अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने आई लीग क्लबों को मैच वाले दिन के लिए एक एशियाई सहित छह विदेशी खिलाड़ियों को टीम में रखने की अनुमति दे दी है लेकिन 29 अक्टूबर से शुरू होने वाले इस सत्र में भी क्लब अंतिम एकादश में केवल चार खिलाड़ियों (मौजूदा 3+1 नियम के अनुरूप) को ही रख पाएंगे। पिछले सत्र में आई लीग क्लबों को छह विदेशी खिलाड़ियों को पंजीकृत करने की अनुमति दी गई थी लेकिन एक एशियाई खिलाड़ी सहित केवल चार खिलाड़ियों को ही मैच में भाग लेने की अनुमति मिली थी।
भारत के मुख्य कोच इगोर स्टिमैक घरेलू लीग में अधिक विदेशी खिलाड़ियों को रखने के पक्षधर नहीं हैं क्योंकि उनका मानना है कि इससे भारतीय खिलाड़ियों को कम मौके मिलेंगे। एआईएफएफ ने लीग समिति की बैठक के बाद जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा लीग समिति ने मैच के लिए टीम में विदेशी खिलाड़ियों की संख्या बढ़ाकर छह (पांच खिलाड़ी विश्व के किसी भी भाग से जबकि एक खिलाड़ी एशिया से) कर दी है। विज्ञप्ति में कहा गया है लेकिन इन छह खिलाड़ियों में से केवल चार खिलाड़ियों को ही अंतिम एकादश में रखा जा सकता है। इन खिलाड़ियों में तीन विश्व के किसी भी भाग से जबकि एक एशियाई खिलाड़ी शामिल होगा।
इसके अनुसार किसी विदेशी खिलाड़ी के स्थानापन्न के रूप में अन्य विदेशी खिलाड़ी या भारतीय खिलाड़ी मैदान पर उतर सकता है। इसी तरह से किसी एशियाई खिलाड़ी के स्थानापन्न के रूप में कोई एशियाई खिलाड़ी या भारतीय खिलाड़ी उतर सकता है। बैठक की अध्यक्षता लीग समिति के नवनिर्वाचित प्रमुख लालनघिंग्लोवा हमर ने की जो कार्यकारी समिति के सदस्य भी हैं। बैठक में महासचिव शाजी प्रभाकरन और उप महासचिव सुनंदो धर ने भी हिस्सा लिया।