12 साल के छात्र का सुसाइड नोट,सबके लिए सबक

12 साल के छात्र का सुसाइड नोट,सबके लिए सबक

नकल करना गलती जरूर हो सकती है। मगर, इतनी बड़ी भी नहीं कि इसके लिए उसे प्रताड़ित किया जाए? पिटाई और बेइज्जत किया जाए अगर ऐसी गलती हो गई है तो क्या उसे दूसरा मौका नहीं दिया जाना चाहिए ऐसे कई सवालों को समझाने और सबको सबक देने के लिए रायबरेली के 7वीं कक्षा के एक छात्र को खुदकुशी करनी पड़ी।

मिल एरिया थाना क्षेत्र के सेंट पीटर्स स्कूल के छात्र यश सिंह मौर्या 12 ने शिक्षिका और प्रधानाचार्य की प्रताड़ना से आहत होकर गुरुवार को पंखे के हुक से दुपट्टे से लटककर जान दे दी। गुरुवार को बायोलॉजी की परीक्षा में शिक्षिका ने उसे नकल करते पकड़ा था। उसने न सिर्फ पिटाई की बल्कि सबके सामने अपमानित भी किया। फिर प्रिंसिपल के पास ले गई। उन्होंने भी उसी तरह अपमानित किया। इससे आहत होकर यश घर पहुंचा। बिना कुछ कहे ऊपर वाले कमरे में चला गया और सुसाइड नोट लिखकर आत्महत्या कर ली।

पिता राजीव मौर्या समेत अन्य घरवालों ने आरोप लगाया कि यश यह सदमा बर्दाश्त नहीं कर सका। सीओ सदर वंदना सिंह ने बताया राजीव की शिकायत पर प्रिंसिपल रजनाई डिसूजा और टीचर मोनिका मागो पर केस दर्ज कर लिया गया है।

बछरावां कोतवाली इलाके के सेहगों गांव निवासी यश सिंह मौर्या 12 जवाहर विहार कॉलोनी में अपने चाचा राजकुमार मौर्या के घर रहकर 5 वर्षों से पढ़ाई कर रहा था। वह कॉलोनी के सेंट पीटर्स स्कूल में क्लास 7 का छात्र था। इस समय स्कूल में अर्धवार्षिक परीक्षाएं चल रही थी।

गुरुवार को बायोलॉजी का पेपर था। परीक्षा देते समय यश को नकल करते विद्यालय की शिक्षिका ने पकड़ा था। आरोप है कि शिक्षिका ने यश को पूरी क्लास के सामने मारा-पीटा और उसकी बेइज्ज्ती की। इसके बाद यश को स्कूल के प्रिंसिपल के पास ले गई। वहां पर भी प्रिंसिपल और शिक्षिका ने यश के साथ पीटा और बेइज्जत भी किया।

इससे आहत होकर यश ने आत्महत्या कर ली। कुछ देर बाद घटना की जानकारी हुई तो घरवालों में कोहराम मच गया। सूचना पर पुलिस पहुंच गई और शव को कब्जे में लिया। घटना पर पिता राजीव मौर्या समेत अन्य घरवालों ने गहरी नाराजगी जताई और प्रधानाचार्य, शिक्षिका के खिलाफ तहरीर दी।

सुसाइड लेटर में लिखा-  मैंने पेपर में चीटिंग की। बायोलॉजी के पेपर में। मैं आज मरने जा रहा हूं। इसके लिए अंकल आंटी  मम्मी पापा को दोष मत देना। गलती करने के बाद किसी को एक मौका जरूर देना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं किया गया। मैं अपनी गलती पर खूब रोया। मैं शर्मिंदा था। मेरे साथियों ने भी शेम शेम बोला। अब मेरा दिमाग मेरे वश में नहीं है। मुझे बुरे ख्याल आ रहे हैं। मम्मी पापा भाई-बहन स्कूल के दोस्तों और टीचर्स सभी को सॉरी।

यश के पिता राजीव मौर्या ने कहा  बेटे को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए खुद से दूर रायबरेली में उसके चाचा के पास रखा था। मुझे क्या पता था कि मेरा बच्चा अध्यापकों की वजह से हमेशा के लिए दूर हो जाएगा। वह सभी का दुलारा था। वह घर में सबसे छोटा था। उसका बड़ा भाई सुयश मौर्य उससे बहुत प्यार करता था। यश की मौत से पूरा परिवार सदमे में है।


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x01mp3rx0z@mailto.plus, 11 December 2022

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