कीव। रूस पड़ोसी देश यूक्रेन के उन हिस्सों को औपचारिक रूप से अपने क्षेत्र में मिलाना चाहता है जहां उसका सैन्य नियंत्रण है। खबरों के अनुसार इन इलाकों में जनमत संग्रह में मॉस्को के शासन का समर्थन किया गया है। हालांकि जनमत संग्रह की व्यापक रूप से आलोचना हुई है और रूस पर अपने पड़ोसी देश पर हमले को लेकर अंतरराष्ट्रीय दबाव बना हुआ है। दक्षिण और पूर्वी यूक्रेन के रूस के कब्जे वाले चारों क्षेत्रों के मॉस्को समर्थक प्रशासन ने मंगलवार रात कहा कि उनके नागरिकों ने रूस द्वारा पांच दिन तक कराये गये जनमत संग्रह में रूस में शामिल होने के लिए मतदान किया है।
रूस के निर्वाचन अधिकारियों के अनुसार जापोरिज्जिया में 93 प्रतिशत मतदान विलय के समर्थन में हुआ वहीं खेरसॉन में 87 प्रतिशत लुहांस्क में 98 प्रतिशत और दोनेत्स्क में 99 प्रतिशत लोगों ने इन हिस्सों के रूस में विलय का समर्थन किया। इन कब्जे वाले क्षेत्रों में रूसी अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि वे राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से इन इलाकों को रूस में मिलाने को कहेंगे। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि प्रशासनिक प्रक्रिया किस दिशा में बढ़ेगी। हालांकि पश्चिमी देशों ने जनमत संग्रह को खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि यूक्रेन पर 24 फरवरी को शुरू हुए रूस के हमले को वैधता प्रदान करने की कोशिश में मॉस्को यह निरर्थक कवायद कर रहा है। यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसफ बोरेल ने बुधवार को जनमत संग्रह को अवैध करार दिया। कीव में यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने जनमत संग्रह पर निशाना साधते हुए इसे दुष्प्रचार का नाटक करार दिया।
आलोचनाओं के बीच क्रेमलिन पर कोई असर पड़ता नहीं दिखा। बहरहाल उसके प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने कहा कि रूस बहुत कम समय के भीतर पूर्वी दोनेत्स्क क्षेत्र से यूक्रेन के बलों को बाहर करना चाहता है जहां मॉस्को के सैनिकों और अलगाववादी तत्वों ने क्षेत्र के करीब 60 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा जमा रखा है।
यूरोपीय संघ (ईयू) ने रूस से जर्मनी के बीच दो भूमिगत प्राकृतिक गैस पाइपलाइन को मंगलवार को नुकसान पहुंचने की खबरों पर भी नाराजगी प्रकट की और यूरोप के ऊर्जा नेटवर्क पर किसी भी तरह के हमले की स्थिति में प्रतिरोधी कार्रवाई की चेतावनी दी। यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेप बोरेल ने बुधवार को कहा कि समस्त उपलब्ध सूचनाएं इस ओर इशारा करती हैं कि तेल रिसाव जानबूझकर की गयी गड़बड़ी का परिणाम है हालांकि अभी तक इसे अंजाम देने वालों की पहचान नहीं हुई है।