झांसी में पॉलिटेक्निक गैंगरेप केस में सभी 8 दोषियों को अंतिम सांस तक जेल की सजा मिली है। कोर्ट के इस फैसले से पीड़िता खुश है। उसके पिता कहते हैं जघन्य घटना के बाद बेटी आज भी गुमशुम रहती है। जब उसे शाम को कोर्ट के फैसले के बारे में बताया तो वह खुश हो गई और पूछने लगी कि अब वे दोषी हमें कुछ कर तो नहीं देंगे। मैंने हमेशा की तरह उसका साहस बढ़ाया। हमें उन लोगों से अब भी खतरा है। इसलिए हमने पहले से ही पुलिस सुरक्षा ले ली थी।उन्होंने कहा कि मैंने अपनी बेटी के लिए कफन बांधकर लड़ाई लड़ी है। आज बेटी और मेरे पूरे परिवार को कोर्ट से न्याय मिल गया।अब भी गुमशुम रहती है पीड़ितापिता कहते हैं ऐसी घटना किसी बेटी के साथ न हो। जब से घटना हुई बेटी का बर्ताव बदल गया। वह गुमशुम रहती है। मैं उसकी मां आवाज लगाते रहते हैं लेकिन वो सोच में पड़ी रहती है। काफी देर बाद अचानक चौंकते हुए जबाव देती है। अब भी कोई अपरिचित व्यक्ति मिलने के लिए आ जाता है तो वो सहम जाती है। इसलिए मैंने घर पर सबसे मिलना बंद कर रखा है। हालत ये बने कि हमने बेटी को मनो चिकित्सक तक को दिखाया।एग्जाम भी परिजनों के साथ देने गईपिता बताते हैं जिस दिन 11 अक्टूबर 2020 से घटना हुई है बेटी ने घर से बाहर निकलना छोड़ दिया। वह अभी तक सदमें से बाहर नहीं निकल पाई है। यहां तक वह अपने कॉलेज भी नहीं जाती।ऑनलाइन पढ़ाई की। एग्जाम दिलाने के लिए घर का कोई सदस्य उसके साथ कॉलेज जाता है। मैंने अपनी बेटी के लिए कफन बांधकर लड़ाई लड़ी है। आज बेटी और मेरे पूरे परिवार को कोर्ट से न्याय मिल गया है।विशेष लोक अभियोजक विजय कुशवाहा बताते हैं IPC की धारा 376 D गैंगरेप कहती है कि एक व्यक्ति घटना को कारित कर रहा हो और इसमें शामिल लोग खड़े हो या अपनी बारी का इंतजार कर रहे हो तो सभी को बराबर का दोषी माना जाएगा। इस केस में भी ऐसा ही हुआ। रोहित कुमार सैनी ने रेप किया। बाकी आरोपियों ने मारपीट कर प्राइवेट पार्ट से छेड़छाड़ की। सभी घटनास्थल पर मौजूद थे। SI के आने पर भागे। इसलिए सभी को बराबर की सजा हुई है।ये 5 बड़े सबूत जिससे दोष सिद्ध हुआपीड़िता की गवाही कोर्ट में सभी आरोपियों के खिलाफ गवाही दी। किसने क्या घटना कारित की उसका उल्लेख किया।DNA रिपोर्ट पीड़िता के स्वैब सैंपल और रेप करने वाले दोषी का खून DNA जांच के लिए भेजा गया। DNA मैच होना रेप का बहुत बड़ा सबूत है।क्लासमेट की गवाही पीड़िता से पहले उसके कोचिंग में पढ़ने वाले लड़के को आरोपियों ने पकड़ रखा था। उसे और पीड़िता को पीटा गया। लड़के के सामने पूरी घटना हुई। उसी ने कॉलेज के प्रवेश फार्म में लगी फोटो देखकर 8 आरोपियों की पहचान की थी। उसकी गवाही बड़ा साक्ष्य माना गया।SI विक्रांत गैंगरेप की घटना के दौरान आवाज सुनकर मौके पर पहुंचे थे। तभी आरोपी भाग गए थे। कोर्ट में गवाही महत्वपूर्ण मानी गई।पैसों का ट्रांसजेक्शन दोषियों ने पीड़िता की जेब से एक हजार रुपए छीने। फिर उसे तपन साइबर कैफे पर ले गए। पीड़िता ने ऑनलाइन रुपए ट्रांसफर किए। दुकानदार ने कैश पीड़िता को दिया तो आरोपियों ने ले लिए। ट्रांसजेक्शन के सबूत पेश हुए। जो बड़ा साक्ष्य माना गया।घर से ट्यूशन पढ़ने जा रही थी पीड़िताघटना 11 अक्टूबर 2020 की है। तब पीड़िता 16 साल की थी। वह घर से ट्यूशन पढ़ने जा रही थी। सुबह करीब 10 बजे राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज की मैन सड़क पर 5 लड़कों ने रोक लिया। मारते हुए पीड़िता को पकड़कर पॉलिटेक्निक कॉलेज के बॉयज हॉस्टल में ले गए। वहां पीड़िता के दोस्त को पहले से पकड़ रखा था। झाड़ियों में दोस्त से पीड़िता का पेंट उतरवाकर वीडियो व फोटो बनाए।विरोध करने पर संजय कुशवाहा ने उसे बेल्ट से पीटा। रोहित, संजय, भरत और मोनू गाली गलौच कर जान से मारने की धमकी देते हुए हॉस्टल की लंबी झाड़ियों के पीछे ले गए। वीडियो रिकॉर्ड होते समय सभी 8 आरोपी रोहित, विपिन, संजय, भरत, मोनू, शैलेंद्र, मयंक और धर्मेंद्र मौजूद थे। सभी से गंदे इशारे कर रहे थे।
रेप एक ने किया, सजा सबको बराबर इसलिए…