गुजरात में साल 2022 में ही विधानसभा का चुनाव होने वाला है। लेकिन इस चुनाव की तैयारियों में उत्तर प्रदेश भाजपा भी जुट गई है। पार्टी ने गुजरात में भाजपा की चुनावी बिसात बिछाने के लिए यूपी के 163 कार्यकर्ताओं की बड़ी टीम तैयार की है। इसके लिए बकायादा प्रवासी प्रभारी भी नियुक्त किए गए है। संगठन ने गुजरात की अहमियत को समझते हुए वहां प्रचार के लिए एक बड़ा प्लान तैयार किया है जिसके तहत बीजेपी वहां की 64 विधानसभा सीटों पर यूपी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को जिम्मेदारी देने का काम करेगी।
दरअसल भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए यूपी से पहले चरण में करीब डेढ़ सौ अनुभवी कार्यकर्ता और पदाधिकारी तैनात करने को कहा है। पार्टी ने जिलों से ऐसे कार्यकर्ताओं की सूची मंगाकर उनमें सबसे योग्य कार्यकर्ताओं की सूची केंद्रीय नेतृत्व को भेज दी है। इनमें से अधिकतर पदाघिकारियों और कार्यकर्ताओं को उत्तर भारतीय बहुल वाले अगल-अलग विधानसभाओं की जिम्मेदारी सौंप दी गई है।एक प्रभारी और 2 सह-प्रभारी की नियुक्ति
उत्तर प्रदेश की बीजेपी ईकाई ने अपनी तैयारियों को अमली जामा पहनाने के लिए प्रदेश उपाध्यक्ष प्रकाश पाल को जिम्मेदारी दी है। पार्टी ने को गुजरात में यूपी के कार्यकर्ताओं के लिए प्रवासी प्रभारी बनाया है, जबकि प्रदेश मंत्री शंकर गिरी और अशोक मोंगा को सह प्रभारी नियुक्त किया है। गुजरात में प्रवासियों के प्रभारी प्रकाश पाल का ने कहा मैं आज ही गुजरात जा रहा हूं। अब वही प्रवास होगा। हमारी जिम्मेदारी वहां चुनाव प्रबंधन की होगी।
इसके साथ ही यूपी से मंत्री समृति इरानी और साध्वी निरंजन ज्योति को भी गुजरात की गुजरात चुनाव में जिम्मेदारी दी गई है। सूत्रों के मुताबिक पहले चरण में कार्यकर्ताओं को गुजरात भेजा जाएगा। उसके बाद प्रदेश पदाधिकारियों क्षेत्रीय पदाधिकारियों, प्रवक्ताओं के साथ युवा मोर्चा और महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं को भी गुजरात चुनाव में प्रचार के लिए भेजा जाएगा।
सीएम योगी सहित दोनों डिप्टी सीएम भी जाएंगे गुजरात
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक भी गुरताज चुनाव के दौरान अपनी जनसभाओं से माहौल सजाएंगे। भाजपा के शीर्ष सूत्रों का दावा है कि गुजरात के 33 जिलों में से प्रत्येक में यूपी के कम से कम एक व्यक्ति को तैनात किया जाएगा जहां इस साल के अंत में चुनाव होने हैं। सूत्रों ने कहा कि यूपी इकाई को विशेष रूप से 65 विधानसभा सीटें सौंपी गई हैं जहां दो संगठनात्मक नेता मुख्य रूप से जिलाध्यक्ष और महासचिव कार्यभार संभालेंगे।
गुजरात के 65 सीटों पर उत्तर भारतीयों का असर
दरअसल, महाराष्ट्र की तरह गुजरात में भी यूपी, बिहार और मध्यप्रदेश से गए उत्तर भारतीयों की बड़ी आबादी निवास करती है। एक अनुमान के मुताबिक इनकी संख्या 30 लाख से ज्यादा हो सकती है। ये दक्षिण गुजरात की 25 सीटों का परिणाम अकेले दम पर तय करने की स्थिति में हैं। भरूच, बलसाड, वापी, नवसारी, अंकलेश्वर, सूरत औद्योगिक नगरी वाले क्षेत्र हैं। भाजपा मानती है कि उत्तर भारतीय बहुल वाले इन सीटों पर यहां के नेताओं का असर भी होगा। इससे पार्टी को दक्षिण गुजरात की 20 से 25 सीटों पर जीत हासिल करने में मदद मिलेगी साथ ही अन्य 50 सीटों पर वह बढ़त वाली स्थिति में आ सकती है। इसे आम आदमी पार्टी की गुजरात में पकड़ को कमजोर करने की रणनीति भी माना जा रहा है क्योंकि इसी वोट बैंक के सहारे अरविंद केजरीवाल ने भाजपा के गढ़ सूरत को भेदने में सफलता पाई थी।
गुजरात में सपा और बसपा का हुआ था जमानत जब्त
साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 182 में से 99 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया था वहीं कांग्रेस 77 सीटें जीतने में सफल रही थी। यूपी की दो राज्य पार्टियों बसपा और सपा ने क्रमश 139 और 4 सीटों पर चुनाव लड़ा था। लेकिन उनके सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी।