बीसीसीआई ने झूलन गोस्वामी के संन्यास पर कहा एक युग का अंत हो गया

बीसीसीआई ने झूलन गोस्वामी के संन्यास पर कहा एक युग का अंत हो गया

भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने झूलन गोस्वामी के दो दशक तक चले लंबे अंतरराष्ट्रीय करियर को यादगार करार देते हुए रविवार को कहा कि महिला क्रिकेट की सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में से एक के संन्यास के साथ ही एक युग का अंत हो गया। झूलन (39 वर्ष) ने इंग्लैंड के खिलाफ एकदिवसीय श्रृंखला समाप्त होने के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। भारतीय टीम ने इस श्रृंखला में क्लीनस्वीप करके इस दिग्गज तेज गेंदबाज को शानदार विदाई दी। झूलन ने 2002 में भारत की तरफ से पदार्पण किया था।


उन्होंने अपने करियर में 12 टेस्ट 204 एकदिवसीय और 68 टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच खेले। इन सभी में मिलकर उन्होंने 355 विकेट लिए। बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने यहां जारी विज्ञप्ति में कहा झूलन के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा करने के साथ ही एक युग का अंत हो गया। उन्होंने बहुत गर्व के साथ भारत का प्रतिनिधित्व किया और हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। उन्होंने पूरी उत्कृष्टता के साथ भारतीय क्रिकेट की सेवा की।


उन्होंने कहा वह भारतीय गेंदबाजी आक्रमण के अगुआ थी और उनकी उपलब्धियां वर्तमान और भावी क्रिकेटरों को प्रेरित करती रहेंगी। खेल में उनका योगदान यादगार रहा। मैदान पर जहां उनकी प्रेरणादायी उपस्थिति की कमी खलेगी वहीं उनकी उपलब्धियां भावी क्रिकेटरों को प्रेरित करती रहेंगी। झूलन ने अपने करियर में पांच वनडे विश्वकप (2005 2009 2013 2017 और 2022) में भाग लिया तथा वह महिला विश्व कप में सर्वाधिक विकेट लेने वाली गेंदबाज हैं।


वह महिला क्रिकेट में 250 से अधिक वनडे विकेट लेने वाली एकमात्र तेज गेंदबाज हैं। बीसीसीआई सचिव जय शाह ने कहा झूलन गोस्वामी इस खेल को खेलने वाली सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में से एक हैं। उन्होंने अपने बेजोड़ गेंदबाजी कौशल से कई वर्षों तक भारतीय गेंदबाजी आक्रमण की अगुवाई की तथा उनकी उपलब्धियां देश की तरफ से शीर्ष स्तर पर खेलने की इच्छा रखने वाली क्रिकेटरों के लिए मानदंड बनी रहेंगी। मैं उन्हें जिंदगी की नई पारी के लिए शुभकामनाएं देता हूं।


बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने भी अपने विदाई मैच में 30 रन देकर दो विकेट लेने वाली झूलन के क्रिकेट में योगदान को याद किया। धूमल ने कहा भारत में महिला क्रिकेट को आगे बढ़ाने में झूलन और मिताली राज का अहम योगदान रहा। झूलन कभी अतिरिक्त प्रयास करने से पीछे नहीं हटी चाहे वह मैदान पर प्रदर्शन हो या फिर उत्कृष्टता हासिल करने के लिए की गई तैयारियां। उनकी शानदार उपलब्धियां और हमारे खेल में बेजोड़ योगदान उनकी साथियों और भावी क्रिकेटरों को प्रेरित करती रहेंगी।

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