गहलोत का कहना है कि राजस्थान में नई खेल संस्कृति का निर्माण हो रहा है

गहलोत का कहना है कि राजस्थान में नई खेल संस्कृति का निर्माण हो रहा है

राजस्थान के मुख्यमंत्र अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य में खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ने के लिए अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि खेलने की कोई उम्र नहीं होती है। इसलिए ग्रामीण ओलंपिक खेलों में आयु की कोई सीमा नहीं रखी गई है। मैदान में दादा-पोता भी खेल रहे हैं। इससे प्रदेश में नई खेल संस्कृति बन रही है। गहलोत ने बृहस्पतिवार को भरतपुर जिले के कुम्हेर के पला गांव में ब्लॉक स्तरीय राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में नए खेल स्टेडियम संसाधनों और अन्य खेल सुविधाएं खिलाड़ियों को उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।


उन्होंने कहा कि राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों के जरिए अभी प्रतिभाओं की खोज की जा रही है। आगे अनुभवी खेल प्रशिक्षकों से उच्च स्तरीय प्रशिक्षण दिलाना और सर्वश्रेष्ठ खेल माहौल तैयार करना हमारी जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम आश्वस्त हैं कि ग्रामीण ओलंपिक की प्रतिभाएं भविष्य में अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता बनकर परिवार गांव और प्रदेश का नाम रोशन करेंगी। अब हर साल ग्रामीण ओलंपिक खेल होंगे और इनके बाद शहरी ओलंपिक खेल भी आयोजित कराए जाएंगे।


उन्होंने कहा कि ग्रामीण ओलंपिक में 30 लाख खिलाड़ियों ने रजिस्ट्रेशन कराया। इनमें लगभग 10 लाख महिला खिलाड़ी हैं। यह संख्या प्रदेश में बालिका प्रोत्साहन की दिशा में ऐतिहासिक है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बालिका शिक्षा में अनुकरणीय पहल की गई है। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय पदक विजेताओं के लिए राज्य सरकार द्वारा सम्मान राशि कई गुना बढ़ाई गई है।

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