PFI का प्रचारक शफीक पाएथ गल्फ कंट्री से मुस्लिमों पर अत्याचार की कहानी सुनाकर फंड लाया

PFI का प्रचारक शफीक पाएथ गल्फ कंट्री से मुस्लिमों पर अत्याचार की कहानी सुनाकर फंड लाया

शफीक पाएथ पीएफआई का प्रचारक था। लखन-दिल्ली से लेकर नेपाल बॉर्डर के इलाके तक पीएफआई का नेटवर्क फैलाया था। रिमांड पर शफीक पाएथ से ईडी की पूछताछ में गल्फ कंट्री से फंडिंग के सबूत मिले हैं। शफीक का काम करने का तरीका जेहादी था। गल्फ कंट्री में अपने साथियों को भारत में मुस्लिमों पर जुल्म की झूठी कहानियां सुनाकर जकात के नाम पर भारी रकम बटोरी।


फिर इसका इस्तेमाल पीएफआई भारत में कट्‌टरता का पाठ पढ़ाने में होता था। टारगेट पर होते थे छोटे काम-धंधे पर लगे लोग। उन्हें एजुकेशन और इलाज के नाम पर दी जाने वाली मदद से धर्मांतरण को बढ़ावा दिया जा रहा था। यहां आपको बता दें कि शफीक पाएथ को केरल के कोझिकोड से गिरफ्तार किया था।


फंडिंग कई बैंक खातों में हो रही थी ट्रांसफर


ईडी की पूछताछ विदेशी फंडिंग पर शुरू हुई थी। शफीक के मुताबिक वो बतौर प्रचारक देश और विदेशों में लोगों को इस संगठन से जोड़ने के लिए भूमिका अदा कर रहा था। फिर उन्हें फंड मुहैया करता था। ईडी के सूत्रों के मुताबिक शफीक गल्फ तेजस डेली अखबार के जरिए लोगों में नफरत फैलाने का काम करता था।


गल्फ तेजस डेली केरल से प्रकाशित होने वाले तेजस अखबार का हिस्सा है। इसी अखबार के आई कार्ड पर सिद्दीक कप्पन हाथरस कांड की कवरेज करने पहुंचा था। 2018 में इस पर बैन लगने के बाद उसने सोशल मीडिया का सहारा लिया। करीब 250 वॉट्सऐप ग्रुप बनाकर पीएफआई का प्रचार करना शुरू कर दिया। जांच में सामने आया है कि खाड़ी देशों से भेजी गई रकम से ही हाथरस कांड के बाद यूपी में माहौल बिगाड़ने की साजिश हुई थी।


रिहैब इंडिया फाउंडेशन से आई रकम का इस्तेमाल कर रहा था शफीक


शफीक के मोबाइल को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। इसके इनपुट आने अभी बाकी हैं। पीएफआई के लिए फंड जुटाने वाला रिहैब इंडिया फाउंडेशन ने शफीक को पैसा मुहैया करा रहा था। जिसको शफीक देश में लोगों की मदद के नाम पर संगठन से जोड़ने के लिए कर रहा था। उसने नई दिल्ली लखनऊ से सटे इलाके और भारत- नेपाल सीमा के इलाकों में पीएफआई ने तेजी से अपनी पैठ बनाई है।


धार्मिक संस्थानों में लगा है पीएफआई का पैसा

सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक रिहैब इंडिया फाउंडेशन के जरिए आया पैसा धार्मिक संस्थानों में लगाया जा रहा है। जहां पर धर्म के नाम पर जिहाद का संदेश दिया जाता है। वहीं इन रुपयों से जरूरतमंद को लालच देकर धर्मांतरण और लव जिहाद कराई जा रही है।


अबूधाबी के दरबार रेस्तरां होती है टेरर फंडिंग

एनआईए के सूत्रों के मुताबिक ईडी की जांच से खुलासा हुआ है कि शफीक के अखबार का निदेशक ने उसको विदेश से आने वाला पैसा दिया। जांच में यह भी बात सामने आई कि पिछले दिनों पीएफआई के गिरफ्तार सदस्य दरबार रेस्तरां से हवाला के जरिए फंड लेते थे। गिरफ्तार अब्दुल रजाक बीपी ने इसका खुलासा किया। जो तेजस अखबार से जुड़ा है। उसका भाई ही अबूधाबी में दरबार रेस्तरां चलाता है।


PFI और SDPI से जुड़ा शफीक पाएथ कतर से देश विरोधी गतिविधियों के आजकल फंडिंग कर रहा था। ईडी के हाथ लगने के बाद उसे अदालत ने दस दिन की रिमांड पर भेजा है। ईडी के अधिकारी लखनऊ अशोक मार्ग स्थित जोनल कार्यालय में उससे पूछताछ कर रहे हैं। उसकी रिमांड तीन अक्टूबर को खत्म होगी।

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