले नगर निगम पहुंचकर पिटबुल और रॉटविलर डॉग को बैन किए जाने का विरोध किया था। इस दौरान महापौर प्रमिला पांडेय मौजदू थीं। पेट लवर्स का कहना है कि ये पूरी तरह असामाजिक फैसला है। इसे वापस लिया जाना चाहिए। नगर निगम द्वारा 5 हजार रुपए जुर्माना लगाने की कार्रवाई के डर से भी लोग कुत्तों के सड़कों पर छोड़े जाने के मामले बढ़े हैं।
सड़कों पर घूमते मिले डॉग
10 सितंबर: श्याम नगर रेलवे क्रॉसिंग के पास डॉग अर्जेंटीनो नाले के पास मिला। उसकी एक आंख भी खराब थी। उसकी कुछ दिनों में मौत हो गई।
15 सितंबर: हंसपुरम नौबस्ता में 2 साल का पिटबुल सड़कों पर बेहद परेशान हालत में मिला।
17 सितंबर: यशोदा नगर प्रताप होटल के पास गोल्डन करीब 4 वर्ष उम्र का गोल्डन रिट्रिवर डॉग मिला।
18 सितंबर: बर्रा क्षेत्र में ही पिटबुल डॉग को मुंह पर मास्क लगाकर कोई सड़क पर छोड़ गया।
20 सितंबर: बर्रा में रॉटवायलर फीमेल डॉग खंभे से बंधी मिली।
24 सितंबर: यशोदा नगर इलाके में लैब्राडोर रिट्रिवर डॉग मिला। वो बेहद खराब हालत में मिला।
26 सितंबर: निगम द्वारा बैन लगाए जाने के बाद श्याम नगर के पास पिटबुल सड़कों पर भटकता मिला।
28 सितंबर: आनंदपुरी के पास रात 11.30 बजे चॉकलेट लैब्राडोर को कोई छोड़कर चला गया।
30 सितंबर: वाई ब्लॉक किदवई नगर में पिटबुल को छोड़ दिया गया। इसे आवारा कुत्तों पर हमला कर जख्मी कर दिया।
पिटबुल के हमले की ये घटनाएं सामने आ चुकीं
लखनऊ में अपनी मालकिन को ही काटकर मार डाला।
लखनऊ के एक पार्क में बच्चे के चेहरे पर बुरी तरह हमला किया।
कानपुर के सरसैया घाट पर गाय का मुंह नोंच डाला।
ओ-ब्लॉक किदवई नगर कानपुर में एक युवक पर हमला किया।
लाजपत नगर में स्कूल जाते हुए बच्चे को रॉटविलर ने काटकर घायल किया।
न FIR न कोई कानूनी कार्रवाई, जुर्माना लेकर वापस कर दिया जाता है खूंखार कुत्ता अब पढ़िए कानपुर से भास्कर रिपोर्टर दिलीप सिंह की रिपोर्ट
जानलेवा हमले की कीमत 5 हजार
कानपुर नगर निगम प्रशासन ने भले ही खूंखार कुत्ते रॉटविलर और पिटबुल को लेकर बड़े-बड़े दावे किए थे, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। कानपुर का यह दूसरा बड़ा मामला है, जिसमें पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। वहीं, नगर निगम भी महज पांच हजार का जुर्माना लेकर चुप्पी साध लिया है। चेतावनी के साथ मालिक को उसका कुत्ता लौटा दिया जा रहा। यही वजह है कि शहर के लोग धड़ल्ले से प्रतिबंधित कुत्तों को पाले हैं। आस-पास के लोगों पर आए दिन जानलेवा हमला करते हैं। इन कुत्तों का कोई रजिस्ट्रेशन भी नहीं करा रहा है।
कुत्ते ने बच्चे को गिराकर नोचा, डंडे मारने पर भी नहीं छोड़ा
लाजपत नगर में रहने वाले कारोबारी मोहित सेठ ने बताया कि उनका 14 साल का बेटा डीपीएस कल्याणपुर में 9वीं का छात्र है। स्कूल जाने के लिए सुबह घर से निकला था। इतने में ही पड़ोसी दीपक टंडन के घर में पले रॉटविलर ने बच्चे पर जानलेवा हमला कर दिया। गिराकर पैर में तीन जगह काटकर मांस निकाल लिया। इतना ही नहीं शरीर में और कई नोच लिया। मोहित सेठ और वहां मौजूद लोग चिल्लाते रहे। ईंट और डंडे से मारा, लेकिन उसने नहीं छोड़ा। कुत्ते की देख-रेख करने वाले ने उसे डांटते हुए खींचा तब जाकर बच्चे का पैर छोड़ा।
मोहल्ले में डर और दहशत का माहौल
कारोबारी की शिकायत पर नगर निगम ने प्रतिबंधित नस्ल के कुत्ते रॉटविलर को जब्त कर लिया। 5 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। लेकिन, शिकायत करने के बाद भी नजीराबाद थाने में मामले को लेकर FIR नहीं दर्ज की गई। जुर्माना जमा करने के बाद मालिक को चेतावनी के साथ उनका कुत्ता भी लौटा दिया जाएगा। इस बात को लेकर परिजनों में आक्रोश है। उनका कहना है कि कुत्ता मोहल्ले में सिर्फ उनके बच्चे ही नहीं, कइयों को काट चुका है। अब दोबारा छोड़ा जाएगा तो वह और खतरनाक हो जाएगा। इस बात को लेकर पूरे मोहल्ले में डर और दहशत का माहौल है।
दोनों मामलों में नहीं दर्ज हुई FIR
महज 15 दिन पहले सरसैया घाट पर रहने वाले सुमित मिश्रा के खूंखार पिटबुल कुत्ते ने एक गाय को दबोच लिया था। तीन-तीन लोग उसे छुड़ाने में लगे रहे, लेकिन कुत्ते पर लोहे की रॉड से हमला करने पर उसने छोड़ा। इसके बाद नगर निगम की टीम ने भी सुमित के दोनों कुत्तों को जब्त किया था और जुर्माना मिलने के बाद छोड़ दिया। यही हाल इस मामले में भी है। पुलिस और नगर निगम अब कार्रवाई से पीछे हट रहा है।