शिव की नगरी काशी में शक्ति की जय-जय

शिव की नगरी काशी में शक्ति की जय-जय

शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ आज से हो गया है। बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में आज चौतरफा जय जगदंबे और जय माता दी की गूंज सुनाई दे रही है। काशी में आज अलईपुरा स्थित शैलपुत्री देवी के मंदिर और दुर्गाकुंड मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी हुई है।


पौराणिक मान्यता के अनुसार नवरात्रि के प्रथम दिन नौ देवियों में से मां शैलपुत्री के दर्शन-पूजन का विधान है। दुर्गा सप्तशती के अनुसार मां भगवती की पूजा-अर्चना से सुख और सौभाग्य में बढ़ोतरी होती है। नवरात्रि में मां दुर्गा काली लक्ष्मी और सरस्वती की आराधना विशेष फलदायी मानी जाती है।


हाथी पर सवार होकर आई हैं देवी दुर्गा


काशी के ज्योतिषाचार्य आचार्य पं. दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री ने बताया कि आज घट स्‍थापना के लिए आज दिन भर का समय बहुत शुभ है। शुक्ल और ब्रह्म योग का अद्भुत संयोग बन रहा है। इसे पूजा-पाठ और अच्छे काम के लिए बहुत शुभ माना गया है। इस साल अश्विन मास की नवरात्रि में मां दुर्गा गज यानी हाथी पर सवार होकर आई हैं।


मां दुर्गा की हाथी की सवारी को शुभ माना जाता है। यह बच्छी बारिश का भी सूचक है। मां दुर्गा की हाथी की सवारी को अच्छी खेती और फसलों की बेहतर पैदावार के लिए भी शुभ माना जाता है। इससे धन-धान्‍य के भंडार भरे रहते हैं।

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