उत्तर-प्रदेश में सड़क हादसे और उससे होने वाली मौतों का आंकड़ा बढ़ा है। पिछले 9 महीने में ही सड़क हादसों में करीब 13 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। इतना ही नही इसी दौरान सड़क हादसों में मौत के आंकड़ों में 8 और घायलों की संख्या 18 फीसदी बढ़ी है।
दूसरी तरफ सीएम योगी ने यूपी की सड़कों में गड्ढों की शिकायतों को लेकर भी बेहद नाराजगी दिखाई है।इसके लिए यूपी की सड़कों को गड्डा-मुक्ति के लिए सीएम योगी ने डेडलाइन तय कर दी है। गुरुवार को PWD के अधिकारियों के साथ बैठक में सीएम ने कहा कि हर हाल में 15 नवंबर तक सड़कें गड्डा-मुक्त हो जानी चाहिए। सीएम ने इसके लिए जल्द से जल्द गड्ढा-मुक्ति अभियान चलाने के निर्देश भी दिए हैUP में बढ़े सड़क हादसे
उत्तर प्रदेश में सड़क हादसों को रोकने की मुहिम नाकाम हो रही है। तमाम कोशिशों के बाद भी सड़क हादसों में बढ़ोतरी हुई है। जनवरी से अगस्त तक के प्रदेशभर के आंकड़ों से मिली जानकारी के मुताबित प्रदेश भर में सड़क हादसे 13% और लखनऊ में डेढ़ गुना बढ़े है। मृतकों की संख्या में 8 और घायलों की संख्या में 18 फीसदी की वृद्धि हुई है। लखनऊ नोएडा गोरखपुर और प्रयागराज जैसे बड़े शहरों में हादसों की संख्या में 25% से ज्यादा का इजाफा हुआ है। यह आंकड़े बेहद डराने वाले है।
15 नवंबर तक पूरा किया जाए गड्ढा-मुक्ति का काम
सीएम योगी ने कहा कि बारिश का मौसम अंतिम चरण में है। ऐसे में सड़कों की मरम्मत और गड्ढा-मुक्ति का कार्य किया जा सकता है। PWD नगर विकास, सिंचाई, आवास एवं शहरी नियोजन, ग्राम्य विकास, ग्रामीण अभियंत्रण, गन्ना विकास विभाग, औद्योगिक विकास विभाग सहित सड़क निर्माण से जुड़े सभी विभाग इस संबंध में व्यापक कार्ययोजना तैयार करें। औद्योगिक क्षेत्रों और कृषि मंडी क्षेत्रों में अच्छी सड़कों का होना आवश्यक है। सभी विभाग मिलकर गड्ढामुक्ति का यह अभियान 15 नवम्बर तक पूरा कर लें।मुख्यमंत्री बोले- गांव हो या शहर, अच्छी सड़क हर प्रदेशवासी का अधिकार
कोई व्यक्ति गांव में रहता हो या फिर मेट्रो सिटी में, अच्छी सड़कें, बेहतर कनेक्टिविटी उसका अधिकार है। ऐसे में सड़क सिंगल लेन की हो अथवा दो, चार या छह लेन की, उसकी गुणवत्ता अच्छी होनी चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाए कि सड़क निर्माण की परियोजनाएं समय पर पूरी हों। समय-समय पर इनके गुणवत्ता की जांच की जाए। लापरवाही अथवा अधोमानक सड़कों के मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ जवाब देही तय की जाए।
बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को देखने जाएंगे 1500 डेलीगेट्स
2017 से पहले तक मात्र 01 एक्सप्रेस-वे वाले प्रदेश में आज 6 एक्सप्रेस-वे हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग भी 05 वर्ष पहले की तुलना में लगभग दोगुने हो गए हैं। बॉर्डर एरिया में शानदार कनेक्टिविटी है। भविष्य की जरूरत को देखते हुए प्रदेश के विभिन्न राज्य राजमार्गों के चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण की जरूरत है। ऐसे में मार्गों का चिन्हीकरण करते हुए इनके राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में उच्चीकरण व चौड़ीकरण के संबंध में आवश्यक प्रस्ताव तैयार कर भारत सरकार को भेजा जाना चाहिए।
अब एक्सप्रेस-वे पर चलेंगी सरकारी बसें
उत्तर प्रदेश सरकार ने यात्रियों की सुविधा के लिए बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे व पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर भी उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम की बसों के संचालन को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसके अलावा दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे एवं नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे पर भी बसों का संचालन हो सकेगा। परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव एल. वेंकटेश्वर लू ने चार मार्गों की स्वीकृति की अधिसूचना जारी कर दी है।