अखिलेश फिर बने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कहा- पद नहीं जिम्मेदारी है

अखिलेश फिर बने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कहा- पद नहीं जिम्मेदारी है

अखिलेश यादव को एक बार फिर सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है। लखनऊ के रमाबाई मैदान में सपा अधिवेशन के दूसरे दिन उन्हें सर्वसम्मति से चुना गया। राम गोपाल यादव ने कहा अखिलेश के खिलाफ एक भी नामांकन नहीं आया था। एक दिन पहले नरेश उत्तम को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था।


इससे पहले भी अखिलेश 2 बार सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जा चुके हैं। अब ये तय है कि 2024 लोकसभा चुनाव की कमान अखिलेश के हाथ में रहने वाली है। उनके नाम की घोषणा के साथ ही सपा के पदाधिकारी मंच पर आ गए। उनके सिर पर मुकुट और हाथ में तलवार दी गई।


5 साल में सपा होगी राष्ट्रीय पार्टी

अखिलेश ने कहा आज आपने मुझे जिम्मेदारी सौंपी है। मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि मैं दिन-रात काम करुंगा। आज हमें संकल्प लेना होगा कि आने वाले 5 साल में हम सपा के साथ इतिहास बनाएंगे। नेताजी चाहते थे कि सपा राष्ट्रीय पार्टी बने। आज हमारे पास 5 साल का मौका है। दोबारा जब हम मिलेंगे तो सपा राष्ट्रीय पार्टी होगी।


बीजेपी के पास इंटरनेट वाला नशा है

उन्होंने कहा बीजेपी सबसे बड़ी झूठ का प्रोपेगेंडा फैलाने वाली पार्टी है। बीजेपी के पास इंटरनेट वाला नशा है। हमारे अपने बनकर वो सोशल मीडिया पर नशा देते हैं। सोशल मीडिया पर सपा पर हमले हो रहे हैं। आज देश के संविधान और लोकतंत्र को खतरा है। हिटलर अपने जमाने में एक शख्स प्रोपेगेंडा मिनिस्टर होता था। बीजेपी में सभी मंत्री प्रोपेगेंडा मिनिस्टर हैं।


देखो राशन फ्री हो गया कहीं चुनाव आया है क्या

जब चुनाव आता है तो राशन फ्री हो जाता है। एक बार फिर राशन फ्री किया है। देख लो कहीं चुनाव तो नहीं आ गया। अखिलेश ने क्योंकि मैं झूठ नहीं बोलता मूवी के सहारे योगी सरकार पर तंज कसा। बोले- जिस दिन बीजेपी का सच सबके सामने आए वो मुंह नहीं दिखा पाएंगे।

नोट बंदी के वक्त पैदा हुए बच्चे (खजांची) को याद किया। सबसे ज्यादा गुजरात के व्यापारी के साथ यूपी में भेदभाव किया जा रहा है। उन्होंने पूछा कि क्या गुजरात के व्यापारियों के बैंक कर्ज माफी हुए? आने वाले वक्त में भाजपा को कोई नहीं पूछेगा।


कितने अग्निवीरों को नौकरी दी ये किसी ने नहीं बताया

12 जिलों में अग्निवीरों की भर्ती चल रही थी। 1.13 लाख की भर्ती में शामिल की खबर आई। लेकिन कितनों को नौकरी दी ये किसी ने नहीं बताया। GST के नाम पर व्यापारियों को सिर्फ ठगा गया। बीजेपी प्लान करके कुछ चुनिंदा लोगों को परेशान कर रही है। आजम खान के ऊपर अन्याय चल रहा है। इतिहास के किसी के ऊपर इतने झूठे मुकदमे लगाए गए हो।


अधिकारियों को सपा नेताओं को परेशान करने की शर्त पर देते हैं पोस्टिंग

अधिकारियों को रामपुर से बोलकर भेजा जा रहा है कि अच्छी पोस्टिंग तभी मिलेगी जब मुकदमे लगाओगे। अपना बूथ सबसे मजबूत बनाना है। पूरे देश की राजनीति को दिशा देगा उत्तर प्रदेश। देखिएगा कि इस बार बीजेपी वाले क्या धोखा लेकर आएंगे। पिछड़े और दलितों की बीजेपी सरकार में सबसे ज्यादा उपेक्षा है। सपा को आंदोलन करके लोकतंत्र बचाना है। हमें जेल भरना पड़ा तो सपा पीछे नहीं है। ये राशन फ्री करने वाले लोग गरीबों को स्ट्रैचर तक नहीं दे पा रहे हैं।


अखिलेश की पॉलिटिक्स में लॉन्चिंग कैसे हुई

2007 में सोशल इंजीनियरिंग फार्मूले के साथ आए अखिलेश


मुलायम के नेतृत्व में 2003 में सपा की सरकार बनी। इसी दौर में मुलायम ने साल 2000 में फौरन ही विवाह बंधन में बंधे इंजीनियर बेटे अखिलेश को कन्नौज लोकसभा सीट से राजनीति में प्रवेश कराया। राजनीति करवट बदल रही थी। मुलायम से सत्ता छिनी और राज्य में 2007 में मायावती की सरकार बन गयी। साल 2012 के चुनाव आते सपा ने उम्मीद की साइकिल का नारा दिया और बाजी पलट दी।


सपा को पूर्ण बहुमत मिला। मुलायम ने सत्ता की कमान अखिलेश के हाथ दे दी। अखिलेश ने राजनीति में पिता के कदम से कदम मिलाकर चलने वाले नेताओं के अनुभव से सरकार चलायी। मगर पांच साल बाद अखिलेश सत्ता नहीं बचा सके। भविष्य की राजनीति को अखिलेश ने बसपा प्रमुख मायावती से हाथ मिलाया। मगर डगर सफल नहीं हुई। आज पिता मुलायम नेपथ्य में हैं। अखिलेश नये दौर में नये तरीके से नई हवा है नई सपा है बड़ों का हाथ युवाओं का साथ नारे संग राजनीति में खुद फैसले ले रहे हैं।


एक जनवरी 2017 को विशेष अधिवेशन में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने अखिलेश उसी साल 5 अक्टूबर को आगरा में हुए राष्ट्रीय अधिवेशन में विधिवत अध्यक्ष चुने गए।


अखिलेश यादव को जानिए


अखिलेश का बचपन का नाम टीपू है।

इटावा के सेंट मैरी स्कूल स्कूल में शुरुआती पढ़ाई हुई।

1982 में सिंधिया स्कूल ने अखिलेश का एडमिशन नहीं लिया।

फिर वह राजस्थान के धौलपुर स्थित सैनिक स्कूल में चले गए।

मैसूर यूनि‍वर्सि‍टी से पर्यावरण प्रौद्योगिकी में ग्रेजुएशन कि‍या।

ऑस्ट्रेलिया के सिडनी यूनि‍वर्सि‍टी से पोस्ट ग्रेजुएशन।

अखिलेश की शादी 24 नवंबर 1999 को डिंपल के साथ हुई थी।

मुलायम सिंह यादव ने साल 2000 में इस्तीफा देकर कन्नौज सीट अखिलेश को सौंप दी थी।

उप चुनाव में भी अखिलेश ने कन्नौज सीट से जीत दर्ज की।

अखि‍लेश यादव साल 2000 2004 2009 में तीन बार सांसद रहे।

उन्हें 2012 में मुलायम सिंह यादव ने प्रदेश का मुख्‍यमंत्री बनाया था।

अखिलेश बोले- बीजेपी को सिर्फ सपा हरा सकती है

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