हाल ही में अमेरिका यात्रा के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और बिलावल भुट्टो ने अपने पड़ोसी देश तालिबान पर टिप्पणी की थी। अब तालिबान सरकार ने पाकिस्तान पर निशाना साझते हुए जवाब दिया है। पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें सत्र में अफगानिस्तान में आतंकवादी समूहों की मौजूदगी का दावा किया था। इस पर अफगानिस्तान के राजनीतिक मामलों के उप विदेश मंत्री शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई ने पाकिस्तान से अफगानिस्तान के आंतरिक मुद्दों में हस्तक्षेप बंद करने का आह्वान किया। उन्होंने चेतावनी दी है कि अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप ना करें पाकिस्तान।
अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों में दखल देना बंद करे पाकिस्तान
अफगानिस्तान में आतंकवादी समूहों की उपस्थिति का दावा करने वाले पाकिस्तानी प्रधान मंत्री शाहबाज शरीफ की टिप्पणी का जिक्र करते हुए स्टेनकजई ने कहा कि इस्लामिक अमीरात दावों से इनकार करता है और निंदा करता है और किसी को भी अफगानिस्तान के प्रति इस तरह के बयान देने की अनुमति नहीं देगा।
तालिबान ने पाकिस्तान को दी चेतावनी
उन्होंने कहा हमने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के बयान की कड़ी निंदा की। हम किसी को भी इस्लामिक अमीरात के खिलाफ बोलने की इजाजत नहीं देते। अगर पाकिस्तान को आर्थिक समस्या है और उसे इंटरनेशनल मॉनिटरिंग फंडिंग की काली सूची में डाल दिया जाता है तो कोई भी उन्हें पैसे देने के लिए कॉल नहीं करता है। यदि आपको (पाकिस्तान) ऋण नहीं दिया जाता है तो यह आपकी समस्या है -किसी भी तरह से अपना रास्ता खोजें लेकिन अफगानिस्तान के लोगों की गरिमा के बारे में बात न करें और केवल कुछ पैसे कमाने के लिए अफगानिस्तान को बदनाम न करें।
स्टेनकजई ने अफगान हवाई क्षेत्र में ड्रोन गतिविधि की आलोचना करते हुए कहा कि इस बात के सबूत हैं कि ये ड्रोन कहां स्थित हैं। उन्होंने अमेरिका पर दोहा समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। स्टेनकजई ने कहा कि सरकार समावेशी है और किसी को भी अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है।