उम्मीद है कि भारत और दुनिया में महिला क्रिकेट के विकास में योगदान करने में सफल रही हूं: झूलन

उम्मीद है कि भारत और दुनिया में महिला क्रिकेट के विकास में योगदान करने में सफल रही हूं: झूलन

दो दशक लंबे अंतरराष्ट्रीय करियर के बाद क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने वाली महान तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी ने रविवार को उम्मीद जतायी कि वह भारत और दुनिया में अगली पीढ़ी की खिलाड़ियों को इस खूबसूरत खेल को खेलने के लिये प्रेरित करने में सफल रहीं हैं। झूलन (39 वर्ष) ने शनिवार को अपने करियर का समापन स्वप्निल तरीके से किया जिसमें भारतीय महिला टीम ने लार्ड्स पर तीसरे और अंतिम वनडे में इंग्लैंड को 16 रन से हराकर इंग्लैंड की सरजमीं पर पहली बार श्रृंखला क्लीन स्वीप की।


झूलन ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट किये विदाई संदेश में लिखा बतौर क्रिकेटर मैं हमेशा ईमानदार रही हूं और उम्मीद करती हूं कि मैं भारत और दुनिया में महिला क्रिकेट के विकास में योगदान करने में कामयाब रही हूं। मुझे उम्मीद है कि मैं अगली पीढ़ी की महिलाओं को इस खूबसूरत खेल को खेलने के लिये प्रेरित करने में सफल रही हूं। उन्होंने लिखा जिस तरह से हर यात्रा का अंत होता है 20 साल से ज्यादा वर्षों की मेरी क्रिकेट यात्रा भी आज मेरे क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा के साथ खत्म हो गयी। 


झूलन ने अपना क्रिकेट करियर 2002 में शुरू किया था और उन्होंने अपने करियर का अंत महिला क्रिकेट की सर्वाधिक विकेट चटकने वाली गेंदबाज के तौर पर किया। उन्होंने 12 टेस्ट में 44 विकेट 204 वनडे में 255 विकेट और 68 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 56 विकेट हासिल किये। उन्होंने कहा मेरे लिये यह यात्रा काफी संतोषजनक रही है। यह काफी उत्साहजनक और रोमांच से भरपूर रही है। मुझे दो दशक तक भारतीय जर्सी पहनने और अपनी सर्वश्रेष्ठ काबिलियत से देश की सेवा करने का सम्मान मिला।


मैच से पहले जब भी राष्ट्रगान सुनती तो हर बार गर्व महसूस होता झूलन ने लिखा मैंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर के तौर पर अपने जीवन के 20 वर्षों में टीम की अपनी साथी खिलाड़ियों के साथ और मैदान के बाहर प्रत्येक पल का आनंद लिया। मैंने क्रिकेट को हमेशा प्यार किया है और अब जब पेशेवर खिलाड़ी के तौर पर संन्यास ले रही हूं तो मैं तुमसे (क्रिकेट) ज्यादा दूर नहीं रहूंगी।

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