झांसी के पूंछ इलाके में गुरुवार सुबह ब्रेक लगाने के बाद स्कूल बस से नीचे गिरकर 8 साल की छात्रा तहसीम की मौत हाे गई। अब इस मामले में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। स्कूल बस को अनट्रेंड ड्राइवर चला रहा था। उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस तक नहीं था।
यहां तक वह इतनी तेज गति से बस चलाता था कि बच्चों के परिजन परेशान होकर कई बार शिकायत कर चुके थे। तहसीम के पिता भी दो बार स्कूल जाकर प्रबंधन समिति से शिकायत कर चुके थे। बस में कंडक्टर रखने की भी मांग गई, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने कोई गौर नहीं किया।
4 महीने से स्कूल बस चला रहा था ड्राइवर
पुलिस के अनुसार, पूंछ के विनायक पब्लिक स्कूल प्रबंधन ने जालौन के नरी गांव निवासी भरत लाल राजपूत का स्कूल बस पर ड्राइवर रखा था। वह करीब 4 महीने से स्कूल बस चला रहा था। लेकिन उसके पास लाईसेंस नहीं था।
इसमें स्कूल की बड़ी लापरवाही मानते हुए पुलिस अफसरों ने सख्ती से कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। तहसीम के पिता एहसान की शिकायत पर पूंछ पुलिस ने ड्राइवर भरतलाल राजपूत, स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष, मैनेजर और सचिव आदि के खिलाफ लापरवाही का केस दर्ज किया है।
कम पैसे के ड्राइवर का लालच
इस हादसे के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं। जिम्मेदार अफसरों की अनदेखी के कारण अनट्रेंड ड्राइवर बस चलाता रहा। न तो उसे पुलिस पकड़ पाई और न ही अन्य जिम्मेदार अफसर। बच्ची की मौत के बाद अब सिस्टम पर सवाल खड़े हो रहे हैं। स्कूल खुलते ही अधिकतर स्कूल मालिक कम पैसे वाले अनट्रेंड ड्राइवरों की तलाश में जुट जाते हैं। भरत लाल भी 6 से 7 हजार रुपए महीना सैलरी पाता था।
मां दफनाने नहीं दे रही थी बेटी
तहसीम जालौन के ईंगुई खुर्द गांव की रहने वाली थी। पोस्टमॉर्टम के बाद गुरुवार रात 8 बजे उसका शव घर पर पहुंचा। मां नसीमों दहाड़े मारकर रोने लगी। बार-बार वह बेटी को बोलने के लिए कह रही थी। उसे विश्वास ही नहीं हो रहा था कि उसकी बेटी अब इस दुनिया में नहीं रही। जब परिजन उसे दफनाने के लिए ले जाने लगे तो नसीमों बेटी के शव को नहीं दे रही थी। परिजन बड़ी मुश्किल से उसे समझाकर शव को ले गए। देर रात कब्रिस्तान में तहसीम के शव को सुपुर्द ए खाक कर दिया गया।
बेबस सिस्टम के आगे इकलौती संतान खो चुका है दंपती
तहसीम अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी। वह विनायक पब्लिक स्कूल में दूसरी कक्षा में पढ़ती थी। पिता ने गुरुवार सुबह 7:30 बजे उसे स्कूल बस में बैठाया था। रास्ते में भरतलाल तेज गति में बस चला रहा था। एरच पुल के नीचे उसने मोड़ पर अचानक ब्रेक लगा दिए।
तहसीम दरवाजे के पास कंडेक्टर सीट पर बैठी थी। दरवाजा खुला होने के कारण झटके से वह बाहर फिक गई। बस का पीछे वाला पहिया उसके ऊपर से निकल गया। इससे उसकी मौत हो गई। हादसे के बाद ड्राइवर भरतलाल फरार है। पुलिस ने स्कूल मालिक धर्मेंद्र सोनी को हिरासत में लिया है।