धार्मिक आयोजनों की एक गरिमा होती है , शुचिता होती है , इन सब को परे रखकर जब कोई इन आयोजनों में सलाम ए इश्क मेरी जान जैसे फिल्मी गानों पर ठुमके लगवाता है तो निश्चित ही ये धर्मानुरागी लोगों को चुभता है , चुभन तब और बढ़ जाती है जब ये सब करने वाला उस संगठन से ताल्लुक रखता हो जो धर्म ध्वजा को ताने रखने का दम्भ भरता हो , धर्म के नाम पर ही सत्ता पा रहा हो ।
मामला हरदोई जिले के सण्डीला कस्बे का है जहां बीती रात रामलीला का मंचन हो रहा था , मंच पर जहां श्रीराम जैसे मर्यादा पुरुषोत्तम के चरित्र और उनकी कथा का वर्णन होना चाहिए था वहां सारी मर्यादाओं को ताक पर रख कर सलाम ए इश्क मेरी जान के स्वरों पर ठुमके लगवाए जा रहे थे ।
रामलीला के आयोजक थे उस रामलीला समिति के अध्यक्ष बीजेपी के मण्डल उपाध्यक्ष रहे आजीवन निधि प्रकोष्ठ के सहसंयोजक और आने वाले नगरपालिका चुनाव में बीजेपी से ही टिकट मांग रहे सभासद अभय गुप्ता । ये वही रामलीला समिति है जिसके अध्यक्ष कभी पद्मश्री वचनेश त्रिपाठी और जनसंघ के विधायक काशीनाथ मेहरोत्रा रहे थे । इतना भारीभरकम जिस समिति और जिस व्यक्ति का परिचय हो उससे समाज शुचिता और गरिमा बनाये रखने की उम्मीद करता है पर नेता जी ने रामलीला के मंच पर ठुमके लगवाकर बीजेपी के दम्भ को चुनौती सी दे दी है । इस पूरे घटनाक्रम के वीडियो वायरल होने के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म है और सियासी हलकों में भी चटखारे लिए जा रहे हैं ।