ब्रिटेन में क्या हिंदू समुदाय सुरक्षित नहीं है? क्या दुनिया को सामाजिक ताने-बाने को बनाये रखने का संदेश देने वाला ब्रिटेन खुद अशांति के माहौल का सामना कर रहा है? क्या वाकई ब्रिटेन भी अब तुष्टिकरण की राजनीति करने लगा है? क्या ब्रिटेन में भय के साये में रह रहे हिंदू परिवारों ने वाकई कई दिनों से अपने बच्चे स्कूल नहीं भेजे हैं? क्या दो जगहों से शुरू हुए हिंदुओं के खिलाफ हमले अब पूरे ब्रिटेन में पहुँचाने की तैयारी है? क्या ब्रिटेन में बरसों से रह रहे हिंदू समुदाय के खिलाफ कोई बहुत बड़ी साजिश रची जा रही है? यह सब सवाल उठ खड़े हुए हैं ब्रिटेन में घटी हालिया सांप्रदायिक घटनाओं से। हम आपको बता दें कि लेस्टर की हालिया घटना के बाद अब बर्मिंघम में हिंदू मंदिर के बाहर जिस तरह स्थानीय मुस्लिम समुदाय ने हंगामा किया उसको देखते हुए वहां रह रहे हिंदुओं को अपनी सुरक्षा की चिंता सताने लगी है। इसी को देखते हुए भारत सरकार भी सक्रिय हुई है और विश्व हिंदू परिषद ने भी ब्रिटिश प्रधानमंत्री लिज ट्रस को पत्र लिखा है। पत्र में विश्व हिन्दू परिषद ने वहां हिन्दुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा उन्हें निशाना बनाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। इस बीच भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ब्रिटेन में अपने समकक्ष जेम्स क्लेवरली से मुलाकात के दौरान भारतीय समुदाय की सुरक्षा एवं कल्याण को लेकर अपनी चिंता साझा की और इस संबंध में क्लेवरली से मिले आश्वासन का स्वागत किया है।
हम आपको बता दें कि ब्रिटेन में हुई एक ताजा घटना में वेस्ट मिडलैंड्स शहर के स्मेथविक इलाके के स्पॉन लेन स्थित दुर्गा भवन मंदिर के बाहर स्थानीय मुस्लिमों ने विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन के जो वीडियो सामने आये हैं उसमें दिख रहा है कि नकाबपोश लोगों का समूह चिल्ला रहा है और सामान फेंकता दिखायी दे रहा है। वीडियो में पुलिस अधिकारी मंदिर की बाड़ लांघने की कोशिश कर रहे इन नकाबपोशों में से कुछ को पकड़ कर खींचते हुए दिख रहे हैं। इस बीच वेस्ट मिडलैंड्स पुलिस ने एक बयान में जानकारी दी है कि स्मेथविक में विरोध प्रदर्शन के बाद कुछ मामूली अव्यवस्था हुई और एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने अपने बयान में कहा है कि हमने स्पॉन लेन स्थित मंदिर के पास पहले से पुलिस बल की तैनाती की थी जहां हमारे कुछ अधिकारियों की ओर पटाखे फेंके गए। शुक्र है कि इसमें कोई भी घायल नहीं हुआ। पुलिस ने कहा कि वह इस घटना में कुछ कारों के क्षतिग्रस्त होने की सूचना की पड़ताल कर रही है।
हम आपको बता दें कि विरोध प्रदर्शन का आह्वान कथित तौर पर स्थानीय मुस्लिम समूहों द्वारा किया गया था। माना जाता है कि परम शक्ति पीठ की संस्थापक साध्वी ऋतंभरा के ब्रिटेन दौरे का स्थानीय मुस्लिम समूहों द्वारा विरोध किया जा रहा था। इस विरोध को देखते हुए स्थानीय सैंडवेल पुलिस ने ट्वीट किया कि जिस व्यक्ति का विरोध किया जा रहा है उसका कार्यक्रम रद्द कर दिया गया है और उक्त व्यक्ति ब्रिटेन में नहीं है।
हम आपको बता दें कि बर्मिंघम में संघर्ष ऐसे समय हुआ है जब पिछले महीने के अंत में भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच के मद्देनजर पूर्वी ब्रिटेन के लेस्टर शहर में हिंदू और मुस्लिम समूह आपस में भिड़ गए थे। उसके परिणामस्वरूप पिछले कुछ हफ्तों में 47 व्यक्तियों की गिरफ्तारी हुई है। लंदन में भारतीय उच्चायोग ने लेस्टर में भारतीय प्रवासी समुदायों पर हमलों की कड़ी निंदा की। इसके बाद लंदन स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग ने मंगलवार को पाकिस्तानी प्रवासियों पर हमले की निंदा की।
इस बीच विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने ब्रिटेन की प्रधानमंत्री लिज ट्रस को पत्र लिख कर कहा है कि लेस्टर में 4 सितंबर के बाद से हिंसा में कट्टरपंथियों ने बड़ी संख्या में हिंदुओं उनके पूजा स्थलों उनके सांस्कृतिक और धार्मिक प्रतीकों को नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने दावा किया कि उपद्रवियों का यह हिंसक घृणित और चरमपंथी कृत्य पूरी तरह से एकतरफा है। उन्होंने प्रधानमंत्री लिज ट्रस से अनुरोध किया कि हिंदुओं के जीवन गरिमा और संपत्तियों की रक्षा के लिए तत्काल ठोस प्रयास किए जाएं।
आलोक कुमार ने कहा इस तरह के हिंसक और जघन्य घृणा-अपराधों में शामिल सभी लोगों पर कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जाए। ऐसे कड़े कदमों के बिना ब्रिटेन की शांति और सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचेगा। उन्होंने दावा किया कि लेस्टर में हिंदुओं के कई घरों और संपत्ति को नुकसान पहुंचा है तथा कई हिंदू परिवारों ने कई दिनों से अपने बच्चे स्कूल नहीं भेजे हैं।
उधर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ब्रिटेन में अपने समकक्ष जेम्स क्लेवरली से मुलाकात के दौरान देश में भारतीय समुदाय की सुरक्षा एवं कल्याण को लेकर अपनी चिंता साझा की। जयशंकर ने इस बारे में ट्वीट किया ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली से शानदार बातचीत हुई। रोडमैप 2030 को आगे ले जाने पर चर्चा हुई। दोनों देशों की भागीदारी को गहरा करने के लिए उनकी प्रतिबद्धता की सराहना करता हूं। उन्होंने कहा कि बातचीत में हिंद-प्रशांत यूक्रेन और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) संबंधी मामलों समेत कई वैश्विक मुद्दे शामिल रहे। जयशंकर ने कहा मैंने ब्रिटेन में भारतीय समुदाय की सुरक्षा और कल्याण को लेकर अपनी चिंता जाहिर की। इस संबंध में उनसे मिले आश्वासन का स्वागत करता हूं।