आगरा की ऐतिहासिक रामलीला में बुधवार को दशहरा पर रावण वध की लीला का मंचन किया गया। श्रीराम द्वारा जैसे ही रावण का वध किया गया, वैसे ही रावण का 110 फुट ऊंचा पुतला जल उठा। पुतला दहन देखने के लिए रामलीला मैदान खचाखच भरा था। इससे पहले आतिशबाजी का मुकाबला हुआ। रावण की नाभि में तीर लगते ही हुआ धराशाही रामलीला मैदान में बुधवार रात को रावण दहन देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। मैदान खचाखच भरा था। रात आठ बजे से रामलीला का मंचन शुरू हुआ। रात 11 बजे राम और रावण के बीच युद्ध होता है। राम जैसे ही रावण की नाभि में तीर मारते हैं, वैसे ही रावण गिर पड़ता है। नाभि का अमृत सूखने पर रावण धराशायी हो जाता है। इसके बाद बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक में रावण का पुतला जलने लगता है। पूरे मैदान जय श्रीराम के नारे से गूंज उठता है। आतिशबाजी का हुआ मुकाबला रावण दहन से पहले रामलीला मैदान में आगरा और ग्वालियर के आतिशबाजों के बीच आतिशबाजी का मुकाबला हुआ। करीब पौने घंटे तक दोनों आतिशबाजी से आसमान सतरंगी रोशनी से जगमग रहा। ग्वालियर के आतिशबाज को विजयी घोषित किया गया। रामलीला मैदान के अलावा आगरा कैंट रेलवे संस्थान और वैश्य बोर्डिंग हाउस सेंट जोंस चौराहे पर भी रावण का पुतला दहन किया गया।
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yhfee@chitthi.in, 10 June 2023